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जाने MPOX क्या है, किस तरह हो इससे बचाव

Sanjna Verma
18 Aug 2024 8:22 AM GMT
जाने MPOX क्या है, किस तरह हो इससे बचाव
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MPOX disease: कोरोना महामारी के बाद से भारत के लोग अभी उभर ही रहे हैं और इसी बीच मंकीपॉक्स वायरस ने भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए। इस वायरस से संक्रमित लोगों के मामले दुनियाभर में लगातार बढ़ रहे हैं। अब डब्लूएचओ ने भी इसे इसे ग्लोबल हेल्थ एमरजेंसी घोषित कर दिया है। यह दूसरी बार है जब इसे लेकर WHO ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। एक्सपर्ट का मानना है कि हर किसी को इस समस्या को लेकर अलर्ट रहना चाहिए। इस आर्टिकल में हम बता रहे हैं क्या है
एमपॉक्स
, कैसे फैल रहा है और किस तरह हो बचाव।
क्या है एमपॉक्स (What is Monkeypox)
मंकीपॉक्स, स्मॉल पॉक्स की तरह एक वायरल बीमारी है। इसका नाम भले मंकीपॉक्स है, लेकिन इसका मंकी से कोई संबंध नहीं है। यह स्मॉल पॉक्स परिवार से जुड़ी समस्या है। रिपोर्ट्स हैं कि मंकीपॉक्स वायरस की पहचान पहली बार 1958 में हुई थी जब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण मिले थे। इस बीमारी का पहला मामला 1970 में मिला था जिसके बाद 2022 में एमपॉक्स दुनियाभर में फैल गया।
कैसे फैल रहा है (How Monkeypox Spreading)
यह हवा में नहीं फैलता है। यह मरीज के संपर्क में आने से, संक्रमित इंसान के रैश या फोड़े के पानी के संपर्क से और सेक्सुअल रिलेशन से फैलता है। दूषित चादर, तौलिया, कपड़ों से भी ये समस्या फैल सकती है।
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण (Monkeypox Symptoms)
एमपॉक्स के सबसे कॉमन लक्षणों में बुखार और फिर शरीर पर दाने निकलना शामिल है। रिपोर्ट्स हैं कि इस समस्या के होने पर पहले चेहरे पर दाने निकलते हैं, जो बाद में पूरे शरीर पर फैल सकते हैं। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद व्यक्ति को बुखार, तेज सिरदर्द, पीठ में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और शरीर में कमजोरी महसूस हो सकती है। कुछ लोगों को मंह गले, आंख और प्राइवेट पार्ट पर भी रैश हो सकते हैं। एमपॉक्स और वायरल बुखार के लक्षण एक से होते हैं इसलिए
Expert
की सलाह जरूर लें।
एमपॉक्स से किस तरह हो बचाव (How to prevent Yourself From Monkeypox)
इस वायरस से बचने के लिए ऐसे लोगों के पास जाने से बचें जिनके दाने एमपॉक्स जैसे दिखते हों इसी के साथ ऐसे कपड़े, चादरें, कंबल या दूसरी चीजों को छूने से बचें जो किसी संक्रमित जानवर या व्यक्ति के संपर्क में रहे हों। अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं। अगर हाथ धोने की व्यवस्था न हो तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। खुद को बचाने के लिए जरूरी है कि आप लक्षणों को जानें और खुद को चेक करते रहें।
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