लाइफ स्टाइल

जानें क्यों हर साल मनाते हैं वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे, जानें इतिहास और महत्व

Apurva Srivastav
18 May 2024 3:26 AM GMT
जानें क्यों हर साल मनाते हैं वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे, जानें इतिहास और महत्व
x
लाइफस्टाइल : एड्स (AIDS) एक गंभीर बीमारी है, जो कई बार जानलेवा तक साबित हो सकती है। हालांकि, आज भी समाज में इसे लेकर जागरूकता की कमी है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है। ऐसे में इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने और इसकी वैक्सीन विकसित करने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 18 मई को वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे (World AIDS Vaccine Day 2024) मनाया जाता है।
इस मौके पर आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे इस खास दिन का इतिहास और इसके महत्व के बारे में। साथ ही यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर एड्स क्या है और इसके कारण क्या होते हैं।
विश्व एड्स वैक्सीन दिवस का इतिहास
साल 1998 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (NIAID) ने इस दिन की शुरुआत की थी। यह दिन एचआईवी वैक्सीन विकसित करने के लिए तत्कालीन संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के आह्वान की याद दिलाता है। उन्होंने साल 1997 में मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में अपने भाषण ने एड्स के लिए एक वैक्सीन विकसित करने की जरूरत पर प्रकाश डाला।
विश्व एड्स वैक्सीन दिवस का महत्व
वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे एचआईवी वैक्सीन की जरूरत और इसकी रिसर्च पर प्रकाश डालता है। इस दिन, दुनिया भर में लोग एड्स से अपनी जान गंवाने वाले लाखों लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं और वैश्विक स्तर पर इस बीमारी के प्रतिकूल प्रभाव पर प्रकाश डालते हैं। विश्व एड्स वैक्सीन दिवस एचआईवी/एड्स के बारे में शिक्षा और मिथकों को दूर करने का अवसर भी प्रदान करता है।
एड्स क्या है?
एड्स, जिसे एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) भी कहते हैं, एक गंभीर स्थिति जो ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) के कारण होती है। यह वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है और सीडी4 सेल्स को निशाना बनाता है, जो संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए जरूरी हैं। एड्स का निदान तब किया जाता है, जब एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति की इम्युनिटी गंभीर रूप से कमजोर हो जाती है। सही समय पर इलाज न किए जाने पर यह जीवन के लिए खतरा बन सकता है।
एड्स के लक्षण
एड्स के लक्षणों में बुखार, जोड़ों का दर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, सूजी हुई ग्रंथियां, पसीना आना (विशेषकर रात में), शरीर पर लाल चकत्ते और थकान शामिल हैं।
कैसे फैलता है एड्स?
एचआईवी खून, वीर्य, ​​वेजाइनल डिस्चार्ज, एनल फ्लूइड और ब्रेस्ट मिल्क के जरिए फैल सकता है। यह वायरस असुरक्षित यौन संबंध और एचआईवी संक्रमित खून से दूषित सुई या सीरिंज शेयर करने से फैल सकता है। यह बीमारी गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान एचआईवी संक्रमित मां से बच्चे में भी फैल सकता है।
Next Story