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लाइफ स्टाइल
गर्भवती महिलाओं के लिए व्रत रखना सुरक्षित है या नहीं, जानें
Bhumika Sahu
8 Oct 2021 6:10 AM GMT

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इन दिनों नवरात्रि का त्योहार चल रहा है, इसके बाद 24 अक्टूबर को करवाचौथ आ जाएगा, जिसमें महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं के लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि उनके लिए व्रत सुरक्षित है या नहीं और अगर वो व्रत रहती हैं तो किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नवरात्रि (Navratri 2021) का पावन पर्व 7 अक्टूबर से शुरू हो चुका है. मां दुर्गा की आराधना के इन दिनों में लोग नौ दिनों तक मातारानी के लिए व्रत रखते हैं और विशेष पूजा अर्चना करते हैं. जो लोग पूरे नौ दिन व्रत नहीं रख पाते वे नवरात्रि में दो व्रत एक साथ जोड़े से रखते हैं, या फिर पहले दिन और अष्टमी के दिन व्रत रखते हैं. मातारानी के व्रत के इन पावन दिनों में सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन में गर्भवती महिलाएं होती हैं. वे समझ नहीं पातीं कि उन्हें व्रत रखना चाहिए या नहीं क्योंकि गर्भावस्था के दौरान उन्हें अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है.
महिलाओं को संशय रहता है कि व्रत रखने से कहीं उनके बच्चे को कोई नुकसान न पहुंचे. वहीं नवरात्रि के कुछ दिनों बाद ही करवाचौथ (Karwa Chauth 2021) का त्योहार भी आता है, जिसमें महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं के व्रत से जुड़े इस संशय को दूर करना बहुत जरूरी है. आइए आपको इस मौके पर बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं के लिए व्रत रखना सुरक्षित है या नहीं.
पहली तिमाही में व्रत का विचार भी न लाएं
ज्यादातर विशेषज्ञ प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह के व्रत को न रखने की सलाह देते हैं. जिन महिलाओं को तीन महीने से कम का गर्भ है, उन्हें तो व्रत रखने के बारे में विचार भी मन में नहीं लाना चाहिए क्योंकि शुरुआती महीनों में महिला को उल्टी, घबराहट, जी मिचलाना, सिरदर्द आदि कई तरह की परेशानियां होती हैं. ऐसे में व्रत रखने से समस्याएं बढ़ सकती हैं.
इन हालातों में भी सुरक्षित नहीं होता है व्रत
इसके अलावा तीसरी तिमाही में भी व्रत रखना सुरक्षित नहीं माना जाता. ऐसे में चक्कर आने का खतरा बढ़ता है. वहीं गर्भावस्था के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज, एनीमिया या गर्भ में एक से अधिक बच्चा हो, तो ऐसे में व्रत काफी खतरनाक साबित हो सकता है. लेकिन अगर आपका केस सामान्य है और किसी तरह की समस्या नहीं है, तो विशेषज्ञ की सलाह लेकर व्रत रख सकती हैं. लेकिन इसके लिए काफी सावधानी बरतने की जरूरत होती है.
विशेषज्ञ अनुमति दें तो इन बातों का ध्यान रखना जरूरी
1. चाहे नवरात्रि का व्रत हो या करवाचौथ का, कोई भी व्रत विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही रखना चाहिए और निर्जल व्रत के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए.
2. हर दो घंटे के अंतराल में थोड़ा-थोड़ा करके खाती पीती रहें. व्रत के दौरान अधिक से अधिक लिक्विड चीजें जैसे नारियल पानी, छाछ, जूस आदि लें ताकि शरीर को पोषक तत्व मिलते रहें.
3. भरपूर मात्रा में पानी पिएं ताकि डिहाइड्रेशन की समस्या न हो. तली भुनी चीजों के बजाय पौष्टिक चीजें ज्यादा से ज्यादा खाएं और कॉफी या चाय का सेवन बहुत कम करें.
4. दिनभर में दो से तीन तरह के फल जरूर खाएं, ताकि शरीर को एनर्जी मिले. व्यायाम या कोई भारी काम से बचें.
5. सेंधा नमक का सेवन जरूर करें. नमक न लेने से शरीर में कमजोरी आ सकती है. अच्छी तरह से नींद लें, ताकि तनाव की स्थिति पैदा न हो.
6. व्रत के दौरान बच्चे के मूवमेंट का ध्यान रखें. किसी भी तरह की समस्या होने पर विशेषज्ञ को दिखाएं.

Bhumika Sahu
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