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लाइफ स्टाइल
COVID-19 and Black Fungus, ब्लैक फंगस और कोविड-19 के बीच क्या संबंध है, जानिए
Admin4
19 May 2021 12:15 PM GMT

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COVID-19 and Black Fungus देश में कोरोना के मरीज़ों के साथ ही ब्लैक फंगस के मरीज़ों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ती जा रही है। मेडिसिननेट की एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड -19 के साथ-साथ ही म्यूकोरमायकोसिस भी हो सकता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोनावायरस ने पूरी दुनियां को हलकान कर रखा है, इस वायरस की वजह से लाखों लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना के बदलते स्वरूप ने लोगों की मुश्किले बढ़ा रखी है। जहां कोरोनावायरस से लोग बेहद डरे हुए थे, उसी के साथ अब म्यूकोरमायकोसिस जिसे ब्लैक फंगस कहते हैं लोगों के लिए परेशानी का सबब बना गया है। देश में कोरोना के मरीज़ों के साथ ही इन मरीज़ों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ती जा रही है। मेडिसिननेट की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड -19 के साथ-साथ म्यूकोरमायकोसिस भी हो सकता है। यह बीमारी उन मरीज़ों को हो सकती है जो गंभीर रूप से बीमार हैं या जिन्हें आईसीयू में रखा जा रहा है या जिन्हें मधुमेह या एचआईवी जैसी बीमारियां हैं।
क्या है म्यूकोरमायकोसिस? और यह कब होता है?
म्यूकोरमायकोसिस यानी ब्लैक फंगस आंखों की बीमारी है जिसका शिकार होने पर मरीज की आंखों की रोशनी तक जा सकती है। आईसीएमआर ने बताया है कि यह बीमारी शरीर में बहुत तेजी से फैलती है जिससे बॉडी के कई अंगों पर असर पड़ सकता है। आपको बता दें कि फंगल इंफेक्शन कोरोना से ठीक होने के बाद या ठीक हो रहे मरीजों में देखने को मिल रहा है। भारत में ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आए हैं। यह फंगल इंफेक्शन नया है जिसपर तेजी से रिसर्च चल रही है जल्द ही इस पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
कोरोनावायरस और म्यूकोरमायकोसिस
यह बीमारी म्यूकोर्मिसेट्स नामक सूक्ष्म जीवों के एक समूह के कारण होती है, जो पर्यावरण में प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं, और ज्यादातर मिट्टी में तथा पत्तियों, खाद एवं ढेरों जैसे कार्बनिक पदार्थों के क्षय में पाए जाते हैं। आमतौर पर हमारा इम्यून सिस्टम ऐसे फंगल संक्रमण से आसानी से लड़ लेता है, लेकिन कोविड-19 हमारे इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाईयां इम्यून सिस्टम पर असर डालती है। इन कारकों के कारण कोविड-19 मरीजों को म्यूकोर्मिसेट्स जैसे सूक्ष्म जीवों के हमले के खिलाफ लड़ाई में विफल होने के नए खतरे का सामना करना पड़ता है।
ब्लैक फंगस के लक्षण:
ब्लैक फंगस ज्यादातर उन्हीं मरीजों में देखने को मिला है जो कि डायबिटीज से पीड़ित हैं। ऐसे मरीजों को डायबिटीज पर कंट्रोल रखना चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक फंगस के कारण सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद या साइनस के अलावा देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
म्यूकोरमायकोसिस या ब्लैक फंगस होने का कारण:
ये फंगल संक्रमण मोल्डों के समूह के कारण होता है जिसे म्यूकोरमायकोसिस कहा जाता है। ये मोल्डो पूरे वातावरण में रहते हैं। म्यूकोरमायकोसिस या ब्लैक फंगस मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हैं या जो दवाएं ले रहे हैं और जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है।
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