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आजादी दिवस
साल 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद हर साल 15 अगस्त को पूरे हिंदुस्तान में हर्षों उल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस साल भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।
स्वतंत्रता दिवस हिंदुस्तान के लिए एक ऐसा दिन होता है, जब हर भारतीय उन जांबाज शहीदों और हस्तियों को याद करता है, जिन्हें आजादी दिलवाने में अपनी जान तक कुर्बान कर दी थीं।
लेकिन अगर आपसे यह पूछा जाए कि 15 अगस्त को ही पूरे देश में आजादी दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है तो फिर आपका जवाब क्या होगा? इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर 15 अगस्त को ही भारत में आजादी दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है।
15 अगस्त क्यों मनाया जाता है?
हम सभी लोग जानते हैं कि पूरे देश में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि आखिर 15 अगस्त को ऐसा क्या हुआ था कि इस दिन खुशी हर तरफ खुशी का माहौल रहता है।
दरअसल, 15 अगस्त 1947 को तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत से हिंदुस्तान को आजादी मिली थी। आजादी मिलने के बाद एक तारीख निर्धारित किया गया, जिस दिन पूरा देश स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाएगा। ऐसे में 15 अगस्त को भारत के लिए स्वतंत्रता दिवस के लिए चूना गया।
साल 1948 में मिलने वाली आजादी 1947 में ही कैसे मिली?
कहा जाता है कि अंतिम वॉयसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत की आजादी के लिए साल 1948 तय किया था, लेकिन कई वर्षों और महीनों के संघर्ष, कठिनाई और हर दिन खराब हो रहे परिस्थितियों को देखते हुए लॉर्ड माउंटबेटन को विवश होना पड़ा और भारत की स्वतंत्रता का दिन 1948 से 1947 करना पड़ा। ऐसे में लॉर्ड माउंटबेटन ने 15 अगस्त को आजादी का दिन चूना।
15 अगस्त को ही आजादी दिवस क्यों चुना गया?
यह कहा जाता है कि भारत को 18 जुलाई 1947 को ही आजादी मिल गई थी, लेकिन फिर भी 15 अगस्त का दिन इसके लिए चूना गया। इसके पीछे की कहानी के बारे में कहा जाता है कि तत्कालीन और अंतिम वॉयसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने जापान के द्वितीय विश्व युद्ध में समर्पण की दूसरी सालगिरह को भारत की आज़ादी का दिन चुना, क्योंकि वो इस दिन को अपने लिए शुभ मनाता था। ऐसे में 15 अगस्त को भारत के लिए आजादी दिवस के रूप में चूना गया।
15 अगस्त 1947 का दिन क्यों खास था?
15 अगस्त 1947 हिंदुस्तान अपना पहला आजादी दिवस मना रहा था और उस दिन शुक्रवार था। कहा जाता है कि लॉर्ड माउंटबेटन के अलावा देश के कई महान ज्योतिषियों ने भी ग्रह नक्षत्रों के लिहाज से 15 अगस्त 1947 को आजादी के लिए शुभ दी माना था।
क्या पहले 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था?
कहा जाता है कि 1930 से लेकर 1946 तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। हालांकि, यह कहा जाता है कि 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता कांग्रेस द्वारा मनाया जाता था। इसके बाद 1947 में बदलकर 15 अगस्त कर किया गया और संविधान बनने के बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस और 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। (राशि के अनुसार बहन को दें उपहार)
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