लाइफ स्टाइल

जानिए क्यों आशीर्वाद हमेशा सीधे हाथ से ही दिया जाता है

Deepa Sahu
19 May 2024 1:10 PM GMT
जानिए क्यों आशीर्वाद हमेशा सीधे हाथ से ही दिया जाता है
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लाइफस्टाइल: आशीर्वाद हमेशा सीधे हाथ से ही क्यों दिया जाता है हिंदू धर्म में शास्त्रों का विशेष महत्व बताया गया है, शास्त्रों के द्वारा बताए गए नियमों का पालन करने से घर में हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है व्यक्ति को जीवन में कभी भी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है, वहीं अगर जाने अनजाने में हम कुछ नियमों का पालन नहीं करते हैं तो जीवन में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शास्त्र में एक नहीं दो नहीं बल्कि अमूमन सभी चीजों में कुछ ना कुछ नियम जरूर बताए गए हैं। ऐसे ही कुछ नियम आशीर्वाद को लेकर भी बताए गए हैं।
क्या आपने कभी सोचा है कि आशीर्वाद हमेशा दाहिने यानी सीधे हाथ से ही क्यों दिया जाता है आशीर्वाद देने के लिए उल्टे हाथ का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता है? अगर नहीं तो आज हम आपको इस लेख में विस्तार से बताएंगे। आपने अक्सर देखा होगा कि हम रोजमर्रा के अधिक काम सीधे हाथ से ही करते हैं खासतौर पर शुभ कार्य, मांगलिक कार्य या फिर पूजा पाठ से जुड़े कार्य हम सीधे हाथ से ही करते हैं। ठीक इसी प्रकार ऐसा भी माना जाता है कि सीधे हाथ यानी दाहिनी हाथ से आशीर्वाद मिलने या देने पर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है, चलिए इसे विस्तार से समझते हैं।
सिर्फ दाहिने हाथ से ही क्यों दिया जाता है आशीर्वाद
हिंदू धर्म में, दाहिने हाथ को सूर्य देव का प्रतीक माना जाता है, जो कि ऊर्जा, शक्ति और सकारात्मकता का प्रतीक हैं। इसलिए, दाएं हाथ से आशीर्वाद देना शुभ माना जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दाहिना हाथ सूर्य ग्रह से प्रभावित होता है। सूर्य ग्रह को आत्मा का कारक भी माना जाता है। यह माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति दाहिने हाथ से आशीर्वाद देता है, तो वह अपनी आत्मा की शुभ ऊर्जा को दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित करता है। इसके अलावा, दाहिने हाथ को कर्म का हाथ भी माना जाता है। इसलिए, दाहिने हाथ से आशीर्वाद देने से व्यक्ति को शुभ कर्म करने की प्रेरणा मिलती है।
दाएं हाथ में होती है सकारात्मक ऊर्जा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मनुष्य के शरीर के दाएं भाग को सकारात्मक और शक्तिशाली माना जाता है, जबकि बाएं भाग को नकारात्मक और कमजोर। यह माना जाता है कि दाहिने हाथ में सूर्य देव का वास होता है, जो ऊर्जा और शक्ति के प्रतीक हैं। इसलिए, दाएं हाथ से आशीर्वाद देना सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करने का एक तरीका माना जाता है। जब कोई व्यक्ति दाहिने हाथ से आशीर्वाद देता है, तो वह अपनी सकारात्मक ऊर्जा को दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित करता है, जिससे उन्हें शक्ति, सफलता और संपन्नता प्राप्त करने में मदद मिलती है। इसलिए, दाहिने हाथ से आशीर्वाद देने से व्यक्ति को शुभ कर्म करने की प्रेरणा मिलती है और नकारात्मक विचारों से दूर रहने में मदद मिलती है।
दाहिना हाथ आता है ज्यादा काम में
मनुष्य शरीर रचना विज्ञान में, दाहिना हाथ आमतौर पर बाएं हाथ की तुलना में अधिक सक्रिय और मजबूत होता है। यह अधिक मांसपेशियों और तंत्रिका कनेक्शन के कारण होता है जो मस्तिष्क के बाएं गोलार्ध से जुड़े होते हैं, जो शरीर के दाहिने हिस्से को नियंत्रित करता है। इसके परिणामस्वरूप, अधिकांश लोग खाने, लिखने और अन्य कार्यों को करने के लिए अपने दाहिने हाथ का उपयोग करते हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी, दाहिने हाथ को पवित्र और शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में, दाहिने हाथ को सूर्य देव का प्रतीक माना जाता है, जो शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत हैं। इसलिए, आशीर्वाद देने, पूजा करने और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को करने के लिए दाहिने हाथ का उपयोग किया जाता है।
ज्योतिष के अनुसार क्या माना जाता है
ज्योतिष शास्त्र में, मनुष्य के शरीर के विभिन्न अंगों का संबंध ग्रहों से माना जाता है। दाहिने हाथ को सूर्य ग्रह और सिंह राशि का प्रतीक माना जाता है। सूर्य को शक्ति, साहस, आत्मविश्वास और नेतृत्व का ग्रह माना जाता है। इसलिए, दाहिने हाथ को आशीर्वाद देने के लिए शुभ माना जाता है, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा और शुभकामनाओं का प्रतीक है। सिंह राशि भी अग्नि तत्व से संबंधित है, जो उत्साह, जीवन शक्ति और रचनात्मकता का प्रतीक है। इसलिए, दाहिने हाथ का उपयोग कार्यों को करने और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है।
बाएं हाथ से क्यों नहीं दिया जाता है आशीर्वाद?
हिंदू धर्म और संस्कृति में, बाएं हाथ को अशुद्ध माना जाता है, जबकि दाहिने हाथ को पवित्र माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में, बाएं हाथ का संबंध रजोगुण और तामसिक गुणों से जुड़ा होता है, जो नकारात्मकता और अशुद्धता का प्रतीक हैं। बाएं हाथ का उपयोग अशुद्ध कार्यों जैसे कि शौचालय जाने, नाक साफ करने और जूते उतारने के लिए किया जाता है, जिसके कारण इसे अशुद्ध माना जाता है।
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