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जानिए सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और संकेत

Ritisha Jaiswal
17 July 2022 8:06 AM GMT
जानिए सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और संकेत
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कैंसर कई तरह के होते हैं। कई कैंसर होते हैं जो सिर्फ महिलाओं को ही होते हैं जैसे गर्भाश्य का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर।

कैंसर कई तरह के होते हैं। कई कैंसर होते हैं जो सिर्फ महिलाओं को ही होते हैं जैसे गर्भाश्य का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर। सर्वाइकल कैंसर विकासित देशों में महिलाओं में सबसे आम स्त्रीरोग कैंसर में से एक है। गर्भाशय ग्रीवा गर्भाश्य का निचला भाग होता है जो गर्भाश्य को योनि के साथ जोड़ता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कैंसर से मौत का आंकड़ा भी बहुत ही अधिक है। यह कैंसर यौन संचारित होता है। एचपीवी गर्भाश्य ग्रीवा की कोशिकाओं में प्री-कैंसर बदलावों का कारण बन सकता है। जिसके कारण सर्वाइकल कैंसर हो सकता है। सर्वाइकल कैंसर धीरे-धीरे से विकसित होने वाली बीमारी है। यदि इसका समय पर पता न चल पाए तो यह शरीर के बाकी हिस्सों में जैसे- पेट, लीवर, यूरीनरी ब्लैडर या फिर फेफड़ों में भी फैल सकता है। तो चलिए जानते हैं इसके शुरुआती लक्षण और कारणों के बारे में...

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और संकेत
इस बीमारी को शुरुआती अवस्था में बिना किसी लक्षण के पता नहीं चलता। इसके प्राइमरी लक्षणों को विकसित होने में साल भी लग सकते हैं। स्टेज 1 सर्वाइकल कैंसर के सामान्य संकेत और लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं।
सहवास के बाद भी ब्लीडिंग योनी संभोत के बाद भी योनी से खून बहते रहना।
. मासिक धर्म या फिर मेनोपोज के बाद ब्लीडिंग के बीच में अनियमित तरह से या फिर अचानक से रक्तस्त्राव होना।
. दुर्गंधयुक्त योनी स्त्राव या फिर संभोग के दौरान दर्द होना।
. पेशाब करते समय दर्द होना।
. दस्त ।
. मलाशय से ब्लीडिंग होना।
. थकान ।
. भूख कम लगना।
. पैल्विक या फिर पेट में दर्द ।
सर्वाइकल कैंसर के टेस्ट
टेस्ट के साथ स्त्री रोग संबंधी जांच करके आमतौर पर प्री-कैंसर और अनियमितताओं के संकेतों की जांच करके गर्भावशय ग्रीवा के कैंसर के बारे में पता लगाया जा सकते हैं। एचपीवी मोलेक्यूलर टेस्ट जैसे अन्य परिक्षण खासकर एचपीवी वायरस का पता लगाने के लिए गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं की जांच के लिए किए जाते हैं।
कितनी स्टेजेज(stages) में होता है सर्वाइकल कैंसर?
बाकी कैंसर की तरह सर्वाइकल कैंसर को भी 4 स्टेजेज में बांटा गया है। पहली स्टेज के दौरान लक्षणों के बिना पता नहीं चलता। इसका अर्थ यह है कि कैंसर सिर्फ गर्भाशय ग्रीवा में ही है और अभी अन्य भागों में नही फैला है। दूसरे चरण में संक्रण गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय से आगे फैल सकता है। परंतु पैल्विक की दीवार तक नहीं फैला। तीसरे चरण में यह योनी और पेल्विक की दीवार के निचले हिस्से में भी फैल सकता है। चौथे और आखिरी चरण में यह आइवी मूत्राशय, मलाशय और शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। जैसे हड्डियों और फेफड़ों में घूस सकता है
बचाव कैसे करें?
सर्वाइकल कैंसर के संकेत और लक्षणों के बारे में जागरुकर होकर आप इस खतरनाक कैंसर से बच सकते हैं। पैप स्मीयर, स्क्रीनिंग और मोलेक्यूलर टेस्टों के जरिए इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। जिससे मोबिलिटी और मृत्यु दर को कम करने में सहायता मिलेगी।


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