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नींद न आना, छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेना, अधिक गुस्सा करना या मूड स्विंग्स की समस्या यह लक्षण हो सकते हैं
नींद न आना, छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेना, अधिक गुस्सा करना या मूड स्विंग्स की समस्या यह लक्षण हो सकते हैं बाइपोलर के. बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक विकार है. यह डिसऑर्डर पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को ज्यादा होता है. अधिक सोचने और नींद पूरी न होने के कारण व्यक्ति का मानसिक नियंत्रण बिगड़ने लगता है. यदि यह स्थिति लगातार रिपीट होती है तो व्यक्ति को कई प्रकार की मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं. बाइपोलर की स्थिति में व्यक्ति दुखी और तनाव महसूस करता है जिस वजह से उसे गुस्सा अधिक आता है. वैसे तो इस विकार का कोई प्रॉपर मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है लेकिन घरेलू और नेचुरल तरीके से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. चलिए जानते हैं बाइपोलर से छुटकारा पाने के लिए कौन सी होम रेमिडीज अपनाई जा सकती हैं.
हेल्थ लाइन के अनुसारबाइपोलर किसी भी उम्र की महिला, पुरुष और बच्चे को हो सकता है. बाइपोलर के लक्षण और कारण उम्र के अनुसार होते हैं. जैसे बाइपोलर की स्थिति में महिलाएं अधिक तनाव महसूस कर सकती हैं वहीं पुरुषों को गुस्सा अधिक आता है. इसके अलावा बच्चे कई बार पेरेंट्स का अटेंशन पाने के लिए भी दुखी और तनाव में देखे जा सकते हैं.
बाइपोलर डिसऑर्डर से ऐसे करें बचाव
ओमेगा-3 – बाइपोलर के लक्षण को कंट्रोल करने में ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स काफी मददगार होते हैं. ये सप्लीमेंट्स खासकर डिप्रेशन को कम करते हैं और व्यक्ति को तनावमुक्त कर सकते हैं.
रोडियोला रसिया- बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्या से छुटकारा पाने में रोडियोला रसिया पौधा काफी फायदेमंद होता है. यह पौधा आसानी से उपलब्ध नहीं होता लेकिन डिप्रेशन को कम करने में मदद करता है.
अमीनो एसिड सप्लीमेंट्स – अमीनो एसिड सप्लीमेंट्स मूड स्विंग की समस्या से निजात दिलाता है. ये डिप्रेशन को कम करता है और नींद में भी सहायक है.
पर्याप्त नींद लें- बाइपोलर के ग्रस्ति व्यक्ति को नींद न आने की समस्या होती है. इसलिए स्लीप पैटर्न में बदलाव करके पर्याप्त नींद लेने का प्रयास किया जा सकता है.
बाइपोलर के लक्षण
– नींद न आना
– गुस्सा अधिक आना
– विचारों में खोए रहना
– उदासी
– तनाव
– डिप्रेशन

Ritisha Jaiswal
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