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जानिए ओवरईटिंग की आदत से किन बीमारियों का है खतरा

Tara Tandi
10 May 2021 10:12 AM GMT
जानिए ओवरईटिंग की आदत से किन बीमारियों का है खतरा
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हम सभी जानते हैं ओवरईटिंग की वजह से मोटापा बढ़ता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हम सभी जानते हैं ओवरईटिंग (Overeating) की वजह से मोटापा बढ़ता है. ये हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है. इसकी वजह से मोटापा बढ़ने लगता है और कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी: एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित अध्ययन कहता है कि कभी- कभार ओवरईटिंग करने से कोई साइइफेक्ट नहीं होता है. लेकिन रोजाना ओवरईटिंग करने से शरीर में फैट जम जाता है, जिसकी वजह से वजन बढ़ने लगता है और डायबिटीज समेत अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. आइए जानते हैं ओवरईटिंग किस तरह अपकी सेहत के लिए नुकसानदायक है.

फैट का जमना
ओवरईटिंग से डाइजेशन प्रोसेस धीरे हो जाता है. जिसकी वजह से आपके पेट में लंबे समय तक खाना जमा हो जाता है. इसकी वजह से आपका वजन बढ़ने लगता है और आप मोटापे से जूझने लगते हैं.
टाइप- 2 डायबिटीज का खतरा
ओवरईटिंग से वजन अधिक हो जाता है जिसकी वजह से आप टाइप 2 डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं. अमेरिकन डायबिटीज एसोशिएशन का कहना है कि क्रोनिक ओवरईटिंग की वजह से ब्लड सेल्स में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है. इसकी वजह से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
सोने के पैटर्न पर असर पड़ता है
ओवरईटिंग की वजह से सुस्ती हो सकती है और सोने के पैटर्न को प्रभावित करता है. अधिक खाने की वजह से पेट की परेशानी हो सकती हैं और आपके लिए सोना भी मुश्किल हो सकता है.
हृदय स्वास्थ्य के जोखिम को बढ़ाता है
अधिक खाने की वजह से हृदय से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ओवरईटिंग की वजह से स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं जो हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करते हैं. अगर किसी व्यक्ति को हृदय की समस्या है तो ओवरईटिंग की वजह से ये खतरा 4 गुना बढ़ जाता है.
दिमाग सही से काम नहीं कर सकता है
खाने में बहुत अधिक कैलोरी खाने की वजह से याददाश्त कमजोर हो सकती है. ओवरईटिंग की वजह से यूरोग्रैलाइन हार्मोन का उत्पादन सही से नहीं होने की वजह से दिमाग के सिग्नल ढंग से काम नहीं कर पाते हैं.
ओवरईटिंग को रोकने के टिप्स
1. कई लोग बस इसलिए इतना ज्यादा खाते हैं क्योंकि उनकी भूख शांत नहीं होती है. कुछ समय बाद दोबारा भूख लग जाती है.
2. बेहतर पाचन के लिए धीरे-धीरे खाना खाएं और अपना भोजन ठीक से चबाएं.
3. फाइबर से भरपूर भोजन खाएं क्योंकि यह आपको अधिक समय तक फुल रखता है.
4. भूख बढ़ाने वाले हार्मोन घ्रेलिन की भूख के स्तर को कम करने के लिए डाइट में प्रोटीन शामिल करें.


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