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प्रेग्नेंसी के दौरान खान-पान का खास ख्याल रखने की ज़रूरत होती है। खासतौर पर डॉक्टर फलों के सेवन पर ज़ोर देते हैं। फलों का सेवन आपको फायदा ही पहुंचाता है, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा कोई भी चीज़ नुकसान पहुंचा सकती है। आज हम बात कर रहे हैं जामुन की। प्रेग्नेंसी के दौरान जामुन खाते वक्त किन बातों का ख्याल रखना ज़रूरी है।
प्रेग्नेंसी में जामुन ज़रूर खाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि यह फल खूब सारे एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो होने वाले की सुरक्षा कर उसके विकास को बढ़ावा देता है। जो महिलाएं मां बनने वाली हैं, वे दिन में 8 से 10 जामुन खा सकती हैं। साथ ही इस फल के फायदे भी जान लें।
प्रेग्नेंसी में जामुन खाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
खाली पेट जामुन कभी न खाएं।
जामुन खाने के तुरंत बाद दूध न पिएं।
जामुन का छुलका या फिर गूदा गिरने से आसानी से खराब हो जाता है। आमतौर पर इसे पेड़ को हिलाकर नीचे गिराया जाता है। ऐसे में जामुन साफ और ताज़ा हो तो ही खाएं।
जामुन को खाने से पहले अच्छी तरह से धो लें।
ज़रूरत से ज़्यादा जामुन न खा लें।
प्रेग्नेंसी के दौरान कब जामुन नहीं खाने चाहिए?
1. अगर आपको किडनी स्टोन हो जाते हैं
जामुन ऑक्सालेट से भरपूर फल है। किडनी की पथरी तब बनती है, जब ऑक्सालेट कैल्शियम से बंध जाता है। अगर आपकी किडनी में स्टोन्स बन जाते हैं, तो आपके डॉक्टर ने आपको पहले से ही ऑक्सालेट से भरपूर फूड्स खाने से मना किया होगा। तो ऐसे में आपको जामुन भी नहीं खाने चाहिए।
2. अगर आपका वज़न कम है
प्रेग्नेंसी के दौरान अगर आपका वज़न कम है, तो बेहतर है कि आप जामुन की जगह दूसरे फल खाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि जामुन में कैलोरी बेहद कम होती है, जिससे वज़न नहीं बढ़ता है।
3. अगर जामुन सड़ा हुआ लग रहा है
अगर जामुन फ्रेश और साफ नहीं लग रहे हैं, तो बेहतर है कि इन्हें न खाएं।