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जानिए क्या हैं होम आइसोलेशन के नए नियम

Gulabi
5 Jan 2022 11:41 AM GMT
जानिए क्या हैं होम आइसोलेशन के नए नियम
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होम आइसोलेशन के नए नियम
कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने हल्के/बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों के होम आइसोलेशन (Home Isolation) के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी की है. नई गाइडलाइन के मुताबिक, होम आइसोलेशन के मरीजों कम से कम सात दिन में छुट्टी मिल जाएगी. इसके लिए रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आना होगा, साथ ही लगातार तीन दिनों तक बुखार नहीं होने के बाद होम आइसोलेशन की अवधी समाप्त हो जाएगा. मंत्रालय के मुताबिक, होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद पुन: परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है.
होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइन को प्रभावी रूप से अमल में लाने को लेकर केंद्र ने केंद्र ने राज्यों को कंट्रोल रूम दुरुस्त रखने को कहा है. कंट्रोल रूम का काम होगा कि जब होम आइसोलेट किए गए मरीज की तबीयत बिगड़े और उसे अस्पताल में भर्ती कराने के इंतजाम करे. ऐसे हालात में एंबुलेंस, टेस्टिंग से लेकर अस्पताल में बेड आसानी से मिल पाए, यह भी देखना कंट्रोल रूम का काम होगा. ऐसे में इन बुलेट प्वाइंट्स में जानिए क्या हैं होम आइसोलेशन के नए नियम?
जानिए क्या हैं होम आइसोलेशन के नए नियम?
हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर ही रहेंगे, उनके लिए प्रॉपर वेंटिलेशन रहना जरूरी है.
बुजुर्ग मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर होम आइसोलेशन की अनुमति मिलेगी.
कोरोना मरीजों को ट्रिपल लेयर मास्क पहनना होगा.
संक्रमित मरीज को ज्यादा से ज्यादा तरल आहार लेना होगा.
बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीज जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 93 फीसदी से ज्यादा होगा, उन्हें ही होम आइसोलेशन में जाने की इजाजत होगी.
जो मरीज एचआईवी संक्रमित हैं या जिनका ट्रांसप्लांट हुआ हो और कैंसर के मरीज को डॉक्टर की सलाह के बाद ही होम आइसोलेशन में जाने की इजाजत होगी.
माइल्ड और एसिम्प्टोमेटिक मरीजों को जिला स्तर के कंट्रोल रूम के सतत संपर्क में रहना होगा.
कंट्रोल रूम उन्हें जरूरत पड़ने पर टेस्टिंग और हॉस्पिटल बेड समय पर मुहैया करवा सकेंगे.
मरीज को एस्टरॉयड लेने की मनाही है.
डॉक्टर की सलाह के बगैर सिटी स्कैन और चेस्ट एक्सरे नहीं किए जाएंगे.
ऐसा लगे तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें
तीन दिनों तक यदि लगातार बुखार 100 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा हो.
यदि सांस लेने में मुश्किल और सांस फूलने लगे.
शरीर में ऑक्सीजन का स्तर गिरकर 93 फीसदी से कम हो जाए.
श्वसन दर प्रति मिनट 24 हो.
सीने में लगातार दर्द या दबाव महसूस हो.
मानसिक भ्रम की स्थिति बने.
गंभीर थकान और बदन दर्द हो.
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