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जानिए वैरिकाज़ नसों के लक्षण और उनसे बचाव के उपाय

Tara Tandi
3 Sep 2022 11:22 AM GMT
जानिए वैरिकाज़ नसों के लक्षण और उनसे बचाव के उपाय
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अपने पैरों को देखकर क्या आपको भी लगा है कि पैर की नसें दूसरों के पैरों से कुछ अलग नजर आती हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अपने पैरों को देखकर क्या आपको भी लगा है कि पैर की नसें दूसरों के पैरों से कुछ अलग नजर आती हैं। अगर आपके पैर की नसें कुछ फुली हुई हैं। कुछ ज्यादा ही उभरी नजर आती हैं तो हो सकता है ये वैरिकोज वेन्स (Varicose veins) हों। कम उम्र में या शुरूआत में ये वेन्स ज्यादा तकलीफ नहीं देतीं। लेकिन आप अगर नजरअंदाज करते रहे तो ये वेन्स दर्द का कारण बन सकती हैं।

वैरिकोज वेन्स के क्या लक्षण हैं? वैरिकोज वेन्स आमतौर पर पैरों में होती हैं। खासतौर से पंजों के आसपास ये ज्यादा नजर आती हैं। जो ऊपर बढ़ती हुई घुटने और जांघों पर भी दिखाई देती हैं। जो लोग ज्यादा देर खड़े रहते हैं। जिनके पैरों पर प्रेशर ज्यादा रहता है, उन लोगों को इस तरह की वेन्स की समस्या हो सकती है। आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. रेखा राधामोनी के अनुसार वैरिकोज वेन्स आम नसों से ज्यादा बड़ी और ट्विस्टेड वेन्स होती हैं। जो पैरों में दिखाई देती हैं।
डॉ. रेखा राधामोनी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इन नसों से जुड़ी जानकारी साझा की है। जिसमें वैरिकोज वेन्स में होने वाले दर्द और उससे बचने के तरीके भी बताए हैं।
वैरिकोज वेन्स के क्या लक्षण हैं?
वैरिकोज वेन्स आमतौर पर पैरों में होती हैं। खासतौर से पंजों के आसपास ये ज्यादा नजर आती हैं। जो ऊपर बढ़ती हुई घुटने और जांघों पर भी दिखाई देती हैं। जो लोग ज्यादा देर खड़े रहते हैं। जिनके पैरों पर प्रेशर ज्यादा रहता है, उन लोगों को इस तरह की वेन्स की समस्या हो सकती है। वैरिकोज वेन्स आम नसों से ज्यादा बड़ी और ट्विस्टेड वेन्स होती हैं। जो पैरों में दिखाई देती हैं।
वैरिकोज वेन्स कितनी गंभीर बीमारी?
आप अगर ये पहचान करना चाहते हैं कि आपको वेरिकोज वैन्स हैं या नहीं। तो, अपने पैरों को गैर से देखिए। अगर आपको पैरों में गाढ़ी नीली नसें दिख रही हैं। जो थोड़ी ज्यादा मोटी दिखाई दे रही हों तो समझिए कि ये वैरिकोज वेन्स हो सकती हैं। इन पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो इन नसों में दर्द होने लगता है। जो उम्र के साथ साथ असहनीय भी होने लगता है।
वैरिकोज वेन्स के लक्षण
वैरिकोज वेन्स और आम नसों में फर्क समझने के लिए इन लक्षणों को जान लेना जरूरी है। डॉ. रेखा राधामोनी अनुसार अगर आपको नसों में दर्द होने लगे।
पैरों में अचानक जलन का अहसास हो जिसे बर्निंग सेंसेशन कह सके हैं। ऐसा अहसास हो तो भी ये वेरिकोज वेन्स की वजह से हो सकता है।
पैरों में दर्द तब और बढ़ जाए, जब आप लगातार बैठे रहें या फिर लगातार खड़े रहें।
पैर में जहां जहां नसें फुली, मोटी और नीली दिखाई दें। वहां खुजली चलना।
ऐसी नसों के आसपास स्किन का कलर भी बदल जाता है।
वैरिकोज वेन्स के कारण
वैरिकोज वेन्स होने के कई कारण हो सकते हैं। एक कारण तो ज्यादा देर तक खड़े रहना है ही। इसके अलावा भी कई कारणों से वेरिकोज वेन्स हो सकती हैं। कई महिलाओं को प्रेग्नेंस की दौरान वेरिकोज वेन्स से सामना करना पड़ता है। बढ़ते वजन की वजह से पैरों की नसें फूलने लगती हैं। जो बाद में वैरिकोज वेन्स का रूप ले लेती हैं। ज्यादा उम्र में भी वैरिकोज वेन्स की परेशानी हो सकती है। जिनका वजन ज्यादा है, यानि जो ओवरवेट हैं उन्हें भी वैरिकोज वेन्स हो सकती हैं।
लगातार खड़े रहने से बचें
अगर आप वेरिकोज वेन्स के शिकार हो चुके हैं। तो उनमें होने वाले दर्द से बचने के लिए लगातार खड़ न रहें। पैर लटका कर लगातार बैठना भी नुकसानदायी है। बीच में ब्रेक लें। कुछ देर अपने पंजों के बल चलें। इससे आराम मिलेगा।
पैर ऊंचे रखें
पैरों को ऊंचा रखने से खून का फ्लो ठीक रहता है। आप जब बैठे हों तो किसी चीज पर पैरों को सीधा रखें। इसके लिए आप किसी स्टेंड या स्टूल का उपयोग कर सकते हैं। सोते समय पैरों की तरफ पलंग थोड़ा ऊंचा रखें। आप पलंग के नीचे दोनों तरफ ईंट या कोई अन्य सपोर्ट लगवा सकते हैं। या पैरों को ऊंचा रखने के लिए तकिए का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करने से वेन्स के वॉल्व के लिए ब्लड को हार्ट की तरफ पुश करना आसान होगा।
योगासन करें
वेरिकोज वेन्स को शांत रखने के लिए आप कुछ खास किस्म के योगासन भी कर सकते हैं। जिसमें शीर्षासन, मेरूदंडासन, पादउत्तानासन, सर्वंगासन और नौकासन शामिल है।
वर्कआउट सीमित करें
अगर आप वेट लॉस या टोन्ड बॉडी के लिए ज्यादा वर्कआउट कर रहे हैं तो आपको ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। आप मोडरेट वर्कआउट करें। क्योंकि ज्यादा वर्कआउट से वेरिकोज वेन्स ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं।
तेल उपयोग करें
इन वेन्स की मसाज के लिए एंटी इनफ्लेमेटरी ऑयल का उपयोग करें। मसाज का डायरेक्शन ऊपर की तरफ रखें। यानि जब आप मसाज करें तब आपके हाथ पंजे से घुटनों की तरफ चलने चाहिए। मसाज करते समय ज्यादा प्रेशर न डालें।
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