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डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज को हमेशा अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की चिंता लगी रहती है
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज को हमेशा अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की चिंता लगी रहती है। दवाओं के लगातार सेवन से भी शरीर पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में कुछ आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है औऱ जामुन की गुठली इसी उपाय का एक बहुत ही कारगर हिस्सा मानी जाती है।
जी हां, जामुन के बीज डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण कहे जाते हैं क्योंकि जामुन के बीजों के सेवन से शरीर में ब्लड शुगर कंट्रोल से बाहर नहीं हो पाता।
यूं तो जामुन गर्मियों में ही आते हैं लेकिन अगर आप उस मौसम में जामुम की गुठलियों को सुखाकर इसका पाउडर बनाकर रख लें तो सालभर तक इस पाउडर की मदद से ब्लड शुगर नियंत्रण में रहेगा।
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जामुन की गुठली में जंबोलीन और जंबोसिन नाम के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनके शरीर में जाने पर ब्लड में शुगर का संवहन यानी शुगर की रिलीज धीमी हो जाती है और इंसुलिन का लेवल ज्यादा हो जाता है।
इसके नियमित सेवन से बढ़ी हुई ब्लड शुगर कुछ ही दिनों में कम हो जाएगी और अगर आप रोज सुबह खाली पेट इस पाउडर को दूध या पानी के साथ लेंगे तो ब्लड शुगर कंट्रोल में रहने की संभावना ज्यादा हो जाती है।
कैसे तैयार करें जामुन की गठली का पाउडर-
सबसे पहले बाजार से ताजा और गहरे रंग के जामुन ले आएं।
इन्हें अच्छी तरह धोकर गुठली और गूदा अलग कर लें।
गुठलियों को अलग से अच्छी तरह धोएं और पोंछ कर धूप में सूखने के लिए रख दें।
कुछ दिनों तक धूप में रखने के बाद ये अच्छी तरह सूख जाएंगी तो इनका वजन हल्का हो जाएगा।
अब इनके ऊपर का पतला सा छिलका उतार लें और इन गुठलियों को मिक्सी में पीसकर बारीक पाउडर बना लें।
पाउडर को एक साफ जार में भरकर रख लें और रोज इसका एक छोटा चम्मच पाउडर को दूध के साथ लें।
अगर आप दूध या पानी के साथ जामुन की गुठली के पाउडर को लेना नहीं चाहते तो आप इसकी स्मूदी बनाकर पी सकते हैं या किसी अन्य शेक वगैरा में मिक्स करके पी सकते हैं।
Ritisha Jaiswal
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