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जानिए क्या है साल्मोनेला इंफेक्शन, और इसकी वजह

Ritisha Jaiswal
28 April 2022 2:30 PM GMT
जानिए क्या है साल्मोनेला इंफेक्शन, और इसकी वजह
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साल्मोनेला इंफेक्शन नॉर्मल बैक्टीरियल इंफेक्शन ही है जो हमारी आंतों को प्रभावित करता है

साल्मोनेला इंफेक्शन नॉर्मल बैक्टीरियल इंफेक्शन ही है जो हमारी आंतों को प्रभावित करता है। ये बैक्टीरिया मनुष्य और जानवरों की आंतों में रहता है जो संक्रमित व्यक्ति के मल के जरिए फैलता है। साल्मोनेला बैक्टीरिया से संक्रमित पानी पीने या खाना खाने से लोग इसका शिकार हो जाते हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों में इस बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है।

साल्मोनेला इंफेक्शन की वजहें
- कच्चा मीट, सीफूड
- कच्चा अंडा
- फल व सब्जियां
एक्सपर्ट के अनुसार, शौचालय का इस्तेमाल करने या बेबी डायपर बदलने के बाद हाथ ठीक से न धोने की वजह से भी साल्मोनेला संक्रमण फैल सकता है। तो इस बात का खासतौर से ध्यान रखें।
साल्मोनेला इंफेक्शन के लक्षण
इसके लक्षण नजर आने में कुछ घंटे से लेकर दो से तीन दिन तक का वक्त लग सकता है। कुछ साल्मोनेला इंफेक्शन टायफाइड फीवर की वजह भी बन सकते हैं। ये लक्षण हैं -
- उल्टी होना
- सिरदर्द
- बुखार
- मल में खून आना
- ठंड लगना
- पेट के निचले हिस्से में दर्द आदि
वैसे कुछ लोगों में कई बार लक्षण नजर भी नहीं आते।
साल्मोनेला इंफेक्शन का इलाज
- इस इंफेक्शन में मरीज के शरीर में पानी की बहुत ज्यादा कमी हो जाती है तो इलाज के दौरान ज्यादा से ज्यादा लिक्विड्स दें खासतौर से इलेक्ट्रोलाइट।
- मल नहीं आ रहा या दस्त होने पर डॉक्टर जरूरी दवाएं देते हैं।
- पेट में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है तो इसके लिए भी डॉक्टर दवाइयों से ही उपचार करते हैं।
- इंफेक्शन की वजह से इम्युनिटी कमजोर होने पर डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह देते हैं।
सावधानियां
- इंसानों के साथ ही ये बैक्टीरिया जानवरों और पक्षियों की आंतों में भी पाए जाते हैं तो अगर आप अधपका या कच्चा मटन, चिकेन या अंडा खाते हैं तो इससे संक्रमण होने की बहुत ज्यादा संभावना होती है।


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

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