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जानें क्यों Covid -19 से पीड़ित मरीजों के लिए 5 से 10 दिन महत्वपूर्ण होते हैं?

Tara Tandi
13 May 2021 12:06 PM GMT
जानें क्यों Covid -19 से पीड़ित मरीजों के लिए 5 से 10 दिन  महत्वपूर्ण होते हैं?
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Covid​​-19 के मामले हर दिन बढ़ते जा रहे हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | Covid​​-19 के मामले हर दिन बढ़ते जा रहे हैं और वायरस के फैलने पर पाबंदी लगाने के लिए राज्य सरकारें सख्त नियम और पूर्ण लॉकडाउन लागू कर रही हैं. जैसे-जैसे अस्पताल बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और दूसरी मेडिकल फैसिलिटीज बाहर हो रहे हैं, डॉक्टर हल्के या मध्यम संक्रमण वाले Covid​​-19 वाले रोगियों को घर पर रहने की सलाह दे रहे हैं. हालांकि, कई लोग नहीं जानते कि वो लक्षण आने की स्थिति में अपनी देखभाल कैसे करें और 14 दिन के रिकवरी पीरियड के दौरान 5 से 10 दिन इतने महत्वपूर्ण क्यों होते हैं?

जब से देश में दूसरी लहर आई है, तब से वायरस इतना घातक हो गया है कि हल्के मामले भी बदतर हो सकते हैं. यही वजह है कि कोरोनोवायरस से उबरने के लिए शुरुआती 5 से 10 दिन महत्वपूर्ण होते हैं. इसलिए अगर आप कोई ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके वायरस का टेस्ट पॉजिटिव आया है और वो घर पर मौजूद हैं, तो यहां आपको कुछ चीजें याद रखने की जरूरत है-

रिकवरी लक्षणों पर निर्भर करती है

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, COVID-19 से रिकवरी पूरी तरह से 5 दिन के बाद के लक्षणों पर निर्भर करती है क्योंकि संक्रमण के शुरुआती दिन समझ में ही नहीं आते हैं. कई रोगी लक्षणहीन होते हैं या कुछ को हल्के लक्षणों का अनुभव होता है और यही वजह है कि 5 दिन के बाद वास्तविक गंभीरता निर्धारित की जा सकती है. इतना ही नहीं, ये कॉम्पलीकेशन को जानने में भी मदद करता है कि एक मरीज को संक्रमण का सामना करने की संभावना है.

लक्षण क्या हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है?

5वें दिन से, लक्षण 'दूसरे चरण' में प्रवेश करते हैं, जिसमें इम्यूनिटी सिस्टम वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी का प्रोडक्शन करती है. इस पीरियड के दौरान, रोगी के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जैसे कि ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट, बुखार में वृद्धि, श्वसन लक्षण, भारीपन आदि, जो नियमित अंतराल पर लक्षणों की निगरानी के लिए जरूरी बनाते हैं.

सबसे ज्यादा जोखिम किसे है?

संक्रमण और रिकवरी की गंभीरता को निर्धारित करने में आयु महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जो रोगी मोटापे, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, इम्युनो-कॉम्प्रोमाइजिंग स्थितियों से पीड़ित हैं, वो ज्यादा जोखिम में हैं.

संक्रमण खराब होने पर क्या करें?

समय पर पता लगाने से रोगी को बचाने में मदद मिल सकती है, इसलिए अगर मरीज गंभीर हो जाते हैं तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को सलाह के लिए बुलाएं या रोगी को उचित देखभाल के लिए अस्पताल में शिफ्ट करें.


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