लाइफ स्टाइल

जानिए क्‍यों जरूरी है भोजन को चबाकर खाना?

Rani Sahu
12 Feb 2022 2:55 PM GMT
जानिए क्‍यों जरूरी है भोजन को चबाकर खाना?
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मुंह में 32 दांत होते हैं, इसलिए एक कौर को 32 बार चबाओ

मुंह में 32 दांत होते हैं, इसलिए एक कौर को 32 बार चबाओ. आप सबने अपनी दादी-नानी से ऐसी या इससे मिलती-जुलती कहावतें सुनी होंगी. घर मे बड़े-बुजु्र्ग हमेशा टोकते रहते हैं कि खाना खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए. जल्‍दी-जल्‍दी बिना चबाए खाना निगलने पर बार-बार टोका जाता है. यहां तक कि डांट भी पड़ जाती है.

हमें कई बार लगता है कि पेट में जाकर तो खाने को पचना ही है. फिर मुंह को इतनी मेहनत करने की क्‍या जरूरत. ऐसा नहीं है. जो काम मुंह का है, वो पेट नहीं कर सकता. ये तो वैसा ही हुआ कि अपने हिस्‍से का काम और जिम्‍मेदारी किसी और के सिर पर डाल दी जाए.
चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर खाना खूब चबा-चबाकर खाना क्‍यों जरूरी है.
ptyalin हॉर्मोन और चबाने की जरूरत
हमारे मुंह‍ से ptyalin नाम का एक हॉर्मोन रिलीज होता है. ये हॉर्मोन हमारी लार के जरिए रिलीज होता है और जब हम भोजन को चबा-चबाकर खाते हैं तो ptyalin उस भोजन में अच्‍छी तरह मिल जाता है. यह हॉर्मोन भोजन को सुपाच्‍य बनाने में मदद करता है.
चूंकि हमारे भोजन का एक बड़ा हिस्‍सा कार्बोहाइर्डेट होता है और वो कार्बोहाइर्डेट में मौजूद शर्करा और विटामिन ही सबसे पहले ptyalin हॉर्मोन की मदद से सुपाच्‍य बनने की पहली प्रक्रिया को पूरा करते हैं.
भोजन चबाएंगे नहीं तो पेट फूल जाएगा
अगर हम खाने को चबा-चबाकर न खाएं तो हमारा पेट फूल जाएगा. ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि फिर हमारी आंतों को भोजन को पचाने के लिए ज्‍यादा मेहनत करनी पड़ती है. इसके अलावा हमारी लार या स्‍लाइवा में एक किस्‍म का क्षारीय तत्‍व भी होता है. स्‍लाइवा का यह क्षारीय गुण उस एसिड का काम करता है, जिसकी भोजन को पचाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका है.
पाचन दुरुस्‍त रहता है
भोजन को चबा-चबाकर खाने का सबसे जरूरी लाभ तो यह है कि इससे पाचन दुरुस्‍त रहता है. खाना जल्‍दी और आसानी से पचता है. पेट में गैस नहीं बनती. पेट खराब होने या लूज मोशन होने की संभावना कम हो जाती है. साथ ही भोजन के बेहतर ढंग से पचने का एक लाभ ये होता है कि अपनी आंतें भोजन से जरूरी पोषक तत्‍वों को ज्‍यादा सक्षमता के साथ अवशोषित कर पाती है.
खाने का जो हिस्‍सा ढंग से पचता नहीं है, वो जरूरी पोषक तत्‍वों के साथ ही शरीर से बाहर भी निकल जाता है. उससे शरीर को कोई पोषण प्राप्‍त नहीं होता है. इसलिए खाने को चबाकर खाना कोई जबर्दस्‍ती की गैरजरूरी मेहनत करना नहीं है बल्कि हमारे भोजन का सबसे प्राथमिक, जरूरी और बुनियादी हिस्‍सा है.
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