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जानिए क्या है इस सबसे पसंदीदा और कूल-कूल आइसक्रीम के जन्म की कहानी

Tara Tandi
1 April 2022 4:58 AM GMT
जानिए क्या है इस सबसे पसंदीदा और कूल-कूल आइसक्रीम के जन्म की कहानी
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जानिए क्या है इस सबसे पसंदीदा और कूल-कूल आइसक्रीम के जन्म की कहानी

मौसम कोई सा भी हो आइसक्रीम खाने का मजा ही अलग होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं। आइसक्रीम के इस रूप को हमारी प्लेट तक आने में हजारों सालों का वक्त लगा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मौसम कोई सा भी हो आइसक्रीम खाने का मजा ही अलग होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं। आइसक्रीम के इस रूप को हमारी प्लेट तक आने में हजारों सालों का वक्त लगा है। अलग-अलग देशों और सभयताओं में इस कूल सी डेजर्ट को तैयार किया गया है। स्वाद से लेकर बनाने के तरीके से गुजरते हुए आज कई सारे फ्लेवर में आइसक्रीम हमारी आपके हाथ में होती है। तो चलिए जानें क्या है इस सबसे पसंदीदा और कूल-कूल आइसक्रीम के जन्म की कहानी।

सबसे पहले भारतीयों की बात करें तो करीब पांच सौ सालों से भारतीय कुल्फी का मजा ले रहे हैं। कुल्फी के पीछे भी कहानी है कि बादशाह अकबर को खुश करने के लिए ठंडे डेजर्ट को बनाया गया था। जिसकी रेसिपी आइने अकबरी और अकबरनामा जैसे साहित्य में लिखी गई है। अकबर को खुश करने के लिए बर्फ लाने के लिए घुड़सवारों के बीच रेस रखी गई थी। जो हिमाचल के चूर चंद्र धार से बर्फ के टुकड़े लाने गए थे।
हालांकि अगर आइसक्रीम के जन्म की बात करें तो कुल्फी शब्द एक पारसी शब्द है। जिससे जाहिर होता है कि कुल्फी का जन्म सबसे पहले ईरान या पारस में हुआ होगा। कुल्फी आमतौर पर कंडेस्ड फ्लेवर्ड दूध से बनाई जाती है। जिसे किसी धातु के कंटेनर में बंदकर जमाया जाता है। वहीं दूसरी तरफ छठी शताब्दी ईसा पूर्व से ही ईरानी फलों के जूस को बर्फ में मिलाना जानते थे। ग्रीक और अरब के साथ ही ये ठंडी आइसक्रीम पश्चिम तक पहुंची।
वहीं फ्रांस का शासक नीरो भी फलों के रस से बनीं आइसक्रीम खाता था। वहीं चीन के राजा पांच हजार ईसा पूर्व कुल्फी जैसी डिश खाते थे। वहां के युवराज झांगहुई के मकबरे पर बनीं पेंटिंग में कुछ महिलाएं आइसक्रीम खाती बनी हैं। वहीं इटली की राजकुमारी ने अपने विवाह के बाद फ्रांस में कुछ इटेलियन शेफ लाई थी। जो बर्फ से बनीं रेसिपी जानते थे।
वहीं अमेरिका में क्वेकर मूवमेंट के लोग आइसक्रीम को लेकर आए. जो इंग्लैंड से आकर यहां बसे थे। बेंजामिन फ्रेंकलिन और जॉर्ज वाशिंगटन आइसक्रीम पसंद करने वाले थे। जो इसे खाने के साथ ही अपने मेहमानों को जरूर सर्व करवाते थे। 1851 में इंसुलेटेड आइस हाउस के अविष्कार के बाद आइसक्रीम बड़े पैमाने पर बनाई जाने लगी। जिसके बाद ये आम आदमी के पहुंच तक हो गई।
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