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लाइफ स्टाइल
जानिए क्यों ओवेरियन कैंसर स्टेज में इसके लक्षण दिखायी नहीं देते
Deepa Sahu
6 May 2024 8:00 AM GMT
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लाइफस्टाइल: ओवेरियन कैंसर दिवस: ओवेरियन कैंसर (डिंबग्रंथि का कैंसर) हर उम्र की महिलाएं अपना शिकार बना सकती हैं। लेकिन, देखा गया है कि आम तौर पर पोस्ट से मेनोपॉज़ल आयु वर्ग की महिलाएं इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। डिम्बग्रंथि कैंसर का निदान डायग्नोसिस एडवांस स्टेज में हो पाता है, क्योंकि प्रारंभिक स्टेज में इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते।
एडवांस स्टेज का ओवेरियन कैंसर पेट में खराब, पेट फूलना, थकान, घबराहट, अनिद्रा, एसोसिएटेड एसोसिएट्स और पेट में असामान्य ब्लीडिंग जैसे गैर-विशिष्ट नाम के रूप में सामने आता है। ये लक्षण गैर-विशिष्ट होते हैं, इस कारण से अक्सर रोगी भी हेल्थकेयर पेशेवरों से परामर्श के लिए देरी से संपर्क करते हैं।
डिम्बग्रंथि कैंसर दिवस
अंडाशयी कैंसरअल्ट्रासाउंड स्टेज के ओवेरियन कैंसर का पता लगाने के लिए ऐसा कोई भी डॉक्यूमेंट्री टेस्ट उपलब्ध नहीं है जिस पर आंख मूंदकर भरोसा किया जा सके। हालाँकि कुछ काजल CA125 और अल्ट्रासाउंड जैस जांच से इस रोग को पकड़ना आसान होता है, आवेदक व्यक्ति में ही डॉक्टर से संपर्क करना शुरू कर देता है। जब भी आपकी नेशनली (फर्स्ट डिग्री) एथलीटों को ओवेरियन या ब्रेस्ट कैंसर हो तो जैमलाइन म्युटेशन जैसे बीआरसीए1 और बीआरसीए2 म्युटेशनल एने बस का पता लगाने वाले प्रयोगशाला परीक्षण उपलब्ध होते हैं।
ओहियो में, हर साल करीब 250,000 न्यू ओवेरियन कैंसर के मामले सामने आते हैं। निदान में देरी की वजह से इलाज में देरी होती है। ओवेरियन कैंसर का निदान करने के लिए अल्ट्रासाउंड टिश्यू डायग्नोसिस सबसे कारगर तरीका है। इसके साथ ही, ओवेरियन कैंसर के प्रकार की पुष्टि करने के लिए अन्य कई जांच जैसे मॉलीक्यूलर का परीक्षण भी किया जाता है। डिम्बग्रंथि कैंसर के विभिन्न प्रकार के निदान के साथ-साथ यह भी बताया जा सकता है कि कौन सा हिस्टीकोलॉजी और चरण अनुमोदित है।
अंडाशयी कैंसर
डिम्बग्रंथि के कैंसर के देर से निदान से महत्वपूर्ण परिणाम हो सकते हैं। डिम्बग्रंथि कैंसर दिवस, 8 मई को मनाया गया महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी तरह के कैंसर में, ओवेरियन कैंसर के मामले में पांच साल की सर्वाइवल दर सबसे कम है। कुछ नुस्खे के अनुसार, 60 साल से कम उम्र की महिलाओं में, ओवेरियन कैंसर का शीघ्र पता लगाने पर इलाज किया जा सकता है जो कि प्राकृतिक आधार पर खतरनाक होता है। प्रारंभिक चरण में, कुछ नए गैर-इनवेसिव उपचारों का भी उपयोग किया जा सकता है। अधिक उम्र की महिलाओं में ओवेरियन कैंसर के निदान के साथ-साथ अन्य कई रुग्णताएं भी सामने आती हैं। ऐसे में ऑपरेशन की कोई बड़ी सर्जरी भी संभव नहीं है। सबसे पहले उन्हें सर्जरी और कीमोथेरेपी के लिए तैयार करना जरूरी है।
यह भी देखा गया है कि डिम्बग्रंथि कैंसर से प्रभावित युवतियां, ब्रह्मचारी या मठ से चली गईं लेकिन उनके पास बच्चे नहीं थे, महिलाओं का इलाज शुरू होने में बार-बार देरी होती है। इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे मनोवैज्ञानिक और पारिवारिक से लेकर आर्थिक सहायता भी उपचार विकल्प प्रभावित करते हैं। बेशक, समय में बहुत सारे संरचनात्मक तत्व मौजूद हैं और यह इतना स्पष्ट है कि प्रारंभिक चरण में निदान और समय पर उपचार शुरू होने से डिम्बग्रंथि कैंसर से पीड़ित महिलाओं के बेहतर कौशल में काफी हद तक सहायता मिलती है। यदि फैमिली फैमिली जेनेटिक टेस्टिंग का उपयोग किया जाना चाहिए और जैमरलाइन म्युटेशन होना चाहिए, तो निरंतर निगरानी रखना जरूरी है ताकि शुरुआत में ही इस रोग का पता चल सके या रोग से बचाव के लिए उपचार शुरू किया जा सके।
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