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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नवरात्रि Navratri() के दौरान कुछ लोग लगातार नौ दिन का व्रत करते हैं। यह 9 दिन का उपवास (9 Day fasting) आपको अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है। लेकिन आपके पूरे डाइट पैटर्न में बदलाव के कारण यह एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं भी पैदा कर सकता है। अगर आप भी हर बार इस समस्या से परेशान रहती हैं, तो हम यहां आपको बता रहे हैं कि इससे कैसे बचा (how to deal with constipation while fasting) जा सकता है।
उपवास के दौरान लोग आमतौर पर फलाहार का सेवन करते हैं। अनाज, दालों आदि का सेवन न होने के कारण कभी-कभी कब्ज का सामना करना पड़ सकता है। आपका पेट साफ नहीं होता है, और यह आगे सुस्ती का कारण बनता है। इतना ही नहीं, कब्ज का अगर सही समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो यह कई अन्य बीमारियों का खतरा भी पैदा कर सकता है।
ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी है कि इसके कारण क्या हैं।
जानिए लंबी फास्टिंग के दौरान क्यों हो जाती है कब्ज (Know why you feel constipation during long fasting)
1. आहार में फाइबर की कमी
व्रत के दौरान अनाज का सेवन नहीं किया जाता। इसके कारण आपके आहार में फाइबर की भारी कमी हो जाती है। कम फाइबर सामग्री के कारण आपको मल त्याग करने में परेशानी हो सकती है।
2. अधिक चाय का सेवन
व्रत के समय लोग चाय का अधिक सेवन करते हैं। अधिक चाय पीने से आपकी आंत पर प्रभाव पड़ता है और यह आपके भोजन को ठीक से पचने नहीं देती और इससे कब्ज हो जाती है।
3. देर रात तक जागना
नवरात्रि के साथ ही डांडिया या गरबा नाइट्स लोगों की इस नौ दि की दिनचर्या में शामिल हो जाता है।
लोग अक्सर माता की चौकी या जगराता जैसे धार्मिक-सामाजिक समारोहों में भी जाते हैं। ऐसे में देर से सोना और जल्दी उठना आपके पाचन चक्र को खराब कर सकता है। जिसका परिणाम होता है कब्ज!
4. लगातार खाना
कई लोग उपवास के दौरान ज्यादा खाना शुरू कर देते हैं। इन दिनों आहार में अनाज की कमी के कारण वे हमेशा भूख महसूस करते हैं। इस वजह से फलों के सेवन के बीच ज्यादा समय नहीं होता है। आपके भोजन को पचने में समय लगता है और अगर आप उसे उतना समय नहीं देते हैं, तो इससे कब्ज की समस्या हो सकती है।
चलिए जानें नवरात्रि व्रत के दौरान कब्ज से बचने के उपाय:
1. नींबू पानी या तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं
व्रत के दौरान सादे पानी का सेवन बढ़ा दें। इसके साथ ही आपको नींबू पानी, नारियल पानी और छाछ जैसे तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इससे आपका पेट ठंडा रहेगा और कब्ज की समस्या भी नहीं होगी। यह आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स के स्तर को भी बढ़ाता है, जो आपको हर समय सक्रिय रहने में मदद कर सकता है।
2. चाय और कॉफी की मात्रा कम करें
व्रत में विभिन्न नियमों का पालन किया जाता है। कुछ लोग केवल फल लेते हैं जबकि कुछ लोग सुस्ती से छुटकारा पाने के लिए चाय या कॉफी पीते हैं।
चाय और कॉफी दोनों में मौजूद कैफीन आपको पेट की समस्या दे सकता है। यदि आप इनका अधिक सेवन करते हैं, तो कब्ज होना स्वाभाविक है। बेहतर होगा कि आप व्रत के दौरान चाय और कॉफी कम पिएं।
3. दही का सेवन जरूर करें
अक्सर लोग व्रत के दौरान रात के समय कुट्टू के आटे से बनी पूरियां या फिर सिंघाड़े का हलवा खाते हैं।ये पेट पर बहुत भारी हो सकते हैं और पचने में अधिक समय ले सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप अपने आहार में दही जरूर शामिल करें। साथ ही रात का खाना खाने और सोने के बीच अच्छा अंतराल हो, ताकि भोजन को पचने का समय मिल सके।
4. फलों और सब्जियों के बीच उचित अंतराल सुनिश्चित करें
कम अंतराल पर बहुत अधिक भोजन करने से कब्ज हो सकती है। अपने पेट को पाचन के लिए पर्याप्त समय देना महत्वपूर्ण है। इसलिए अगर आपको भूख लगती है, तो कम मात्रा में स्नैक्स या फल ही खाएं। साथ ही लंबे समय तक भूखे रहने से भी एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इसलिए अपने फलों और सब्जियों के बीच उचित समय का अंतर रखें।
न्यूज़ सोर्स: healthshots
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