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आमतौर पर बदलते मौसम में खांसी होना सामान्य है. अक्सर बुखार या जुकाम होने पर खांसी हो सकती है
आमतौर पर बदलते मौसम में खांसी होना सामान्य है. अक्सर बुखार या जुकाम होने पर खांसी हो सकती है, जो सामान्य दवाइयों से ठीक हो सकती है. लेकिन, लंबी चल रही खांसी को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह अस्थमा का संकेत हो सकती है. अस्थमा की परेशानी की वजह सांस की नली में सूजन होने से होती है. अस्थमा होने की कोई विशेष उम्र नहीं होती. यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को ग्रस्त कर सकती है. अस्थमा की बीमारी व्यक्ति के फेफड़ों को प्रभावित करती है, जिससे सांस लेने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. अस्थमा व्यक्ति को शारीरिक रूप से कमजोर बनाता है, जिससे कोई भी फिजिकल एक्टिविटी करने में काफी परेशानी हो सकती है.
अस्थमा शरीर के वायुमार्ग की परत पर सूजन आने से उसके आसपास की मांसपेशियां कस जाती हैं और बलगम वायुमार्ग को चोक कर देता है, जिससे शरीर में हवा की मात्रा कम हो जाती है. खांसी और सीने में जकड़न होने लगती है, ऐसी स्थिति को अस्थमा अटैक कहते हैं.
अस्थमा के लक्षण
-अस्थमा का सबसे आम और शुरुआती लक्षण घबराहट हो सकती है. अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति सांस लेते समय अपने गले से एक अजीब प्रकार की कर्कश या सीटी जैसी है आवाज को महसूस करते हैं.
– हेल्थ लाइन के अनुसार, अस्थमा के रोगियों को हर समय खांसी की समस्या हो सकती है और विशेष रूप से रात में, हंसते समय और कई बार व्यायाम के दौरान भी ये समस्या बढ़ जाती है.
-अस्थमा में रोगी को सीने में जकड़न महसूस होती है.
– इसमें रोगियों को सीने में जकड़न के कारण सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. अक्सर शारीरिक कार्य करते समय यह परेशानी बढ़ सकती है.
-अस्थमा से ग्रस्त व्यक्ति को बात करने में कठिनाई होती है और जल्दी सांस उखड़ने की समस्या हो सकती है.
-अस्थमा में शरीर हर समय थका हुआ महसूस करता है.
-कई बार अस्थमा अटैक आने पर या अधिक खांसी होने पर छाती में तेज दर्द हो सकता है और व्यक्ति तेजी से सांस लेने लगता है.
-अस्थमा से ग्रस्त व्यक्ति को ज़रूरत से ज्यादा नींद आ सकती है.
-अस्थमा शरीर के इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे शरीर बार-बार संक्रमण का शिकार हो सकता है.
Tagsअस्थमा
Ritisha Jaiswal
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