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लाइफ स्टाइल
जानिए योनि के कैंसर के लक्षण, कारण, उपचार, इलाज, परीक्षण और परहेज के तरीके
Rani Sahu
16 Jun 2021 3:46 PM GMT
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पिछले कई सालों से देश में कैंसर की बीमारी बड़ी ही तेजी से बढ़ रही हैं
पिछले कई सालों से देश में कैंसर की बीमारी बड़ी ही तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर महिलाओं में कैंसर के मामले बहुत देखे जा रहे हैं। कैंसर इतनी खतरनाक बीमारी है जिसका इलाज लगभग ना के बराबर है। जब शरीर की कोई कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं तो वो कैंसर को जन्म देती हैं, जिसका इलाज बहुत महंगा है और कुछ सीमित जगहों पर ही कैंसर का इलाज होता है, यानि अधिक मामलों में कैंसर एक जानलेवा बीमारी हैं।
वैसे को कैंसर कई तरह के होते हैं लेकिन महिलाओं में आमतौर पर ब्रेस्ट, ओवेरियन, वेजाइनल और सर्वाइकल कैंसर ज्यादा देखने को मिलता है इसलिए इसके बारे महिलाओं का जागरूक होना बहुत जरूरी है। आइए, हम आपको बताते हैं वेजाइनल कैंसर के कारण, लक्षण और उपाय।
योनि कैंसर- एक घातक ट्यूमर है जो योनि के ऊतकों में बनता है। यह 60 या उससे अधिक उम्र के महिलाओं में अक्सर पाया जाता है। योनि की परत में ग्रंथि (गुप्त) कोशिकाओं से योनि एडेनोकार्सीनोमा उत्पन्न होता है। एडेनोकार्सीनोमा फेफड़ों और लिम्फ नोड्स में फैल जाने की अधिक संभावना है50 साल से अधिक उम्र के महिलाओं में योनि का कैंसर अधिक होता है, लेकिन किसी भी उम्र में, यहां तक कि बचपन में भी हो सकता है। अगर इस कैंसर का शुरुआती चरणों में ही पता लगा लिया जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है। योनि कैंसर का इलाज करने के लिए जीन थेरेपी वर्तमान में नैदानिक परीक्षणों में है।
योनि कैंसर के क्या हैं लक्षण?
वैजाइना से पानी जैसा डिस्चार्ज होना
-दर्दनाक पेशाब
-अनियमित पीरिड्स
-वैजाइना में एक गांठ होना
-बार-बार पेशाब आना
-पेशाब करते समय तेज दर्द
-कब्ज रहना
-पेट के निचले हिस्से में दर्द
-योनि में खुलजी और जलन
योनि के कैंसर मुख्य चार प्रकार के होते है-
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा
स्क्वैमस योनि की अंदरूनी लाइनिंग में मौजूद पतली कोशिकाएं की तरह होती हैं। स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा में कैंसर स्क्वैमस सेल्स में शुरू होता है।
एडेनोकार्किनोमा (Adenocarcinoma)
ग्लैंड्युलर कोशिकाएं योनि की अंदरूनी सतह में मौजूद श्लेम से बनती हैं। एडेनोकार्किनोमा कैंसर योनि की ग्लैंड्युलर कोशिकाओं से शुरू होता है।
मेलेनोमा (Melanoma)
यह कैंसर योनि की वर्णक उत्पादन कोशिकाओं (मेलेनोसाइट्स) में बनता है।
सारकोमा (Sarcoma)
यह कैंसर योनि की दीवारों की तसह टिश्यू या मांसपेशियों की कोशिकाओं में शुरू होता है।
4 चरणों के जरिए फैलता है योनि का कैंसर-
-योनि के कैंसर के पहले चरण में कैंसर योनि के बाहरी भागों में नहीं फैलाता।
- दूसरे चरण में कैंसर योनि से बाहर पेल्विस एरिया में फैलना शुरू हो जाता है।
- तीसरे चरण में कैंसर पेल्विस के लिम्फ नोड्स तक फैल जाता है।
- चौथे चरण में कैंसर ब्लैडर, मलाशय और पेल्विस के बाकी एरिया में फैलना शुरू हो जाता है। इसके बाद कैंसर शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाता है।
योनि के कैंसर का पता लगाने के लिए क्या करें-
डॉक्टर्स योनि के कैंसर का पता लगाने के लिए पैल्विक परीक्षण, पैप स्मीयर, कॉल्पोस्कोपी (गर्भाशय ग्रीवा का परीक्षण) और बायोप्सी करवा सकते हैं। यदि टेस्ट में कैंसर कोशिकाओं की पुष्टि होती है तो इसके बाद कुछ और टेस्ट किए जाते हैं।
योनि के कैंसर क्या है इलाज?
योनि के कैंसर का अगर शुरूआती चरण में ही पता लगा लिया जाए तो इसका इलाज संभव होता है। लेकिन यदि कैंसर योनि के बाहर फैल चुका हो तो इसका इलाज बहुत ही मुश्किल होता है। स्थिति के हिसाब से, छोटे ट्यूमर या घावों को हटाने के लिए डॉक्टर्स सर्जरी करते हैं। पूरे कैंसर को हटाने के लिए योनि का एक हिस्सा सर्जरी द्वारा निकाल दिया जाता है। अगर कैंसर पेल्विस यानि श्रोणि में फैल जाए तो डॉक्टर मूत्राशय, अंडाशय, गर्भाशय, योनि , मलाशय और कोलन के निचले हिस्से को भी निकाल देते है। इसके अलावा रेडिएशन थेरेपी या और कीमोथेरेपी द्वारा भी योनि के कैंसर का इलाज किया जाता है।
योनि के कैंसर से कैसे करें खुद का बचाव-
-योनि के कैंसर से बचने का सबसे पहला विकल्प है एचपीवी (HPV) से संक्रमित होने से बचना। बतां दें कि एचपीवी संक्रमण जिसे ह्यूमन पेपीलोमा वायरस भी कहा जाता है। एचपीवी यौन संचारित संक्रमण होता है जो पुरुष और महिला दोनों को हो सकता है।
- इसके अलावा किशोरावस्था के आखिर के चरण या उसके बाद तक यौन संबंध न बनाना।
- ज़्यादा लोगों के साथ यौन सम्बन्ध न बनाना।
- हमेशा सुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाएं
-धूम्रपान न करना।
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