लाइफ स्टाइल

सही जूते चुनने का जानें, सही तरीक़ा

Kajal Dubey
4 May 2023 1:44 PM GMT
सही जूते चुनने का जानें, सही तरीक़ा
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मर्लिन मुनरो ने कहा था,“किसी भी लड़की को एक जोड़ी सही जूते दें और फिर देखें वह किस तरह दुनिया फ़तह करती है.” हो सकता है आपका जी सबसे ऊंचे हील्स वाले स्टिलटोज़ को चुनने का कर रहा हो, लेकिन ऐसा करने से पहले ज़रा एक बार अपनी पीठ और पैरों के बारे में भी सोच लें. अमेरिकन पोडिएट्रिक मेडिकल एसोसिएशन (एपीएमए) द्वारा वर्ष 2009 में किए गए एक सर्वे में शामिल 42 प्रतिशत महिलाओं ने माना कि यदि तकलीफ़देह या असुविधाजनक जूते पहनने पर वे ख़ूबसूरत नज़र आएंगी तो वे उन्हें पहन लेंगी. इनमें से 73 प्रतिशत महिलाओं को पहले से ही जूतों से जुड़ी पैरों की समस्याएं थीं. पैरों की समस्याएं छोटे-मोटे दर्द से शुरू होकर किसी गंभीर दर्द या चोट का रूप ले सकती हैं. इससे बचने के लिए जब आप जूते ख़रीदने जाती हैं तो इन कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें.
सही चुनाव
हालांकि ज़्यादातर जूतों के नाप एक तय स्टैंडर्ड के होते हैं, लेकिन कुछ ब्रैंड्स में थोड़ा-बहुत फ़र्क होता है. इसके अलावा हममें से ज़्यादातर लोग कई सालों तक एक ही नाप के जूते पहनते हैं और मान लेते हैं कि हमारा नाप नहीं बदलने वाला. उम्र, सेहत में बदलाव और माहौल के अनुसार आपके जूतों के नाप के बदलने की पूरी संभावना रहती है. सही जूते चुनने के लिए सबसे पहले सही नाप चुनना ज़रूरी है और इसके लिए आपको हर बार अपने पैरों का नाप लेना चाहिए. इसके अलावा सुबह-सुबह जूते नापने के बजाय दोपहर या शाम के समय नापे, जब आपके पैर थोड़े थके हुए (ऐसे समय में आप सबसे कम्फ़र्टेबल शूज़ चुनेंगी) और सूजे हुए होते हैं. यदि आप अपने ऑर्थोपेडिक द्वारा दिया गया कोई शू इन्सर्ट्स इस्तेमाल करती हैं या मोजे के साथ अपने जूते पहनती हैं तो नापते वक़्त उन्हें साथ ले जाएं. आसपास थोड़ी देर चलकर देखें, यदि वे थोड़े भी असुविधाजनक लगते हों तो न ख़रीदें. यदि कोई जूता बिलकुल सही बैठ रहा हो और आरामदेह लग रहा हो तो नाप की तरफ़ ध्यान न दें. हिलेरी बी ब्रेनर, पोडिएट्रिक सर्जन और प्रवक्ता, एपीएमए की सलाह है कि यदि आपको हील्स पहनना ही है तो दो इंच से ज़्यादा ऊंचे हील वाले जूते न चुनें.
How to choose right footwear?
जांचें अपना शेड्यूल
हम कैरी ब्रैडशॉ (सेक्स ऐंड सिटी का एक काल्पनिक क़िरदार) नहीं हैं जो पार्क में 4 इंच ऊंचे हील्स के साथ वॉक करें या फिर अपने कुत्ते का पीछा करें! अतः जूते ख़रीदने से पहले इसकी ज़रूरत तय कर लें. वॉक करने, दौड़ने या फिर सुपरमार्केट जाने के लिए अच्छे ऐथलेटिक शूज़ ख़रीदें. ज्योत्सना जॉन, फ़िटनेस इंस्ट्रक्टर और पर्सनलाइज़्ड ट्रेनिंग स्टूडियो द यूनिट की संस्थापक, चेन्नई कहती हैं,“जब बात दौड़ने या बहुत देर तक पैदल चलने की हो तो ऐसे जूते चुनें जो अंगूठे के पास काफ़ी चौड़े हों और उनके सोल्स कम्फ़र्टेबल हों. बड़े, असंतुलित सोल्स का चुनाव न करें, जिनका दावा होता है कि वे आपको ज़्यादा मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित कर वज़न घटाने में मदद करेंगे. इस तरह के जूते आपके संतुलन को बिगाड़ेंगे और ऐंकल के चोटिल होने की संभावनाओं को बढ़ाएंगे.” यदि आप वेट ट्रेनिंग के लिए जूते चुन रही हैं तो बेहद सादे और पतले सोल्स का चुनाव करें. “जितना सोल पतला होगा, उतना ही बेहतर होगा. जब आप वेट उठाते हैं तो ज़मीन से आपके पैरों का संपर्क ज़्यादा से ज़्यादा होना चाहिए, ताकि आपको ज़्यादा से ज़्यादा संतुलन मिल सके और मांसपेशियां बेहतर तरीक़े से सक्रिय हों. बेरफ़ुट शूज़ भी एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं,” वे आगे जोड़ती हैं. हील पर पर्याप्त शॉक ऐब्ज़ॉबर्स हों, इसकी भी जांच करें-एयर कुशन्स बेहतर होते हैं. ऑफ़िस के लिए पम्प्स अच्छे होते हैं. कम हील्स वाले ये जूते 4 से 5 घंटों तक रुक-रुक कर चलने के लिए आरामदेह होते हैं. यदि आपको काम के सिलसिले में बहुत ज़्यादा चलने की ज़रूरत पड़ती है तो क्लासिक लेस-अप ऑक्सफ़ोर्ड्स और बूट्स उपयुक्त रहेंगे. शाम की आउटिंग के लिए स्टिलटोज़ के बजाय कम्फ़र्टेबल प्लैटफ़ॉर्म्स या अंगूठे और हील्स की ऊंचाई में कम अंतर वाले वेजेस भी चुन सकती हैं. ज्योत्स्ना कहती हैं,“अपने हील्स और सख़्त सोल वाले जूतों को ऐसे कार्यक्रमों में पहनें जो 1-2 घंटे से ज़्यादा समय के न हों. यदि आप लंबे समय तक खड़ी रहनेवाली हैं तो अच्छे, कम्फ़र्टेबल जूतों का चुनाव करें, वर्ना दिन के अंत में पिंडलियों में अकड़न और पैरों व एड़ियों में दर्द होगा. यदि आपको अक्सर ही इन्हें पहनना पड़ता है तो फ़ोम रोलर्स का इस्तेमाल कर पैरों की एक्सरसाइज़ करें और अपने पैरों को नियमित रूप से स्ट्रेच करें.” घर पर रबर स्लीपर्स या कम्फ़र्टेबल फ़्लिप-फ़्लॉप्स पहनें.
