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जानें तुलसी के पत्ते खाने का सही तरीका

Gulabi
10 Sep 2021 3:05 PM GMT
जानें तुलसी के पत्ते खाने का सही तरीका
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ये सब जानते हैं कि तुलसी के पत्ते आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं

ये सब जानते हैं कि तुलसी के पत्ते आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. लोग तुलसी का इस्तेमाल कई तरह से करते हैं और अलग-अलग तरीके से तुलसी का सेवन करते हैं. लेकिन, इस बीच एक बहस भी लगातार जारी रहती है कि तुलसी को किस तरह से खाना ठीक है. जैसे कई लोगों का कहना है कि इस चबाकर नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे दांत खराब हो सकते हैं. वहीं, कुछ डॉक्टर्स कुछ अलग बात कह रहे हैं.

ऐसे में जानते हैं कि आखिर तुलसी के पत्ते खाने का क्या सही तरीका है, इसके क्या फायदे हैं और इसके बारे में क्या क्या बातें कही जा रही हैं. साथ ही जानते हैं कि डॉक्टर्स का इसके बारे में क्या कहना है?
क्या होते हैं फायदे?
तुलसी के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो खांसी, जुकाम, सर्दी जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाते हैं और सांस प्रणाली को बेहतर बनाते हैं. साथ ही इसमें पाए जाने वाले एसिड से पाचन संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं. तुलसी के पत्ते में मौजूद अडैप्टोजेन स्ट्रेस को कम करने का काम करता है. इसके नियमित सेवन से रक्त संचार दुरुस्त होता है और नर्वस सिस्टम को राहत मिलती है. तुलसी के पत्तों से सिरदर्द में भी राहत मिलती है.
इसके अलावा जिन लोगों को एसिडिटी, गैस और अपच जैसी समस्या रहती है तो भी तुलसी का पत्ते का नियमित सेवन काफी राहत दे सकता है. इससे शरीर का पीएच लेवल भी संतुलित रहता है. तुलसी के पत्ते आपकी बॉडी को डिटॉक्स करते हैं और मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ाते हैं. तुलसी के पत्ते वजन कम करने में भी सहायक हैं.
कैसे खाना चाहिए?
रात में तुलसी के चार से पांच पत्तों को अच्छी तरह धोकर एक कटोरी में पानी डालकर भिगो लें. इन पत्तों को खाली पेट पानी से निगल जाएं. कटोरी का पानी भी पी लें. अगर आप पत्ते नहीं निगल सकते तो भीगे हुए पानी को ऐसे ही पी जाएं और पत्तों में थोड़ा और पानी डालकर उबालें फिर छानकर चाय की तरह पिएं. इसके अलावा आप चाय बनाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं. या फिर कहा जाता है कि इसे सीधे निगल लेना चाहिए यानी इसे चबाना नहीं चाहिए.
क्यों नहीं चबाना चाहिए?
कहा जाता है कि तुलसी के पत्तों में पारा और आयरन की मात्रा अधिक होती है, जो इन्हें चबाने पर निकल जाती है. ये खनिज आपके दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं और मलिनकिरण का कारण बनते हैं. इसके अलावा, तुलसी के पत्ते भी प्रकृति में थोड़े अम्लीय होते हैं और चूंकि हमारे मुंह में वातावरण क्षारीय होता है, इसलिए यदि नियमित रूप से बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो यह दांतों के इनेमल को खराब कर सकता है. इसलिए इसे चबाने की सलाह नहीं दी जाती है.
कौनसा तरीका है सही?
ये तो आपने भी कई बार सुना होगा कि तुलसी को चबाना नहीं चाहिए. इसके पीछे धार्मिक कारण भी है और धार्मिक कारणों की वजह से भी लोगों को तुलसी को चबाने की सलाह नहीं दी जाती है. लेकिन, आपने ये भी देखा होगा कि तुलसी के पत्तों से निकाले गए ताजे रस का उपयोग अक्सर मुंह के छालों के घरेलू उपचार के रूप में किया जाता है यानी इसका रस मुंह के लिए ठीक होता है. ऐसे में इसे चबाना कैसे गलत हो सकता है.
इसके अलावा कई रिपोर्ट्स में डॉक्टर्स का कहना है, 'ये तो सच है कि तुलसी में पारा होता है जो आपके दांतों की टैनिंग का कारण बन सकता है, लेकिन यह वास्तव में दांतों के लिए नुकसानदायक नहीं होता है. पारे से होने वाले नुकसान को लेकर कई बातें कोई रिसर्च सामने नहीं आई है. यह साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है कि तुलसी के पत्ते दांतों की सड़न पैदा कर सकते हैं. लेकिन, सलाह इसे निगलने की ही दी जाती है.
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