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मोटापे से ग्रस्त लोग कई प्रयास करने के बाद भी सकारात्मक परिणाम न मिलने पर निराश हो जाते हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मोटापे से ग्रस्त लोग कई प्रयास करने के बाद भी सकारात्मक परिणाम न मिलने पर निराश हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि वो वजन को कम नहीं कर सकते। वहीं, यदि यह कहा जाए कि व्यायाम व भोजन में बदलाव करने के साथ-साथ चाय पीने की आदत को बदलने पर मोटापा कम हो सकता है, तो कई लोगों को इस पर यकीन ही नहीं होगा। जी हां, ग्रीन टी (Green Tea) न सिर्फ वजन को कम करती है, बल्कि विभिन्न तरह के कैंसर, हृदय रोग और लीवर की समस्याओं से बचाने में सहायता कर सकती है।
जानिए क्या है वेट लॉस और ग्रीन टी का कनेक्शन
ग्रीन-टी में एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी, EGCG, एक प्रकार का कैटेचिन) नामक कंपाउंड होता है। यह वजन कम करने में मददगार हो सकता है। इस हर्बल चाय में कई अन्य प्रकार के गुण भी होते हैं और उन्हीं में से एक है एंटीऑक्सीडेंट। यह गुण मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन घटा सकता है। इसके अलावा, यदि इसका सेवन एक्सरसाइज के साथ किया जाए, तो यह फैट को कम करने का कार्य भी कर सकती है। इसी संबंध में एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के शोध को प्रकाशित किया गया है। इस शोध में बताया गया है कि ग्रीन-टी पीने से मोटापा संबंधी परेशानी दूर हो सकती हैं। यह मेटाबॉलिक रेट दर को बढ़ाकर हर समय थोड़ी-थोड़ी कैलोरी को कम करने में मदद मिल सकती है। इसमें मौजूद योगिक फैट बर्निंग हॉर्मोन को सक्रिय कर सकते हैं।
1. कम कैलोरी
डाइट में कैलोरी की मात्रा ज्यादा होने और शारीरिक गतिविधि कम होने से मोटापे का खतरा हो सकता है, जिससे कई तरह की शारीरिक परेशानी हो सकती हैं। वहीं, ग्रीन टी के एक कप यानी 245 ग्राम में केवल 2.45 कैलोरी होती है। कम कैलोरी होने के कारण इसे पीने से वजन नहीं बढ़ता है और साथ ही यह वजन को कम करने में भी लाभकारी हो सकती है। यह प्राकृतिक पेय है, जिसे तैयार करने में केवल 5 से 7 मिनट लगते हैं।
2. कैटेचिन से भरपूर ग्रीन टी
ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (Epigallocatechin gallate) यानी ईजीसीजी पाया जाता है, जो कैटेचिन का एक प्रकार होता है। कैटैचिन चाय में पाया जाने वाला एक प्रकार का फेनोलिक कंपाउंड होता है। ग्रीन टी में कुल कैटिचिन का 50- 80 % ईजीसीजी होता है। ग्रीन टी में मौजूद इस ईजीसीजी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीओबेसिटी, एंटीकैंसर और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जापानी रिसर्च के मुताबिक, यदि 12 सप्ताह तक प्रतिदिन 690 मिलीग्राम कैटेचिन का सेवन किया जाए, तो इससे बाॅडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और शरीर का फैट कम हो सकता है।
3. भूख को करे कम
ग्रीन टी के सेवन से भूख कम लगती है। असल में, इसमें पाए जाने वाले एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (epigallocatechin gallate) नामक कंपाउंड भूख को कम करने का कार्य करते हैं। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित स्वीडिश वैज्ञानिकों के शोध में पाया गया है कि ग्रीन टी का सेवन भूख के स्तर को कम करने में सहायता मिल सकती है।
4. बेली फैट को कम करने में मददगार
एनसीबीआई की बेवसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, पेट की बढ़ी हुई चर्बी यानी कि मोटापा, डायबिटीज, हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसे रोगों की वजह बन सकती है। इस परेशानी के लक्षणों को कम करने में ग्रीन टी काफी हद तक सहायता कर सकती है। ग्रीन टी में कैटेचिन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है।
5. मोटापे से संबंधित जीन को कंट्रोल करती है
मोटापे को कम करने के लिए ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनोल्स (जीटीपी) को लाभकारी माना गया हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर चूहों पर किए गए एक रिसर्च को प्रकाशित किया गया है। इसमें पाया गया है कि ग्रीन टी के पॉलीफेनोल्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो मोटापे से संबंधित जीन को कंट्रोल करने में कारगर हो सकते हैं। इस प्रकार से यह चाय माेटापे को बढ़ने से रोकने के साथ ही वजन को कम करने में भी लाभकारी हो सकती हैं।
Tara Tandi
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