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जानिए पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण

Apurva Srivastav
13 Jan 2023 1:37 PM GMT
जानिए पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण
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जब खाना पेट में पहुंचता है तो पैंक्रियाज में एक एंजाइम उत्पन्न होता है. इसे पैंक्रियाटिक जूस कहते हैं.

पैंक्रियाज (Pancreas) को हिंदी में नाम अग्नाशय ग्रंथि कहते हैं। यह हमारे पाचन तंत्र का एक अहम हिस्सा होती है। करीब छह इंच लंबी यह ग्रंथि बहुत सारी कोशिकाओं से मिलकर बनी होती है। यह पेट, छोटी आंत, यकृत, प्लीहा और पित्त की थैली के बीच में होती है। पेट और रीढ़ की हड्डी के बीच में यह एक दम जकड़ी हुई होती है। पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatic cancer) आनुवांशिक भी हो सकता है।मतलब यह परिवार से बच्चों में आ सकता है. धूम्रपान, शराब, ज्यादा लाल मांस और प्रोसेस्ड मांस खाना या मोटापा इसकी वजह हो सकते हैं

पैंक्रियाज एक लंबी नाशपाती जैसे आकार की होती है जिसका एक सिरा चौड़ा और दूसरा संकरा होता है। चौड़े सिरे को हेड और संकरे सिरे को टेल कहते हैं। बीच के हिस्से को नेक और बॉडी कहते हैं। शरीर की दो बहुत महत्वपूर्ण मेसेंटेरिक धमनी और मेसेंटेरिक नस पैंक्रियाज के एक हिस्से से होकर निकलती हैं। पैंक्रियाज के दो काम होते हैं। पहला खाना पचाना और दूसरा ब्लड शुगर को नियंत्रित करना।

पैंक्रियाटिक कैंसर(Pancreatic cancer) के लक्षण

पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण बहुत ही सामान्य से होते हैं। ऐसे में इन पर ध्यान भी नहीं दिया जाता है। पैंक्रियाटिक कैंसर के बढ़ जाने पर शरीर के कई हिस्सों से खून आ सकता है। खून के थक्के जमने लगते हैं। अगर किसी को यह कैंसर होता है तो उसके पैर में खून के थक्के दिखने लगते हैं और यह पैंक्रियाटिक कैंसर का पहला लक्षण हो सकता है। फिर जैसे पेट या पीठ में दर्द रहना, वजन का कम होते जाना, अगर लगातार ऐसे लक्षण दिखाई दें तो यह पैंक्रियाटिक कैंसर का संकेत हो सकता है।

कैसे काम करती है पैंक्रियाज

जब खाना पेट में पहुंचता है तो पैंक्रियाज में एक एंजाइम उत्पन्न होता है. इसे पैंक्रियाटिक जूस कहते हैं. यह खाना पचाने में मदद करता है। इसके अलावा पैंक्रियाज दो हार्मोन इंसुलिन और ग्लुकागॉन भी पैदा करती है. यह खून में मिलकर शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंचते हैं। इंसुलिन ब्लड शुगर लेवल को कम करता है वहीं ग्लुकागॉन ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है। ये दोनों मिलकर शरीर में ब्लड शुगर लेवल का संतुलन बनाकर रखते हैं।



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