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हेल्थ टिप्स Health Tips: खानपान को लेकर कई बार मन में कुछ सवाल होते हैं। जिनका जवाब अगर किसी एक्सपर्ट से मिल जाए तो संतुष्टि होती है। किशोर होते बच्चों का वजन बढ़ाने से लेकर एक्ने में खानपान और रोजाना बेकिंग सोडा के इस्तेमाल पर एक्सपर्ट ने दिए जवाब।
यह उसके बढ़ने की उम्र है। संभव है कि उसे खानपान के माध्यम से उतना पोषण नहीं मिल रहा हो, जो इस वक्त के शारीरिक विकास के लिए जरूरी है। सही तरीके से वजन बढ़ाने के लिए बच्ची की डाइट में प्रोटीन के अच्छे स्रोतों को शामिल करें। चिकन, अंडा, मछली, दूध, दही और चीज आदि प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। उसकी डाइट में दो अतिरिक्त प्रोटीन युक्त स्नैक्स को शामिल करें और साथ ही इस बात की तसदीक करें कि उसके प्रत्येक भोजन में प्रोटीन के एक या दो स्रोत जैसे दाल, दूध और उससे बने प्रोडक्ट्स, अंडा व सोयाबीन आदि जरूर शामिल हों। प्रोटीन युक्त स्मूदी आदि के नियमित सेवन से भी वजन बढ़ने में मदद मिलेगी। बच्ची की डाइट में कैलोरी और गुड फैट से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे मेवे और भुने हुए बीज आदि को भी शामिल करें। साथ ही इस बात पर भी ध्यान दें कि वह नियमित रूप से व्यायाम करें। इससे भी उसे भूख लगेगी।
• आजकल की रेसिपीज में बेकिंग सोडा का इस्तेमाल बहुत ज्यादा बढ़ गया है। क्या Baking soda सेहत के लिहाज से ठीक है? इसके विकल्प के रूप में क्या किसी और चीज का इस्तेमाल किया जा सकता है?
बेकिंग और कुकिंग में अगर बेकिंग सोडा का संतुलित इस्तेमाल किया जाए, तो वो किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते। बेकिंग सोडा को सोडियम कार्बोनेट भी कहा जाता है। इसमें सोडियम होता है, जिसका ज्यादा सेवन सूजन और ब्लोटिंग की समस्या को बढ़ा सकता है। जिन लोगों को लिवर की समस्या होती है, उन्हें बेकिंग सोडा के ज्यादा सेवन से बचना चाहिए। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण भी होते हैं, तो पाचन से जुड़ी समस्याओं में आराम पहुंचाने में भी यह कारगर साबित हो सकता है।
एक्ने होने के कई कारण हो सकते हैं, पर यह सच है कि साफ और सेहतमंद त्वचा पाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में अच्छा खानपान अहम भूमिका निभाता है। प्रत्येक व्यक्ति का शरीर एक ही तरह के खाद्य पदार्थ के प्रति अलग-अलग प्रतिक्रिया देता है। यानी मेवा, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक और कैफीन आदि का सेवन करने से किसी व्यक्ति को कोई भी नुकसान न हो और कुछ लोगों को इनमें से ही किसी चीज के सेवन से एलर्जी हो जाए, यह संभव है। कुछ सप्ताह तक फूड डायरी लिखें और यह जानने की कोशिश करें कि कौन-से खाद्य पदार्थ का आपके शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है। Antioxidants से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, ब्रोकली, शकरकंद, टमाटर, खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां और स्ट्रॉबेरी आदि की मात्रा अपनी डाइट में बढ़ाएं। कैफीन, चीनी और मैदा आदि का सेवन कम करें। ये खाद्य पदार्थ उन हार्मोन की सक्रियता को बढ़ा सकते हैं, जो सेबेकस ग्लैंड को ज्यादा सक्रिय बना देते हैं। यह ग्लैंड त्वचा पर तेल के निर्माण के लिए जिम्मेदार होता है। जब त्वचा ज्यादा तैलीय होगी तो एक्ने होने की आशंका भी ज्यादा होगी। फल और सब्जियों के जूस को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। गाजर, सेब और अदरक एक्ने का सामना करने में शरीर की मदद करते हैं। एक्ने से लड़ने वाले खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, मछली, एवाकाडो और अनार को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं। दिन भर में आठ से दस गिलास पानी पिएं ताकि टॉक्सिन शरीर से बाहर निकल सकें।
Sanjna Verma
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