तलवों का रखें ख़्याल
आम ग़लतफ़हमी है कि हील्स के बजाय फ़्लैट्स अच्छे होते हैं. लेकिन सच्चाई यही है कि कई फ़्लैट्स आपके तलवों के आकार यानी फ़ुट आर्च को पर्याप्त सपोर्ट नहीं करते, जिसका असर आपके पैरों पर पड़ सकता है. जिससे आपके पैर सही ढंग से काम नहीं कर पाते और इससे घुटनों, कूल्हों व पीठ संबंधी इसकी समस्याएं हो सकती हैं. तलवों के आकार को ठीक तरह से सपोर्ट न मिलने पर प्लैंटर फ़ैस्टिस जैसी समस्या होने की संभावना रहती है, जिसमें एड़ियों के आसपास बहुत दर्द होता है. यदि आपको आर्च लेस यानी तलवों के आकार को सपोर्ट न करनेवाले जूते पहनना है तो ऑर्थटिक इन्सर्ट्स का इस्तेमाल करें, ताकि संवेदनशील हिस्सों पर कम से कम दबाव बने.
अंगूठों को खुला छोड़ें
नुकीले हील्स वाले सैंडल्स और जूते आपको चाहे कितने ही अच्छे क्यों न लगें, जितना हो सके उन्हें न पहनें. जो जूते आपके पैरों के स्वाभाविक आकार को बदलते हैं, वे न केवल आपके अंगूठे को मसल देते हैं, बल्कि आपके पूरे शरीर और पैरों के वज़न को अंगूठों पर डालते हैं. बहुत सोच-समझकर जूते चुनें, क्योंकि ये बन्यन, कैलेसेस और कॉर्न्स की समस्या भी दे सकते हैं. कुछ डॉक्टर्स ख़राब फुटवेअर की समस्याओं को ठीक करने के लिए फ़ुट इंजेक्शन्स की सलाह दे सकते हैं. यह विकल्प न चुनें; इसके प्रभाव अस्थाई हैं और इंजेक्शन्स से नर्व इंजरी और संक्रमण का जोख़िम बना रहता है.
सोच-समझकर तय करें
“शूज़ पहनना डाइटिंग करने जैसा होता है... कितने घंटों तक उन्हें पहने रखना है, इसका हिसाब पहले ही कर लेना होता है. आप डिज़र्ट खाने की तरह ख़राब जूते पहन सकते हैं, लेकिन हर खाने के साथ आप डिज़र्ट नहीं खा सकते!” कहती हैं हिलेरी. अतः कोई विशेष कार्यक्रम है और आप उस अवसर पर वो ख़ूबसूरत-से, लेकिन सेहत के लिए ख़राब जूते पहनना चाहती हैं तो ज़रूर पहनें, बस इसकी आदत न लगाएं.
पैरों का यूं रखें ख़्याल
• यदि आप घंटों जूते पहनकर रखनेवालों में से हैं तो सिलिकॉन मेटाटार्सल पैड्स का इस्तेमाल करें.
• यदि आपको हील्स पहनना ही है तो मोटे से मोटा हील्स पहनें, ताकि पूरा दबाव एड़ी पर न पड़े.
• ऐसे जूते चुनें, जो आपके पैरों को सांस लेने का मौक़ा दें. जितना हो सके सिंथेटिक के बजाय नैसर्गिक मटेरियल्स से बने जूते पहनें.
• लगातार ख़राब गुणवत्तावाले जूतों का इस्तेमाल करने से हील्स से काफ़ तक फैले फ़ाइब्रस टीशूज़ एकिलीज़ टेंडन पर दबाव बन सकता है. इससे बहुत ज़्यादा दर्द हो सकता है, यहां तक कि जूते न पहने होने पर भी!
• ऐसे जूते न चुनें, जिनमें आपके पैर तक़रीबन पूरे-पूरे अंगूठे पर खड़े नज़र आते हों. स्लोप जितना कम होगा जूता उतना बेहतर होगा.
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