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शिशुओं को सब्जियां खाने से बहुत लाभ मिलते हैं। सब्जियों में आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो बच्चों के आहार में जरूर शामिल होने चाहिए।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शिशुओं को सब्जियां खाने से बहुत लाभ मिलते हैं। सब्जियों में आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो बच्चों के आहार में जरूर शामिल होने चाहिए। इसके अलावा सब्जियों से डिश में एक अलग फ्लेवर डाला जा सकता है और ये डायट्री फाइबर, विटामिनों और मिनरलों से युक्त होती हैं। बेबी की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए ये पोषक तत्व बहुत जरूरी होते हैं।
पीडियाट्रिशियन भी बच्चों के आहार में सब्जियों को शामिल करने की सलाह देते हैं लेकिन पैरेंट्स को ये पता नहीं होता कि उन्हें अपने बच्चों को कौन-सी सब्जी खिलानी चाहिए। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि उम्र के हिसाब से आपको अपने बच्चे की डाइट में किन सब्जियों को शामिल करना चाहिए।
6 महीने के बाद शिशु (6 months baby diet) ठोस आहार लेना शुरू कर सकता है और इस समय आप उसकी डाइट में कुछ सब्जियों को शामिल कर सकते हैं। इस उम्र में बच्चे बहुत छोटे होते हैं और उनके ओरल स्किल्स और पाचन तंत्र अभी भी विकसित हो रहा होता है। यही वजह है कि बच्चे सब्जी को धीरे-धीरे खाते और पचाते हैं। जानिए कि 6 महीने के शिशु को कौन-सी सब्जियां खिला सकते हैं जिससे कि उसके विकास में मदद मिल सके।
गाजर
अच्छी तरह से पकी हुई गाजर आसानी से ब्लेंड हो जाती है। ठोस आहार शुरू करने पर आप बेबी को गाजर खिला सकमे हैं। दूध छोड़ रहे बच्चों की डाइट में गाजर पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकती है। गाजर में बीटा-कैरोटीन होता है जो आंखों की सेहत और स्किन के विकास को सपोर्ट करती है। डायट्री फाइबर से शिशु को कब्ज की शिकायत नहीं होती है।
मटर
हरी मटर प्रोटीन और विटामिन बी1 का अच्छा स्रोत होती हैं। प्रोटीन बच्चे की ग्रोथ में मदद करता है तो वहीं विटामिन बी1 मस्तिष्क के स्वस्थ विकास और कार्य को बढ़ावा देता है। आप मटर को उबालकर या भाप में पका कर, उसकी प्यूरी बनाकर बेबी को खिला सकते हैं।
पालक
पालक एक ऐसी हरी पत्तेदार सब्जी है जो विटामिन ए, बी2, बी6, बी9, के, पोटैशियम और आयरन से भरपूर होती है। पालक को भाप में बनाकर या उबालकर ब्लेंड कर के 6 महीने के बेबी के लिए प्यूरी बनाई जा सकती है। आप इसमें ब्रेस्टमिल्क भी डाल सकती हैं।
शकरकंद
छोटे बच्चे आसानी से इस सब्जी को पचा लेते हैं। प्यूरी बनाने के लिए शकरकंद को उबाल कर इसे ब्लेंड कर लें। आप शकरकंद को उबालने के बाद इसे मैश कर के भी बेबी को खिला सकते हैं। शकरकंद बीटा-कैरोटीन, विटामिन सी, पोटैशियम और डायट्री फाइबर से भरपूर होता है।
कद्दू
6 महीने के बाद शिशु का दूध छुड़वाकर उसे सॉलिड फूड खिलाना शुरू किया जाता है। आप इतने बड़े बच्चे को कद्दू की प्यूरी बनाकर खिला सकती हैं। कद्दू में बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन और जीएक्जेंथिन नाम के फाइटोकेमिकल होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन सी, बी6, पोटैशियम और मैग्नीशियम एवं फाइबर भी पाया जाता है।
Tara Tandi
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