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जाने अनजाने में छोटी गलती भी आपकी आंखों के लिए पड़ सकती है भारी
आंखों को मलना
जानबूझकर या अनजाने में हम अपनी आंखों को दिन भर मलते रहते हैं. कभी-कभी ऐसा फ्रेश महसूस करने के लिए करते हैं तो कभी आंखों के अंदर पड़े हुए कण को निकालने के लिए करना पड़ता है. लेकिन अगर आपको ऐसी आदत है तो फौरन छोड़ दीजिए क्योंकि आप बैक्टीरिया और कीटाणुओं को अपनी आंखों में ले जा रहे हैं. आंखों का गुलाबी होना भी इसी की वजह से होता है.
आंखों के मलने का गंभीर परिणाम हो सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमेशा के लिए इससे कॉर्निया को नुकसान पहुंच सकता है. इसके अलावा आंखों के आसपास की नाजुक नस भी टूट सकती है.
एक्सपायरी मेकअप आंखों पर लगाना
जब मेकअप की बात आती है तो हम मुश्किल से ही उसके एक्सपायरी होने को चेक कर पाते हैं. मेकअप इस्तेमाल करने वाले खराब, नकली और एक्सपायरी सामग्री से बेखबर रहते हैं. एक ही काजल, लाइनर और कोहल पेंसिल का लंबे समय तक इस्तेमाल न करें. इससे आंखों में जलन और आंखों का खराब संक्रमण हो सकता है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओपथैलमोलॉजी ने सुझाया है कि तीन महीने बाद आंखों के मेकअप को हटा देना चाहिए.
गलत सनग्लास का इस्तेमाल
धूप से भी आंखों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है. धूप से आंखों को बचाने के लिए एक विकल्प अच्छी गुणवत्ता का सनग्लास लगाना है. सनग्लास इस्तेमाल कर न सिर्फ आप सुंदर दिखाई देंगे बल्कि आखों को स्वस्थ भी रखने के काम आएगा. सनग्लास सूर्य से निकलनेवाली अल्ट्रावायलेट किरणों से रक्षा करता है. इसके अलावा स्किन को भी सुरक्षा मुहैया कराता है. इसलिए गुणवत्तापूर्ण सनग्लास पर रकम निवेश करें.
मेकअप किए हुए बिस्तर पर जाना
अगर आप सोचते हैं कि सिर्फ स्किन से मेकअप को हटाना काफी है तो आप गलत हैं क्योंकि आपकी आंखें स्किन से ज्यादा संवेदनशील होती हैं. ब्रश और टिश्यू से पलकों और स्किन को आप दुरुस्त करते हैं. अगर आप आंखों के मेकअप के साथ सो जाते हैं तो ये कॉर्निया के अंदर चला जाएगा. जिससे संक्रमण और सुर्खी आ जाएगी. इसलिए सोने से पहले आंखों को साफ करना कभी न भूलें. इस बात का भी ख्याल रखें कि जब आंखों को साफ करने जा रहे हैं तो प्राकृतिक क्लीनर का इस्तेमल करें. केमिकल युक्त क्लीनर के इस्तेमाल से बचें.