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जानें कैसे करें असली और नकली कुट्टू के आटे की पहचान
चैत्र नवरात्र शुरू हो चुके हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा के भक्त पूरे नौ दिनों तक फलाहार के लिए कुट्टू के आटे का सेवन करते हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैत्र नवरात्र शुरू हो चुके हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा के भक्त पूरे नौ दिनों तक फलाहार के लिए कुट्टू के आटे का सेवन करते हैं। कुट्टू का मेडिकल नाम फैगोपाएरम एफक्यूलैंटम है। इसे अंग्रेजी में बकव्हीट कहते हैं। नवरात्रि में कुट्टू के आटे की डिमांड बढ़ने की वजह से मुनाफाखोर भी कुट्टू के आटे में मिलावट करके उसे बेचना शुरु कर देते हैं। जिसका सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है। मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से अल्सर, पाइल्स, कैंसर और लीवर से जुड़ी कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा पैदा हो सकता है। ऐसे में अपनी आस्था और सेहत दोनों बनाए रखने के लिए जानें कैसे करें असली और नकली कुट्टू के आटे की पहचान।
रंग से पहचानें-
कुट्टू के आटे का रंग गहरा भूरा होता है। कुट्टू के आटे में मिलावट या खराब होने पर सबसे पहले उसका रंग बदल जाता है। इस स्थिति में कुट्टू के आटे का रंग ग्रे या हल्का हरा हो सकता है।
आटा गूंथते समय होती है परेशानी-
खराब या मिलावटी कुट्टू का आटा गूंथते समय बिखर जाता है।
क्वालिटी चैक करें-
कुट्टू के आटे को खरीदने से पहले उसे छूकर देखें। अगर आटा खुरदुरा है और इसमें बीच-बीच में काले दाने दिखाई दे रहे हैं तो ये आटा न खरीदें। इस आटे में फगंस लगी होने के कारण खराब हो गया है।
लंबे समय के लिए न करें स्टोर-
कुट्टू एक प्रकार का अनाज है,जो ठंडे इलाकों में पाया जाता है। इसे ज्यादा दिन तक स्टोर करके रखने से इसमें फंगस की समस्या भी पैदा हो सकती हैं। यही वजह है कि इसे लंबे समय तक स्टोर करने की सलाह नहीं दी जाती है।
इन बातों का रखें ध्यान-
-कुट्टू के आटे को उपयोग करने से पहले छानना न भूलें।
-कुट्टू के आटे को गूंथते वक्त इसमें सेंधा नमक सीधा न डालकर पानी में मिक्स करके ही डालें।
-हमेशा अच्छे ब्रांड का ही आटा खरीदें। इससे आटे में मिलावट की संभावना कम रहती है।
-कभी भी खुला आटा नहीं खरीदना चाहिए। खुले कुट्टू के आटे में मिलावट सबसे ज्यादा की जाती है।
Tara Tandi
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