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- जानें साबूदाना की ये...
नवरात्रि के फास्ट में लोग फलहारी करते हैं। ऐसे में वह कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा और सामक के चावल से रात के खाने को बनाते हैं। वहीं कुछ लोग कुट्टू के आटे को खाने से बचते हैं क्योंकि ये काफी गरम होता है, ऐसे में ये कई लोगों को सूट नहीं करता है। आज हम आपको बताने वाले हैं साबूदाना की तीन रेसिपी के बारे में। ये रेसिपी बेहद आसान हैं और ये मिनटों में बनकर तैयार हो जाती हैं। आइए जानते हैं
इसे बनाना बेहद आसान है इसके लिए आप सबसे पहले साबूदाना को रातभर भिगो कर रखें। फिर आलू, टमाटर, अदरक और हरी मिर्च को काट लें। अब एक कढ़ाई में घी गर्म करें और इसमें मूंगफली के दाने और आलू को तल लें। अब इस कढ़ाई में सिर्फ एक चम्मच घी रखें और बाकी को खाली कर दें। फिर इस घी में आधा चम्मच जीरा डालें चटकने के बाद इसमें हरी मिर्च और अदरक डालें। अब इसमें टमाटर डाल कर फ्राई करें। इसे अच्छे से भून कर इसमें तले हुए आलू और मूंगफली मिलाएं। अब इसमें सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर मिलाएं, अच्छे से मिक्स करें। अब साबूदाने को पानी से छान कर कढ़ाई में डालें। अच्छे से मिलाएं और 7 से 10 मिनट तक पकने दें। इतनी देर में साबूदाने का सारा पानी सूख जाएगा। अब धनिया से गार्निश करें और सर्व करें
साबूदाना वड़ा बनाने के लिए साबूदाने को 5 से 6 घंटे भिगो कर रखें। अब आलू उबालें और छिल कर इनमें सेंधा नमक, हरा धनिया, हरी मिर्च, काली मिर्च पाउडर, लाल मिर्च पाउडर को अच्छे से मिलाएं। अब इसमें साबूदाना डालें और अच्छे से मिक्स करें। अब एक कढ़ाई में घी गर्म करने के लिए रख दें। तब तक हाथों में थोड़ा घी लगाकर टिक्की बनाएं। अब मध्यम आंच पर गोल्डन रंग होने तक सेकें और हरी चटनी या फिर दही के साथ सर्व करें।
रात में राबूदाना को भीगो कर रखें। सुबह उठ कर एक बगोने में साबूदाना और थोड़ा सा पानी मिलाएं। इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाएं और इसे तब तक चलाएं जब तक ये गाढ़ा न हो जाए। जब इसकी कंसीसटेंसी थोड़ी गाढ़ी हो जाए तो इसे एक सूती कपड़े पर छोटे छोटे गोल आकार की पापड़ शेप में डालें और तेज धूप में सुखा दें। फिर इन्हें शाम की चाय के साथ तल कर खाएं।