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इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि माइक्रो ऑर्गेनिज्म हमारे वातावरण में हमेशा मौजूद रहते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि माइक्रो ऑर्गेनिज्म हमारे वातावरण में हमेशा मौजूद रहते हैं और वे संक्रमण फैलाने के लिए लगातार रूप बदलते रहते हैं। कोविड-19 महामारी ने इस तथ्य को और भी उजागर कर दिया है कि हमारी प्रतिरोधक प्रणाली ही इन वायरस और बैक्टेरिया का मुकाबला करने में सबसे पहले काम आते है।
इम्यून सिस्टम मजबूत बनाने के उपाय? सही खानपान, व्यायाम और पर्याप्त नींद के साथ सेहतमंद जीवनशैली बनाए रखना, प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं। लेकिन अक्सर हमारे खानपान में पोषक तत्वों का सही मिश्रण या पर्याप्त मात्रा नहीं होती है।
अच्छी खबर यह है कि मल्टीविटामिन सप्लिमेंट्स (multivitamin supplements) के इस अंतर को भरा जा सकता है। बैंगलोर स्थित नारायणा हृदयालय में सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ. महेश कुमार आपको बता रहे हैं कि बेहतर सेहत के लिए मल्टीविटामिन क्यों जरूरी हैं।
विटामिन की कमी के नुकसान
भारत में माइक्रोन्यूट्रिएंट तत्वों की कमी सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र की एक प्रमुख चुनौती है। देश में बड़ी संख्या में लोग विटामिन की कमी की समस्या का सामना करते हैं और वह भी इसके कारणों और जोखिमों के बारे में जाने बिना। इन विटामिनों की कमी से प्रतिरोधक प्रणाली पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है। विटामिन डी की कमी से करीब 80-90 फीसदी आबादी पीड़ित है। प्रीस्कूल में पढ़ने वाले करीब 19 फीसदी बच्चे और 32 फीसदी किशोर जिंक की कमी का सामना कर रहे हैं।
विटामिन की कमी के कारण
विटामिन की कमी के बढ़ते दायरे के पीछे कई वजहें हैं जिनमें खराब जीवनशैली, मोटापा, ज्यादा मात्रा में एल्कोहॉल पीना, खराब खानपान, तनाव और व्यायाम की कमी जैसी चीजें शामिल हैं।
विटामिन की कमी के दुष्प्रभाव
लंबे समय तक कमी की वजह से सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और इसके परिणामस्वरूप बार-बार संक्रमित होना, कमज़ोरी, थकान, सांस लेने में दिक्कत होना, चक्कर आना, हृदय की अनियमित धड़कन, वजन में कमी, मांसपेशियों में कमजोरी और हाथों व पैरों में सुन्न होने जैसी समस्याएं होती हैं।
मल्टीविटामिन और मिनरल क्यों जरूरी?
विटामिन और मिनरल कम मात्रा में ही सही, लेकिन शरीर के सही तरह कामकाज करने के लिए जरूरी हैं। इनमें से भी विटामिन बी, सी और डी और ज़िंक, क्रोमियम और सेलेनियम जैसे मिनरल हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, विटामिन सी और जिंक से मिलने वाले एंटीऑक्सिडेंट हमें सांस संबंधी बीमारियों से बचाते हैं। इसके अलावा, विटामिन डी का कम स्तर होने सांस संबंधी बीमारियों जैसे इंफ्लूएंज़ा और एलर्जिक अस्थमा जैसी बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। दरअसल, यह जानना कि किस पोषक तत्व से आपकी प्रतिरोधक प्रणाली को ताकत मिलती है और उससे आपको सेहतमंद जीवन जीने में मदद मिल सकती है व संक्रमण की गंभीरता को कम किया जा सकता है।
विटामिन की सबसे ज्यादा जरूरत किसे?
गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को भी डॉक्टर की सलाह से नियमित तौर पर सप्लीमेंट लेने से फायदा हो सकता है। उच्च रक्तचाप का सामना कर रहे मरीज़ों को नियमित व्यायाम, नियमित तौर पर सूर्य की रोशनी में जाने और संतुलित खानपान जैसी जीवनशैली संबंधी बदलावों की सलाह के साथ जिंक सप्लीमेंट दिया जा सकता है। इसलिए सुझाव दिया जाता है कि आप अपने विटामिन के स्तर की जांच कराते रहें और कोई भी मल्टीविटामिन लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें क्योंकि गलत दवा लेना खतरनाक हो सकता है।
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