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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आयोडीन हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी पोषक तत्व है। जो बॉडी में थायरोक्सिन प्रोडक्शन के लिए जरूरी होता है। थायरोक्सिन हार्ट फंक्शन से लेकर पाचन, बुद्धि और विकास सभी फंक्शन्स को प्रभावित करता है। तो इसका लेवल सामान्य बना रहे इसके लिए पर्याप्त मात्रा में आयोडीन का सेवन जरूरी है।
आयोडीन की कमी से होने वाली समस्याएं
चेहरे पर सूजन
बौनापन
देखने, सुनने और बोलने में परेशानी
मांसपेशियों की जकड़न
मानसिक विकार
थायरॉयड ग्रंथि का बढ़ना और उसमें सूजन
गर्भपात
दिमाग सही तरीके से काम न करना
कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना
नवजात शिशुओं का वजन कम होना
बच्चों का सही विकास न हो पाना
नमक के अलावा आयोडीन के अन्य स्त्रोत
आयोडीन का मुख्य और आसान स्त्रोत वैसे तो नमक ही होता है लेकिन बहुत ज्यादा नमक का सेवन कई और बीमारियों की भी वजह बन सकता है तो आयोडीन की पूर्ति के लिए पूरी तरह से नमक पर निर्भर रहना सही नहीं।
तो भोजन में मूली, शतावर (एस्पेरेगस रेसिमोसस), पालक, आलू, मटर, गाजर, टमाटर, खुंभी, सलाद, प्याज, केला, स्ट्राबेरी, अंडे की जर्दी, दूध, पनीर और कॉड-लिवर तेल को भी शामिल करें। इसके अलावा आलू, दूध, मुनक्का, दही, ब्राउन राइस, लहसुन, मशरूम भी आयोडीन के अच्छे स्रोत हैं।
सेहत के लिए सबसे अच्छा नमक
सेंधा नमक
जिसे रॉक सॉल्ट, व्रत वाला नमक और लाहोरी नमक के नाम से भी जाना जाता है। जो बिना रिफाइन के तैयार होता है। हां, इसमें नॉर्मली जो घरों में नमक इस्तेमाल किया जाता है उसके मुकाबले कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम की मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है। लेकिन सेहत के लिए सेंधा नमक को ही बेहतर माना जाता है।
आयोडीन के ज्यादा सेवन से होने वाले नुकसान
नॉर्मल नमक या टेबल सॉल्ट में भी आयोडीन की अच्छी-खासी मात्रा होती है। जिसका सीमित मात्रा में सेवन किसी भी तरह से नुकसानदायक नहीं, लेकिन ज्यादा मात्रा में लेने से इसका सीधा असर हमारी हड्डियों पर पड़ता है जो धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं।
न्यूज़ क्रेडिट: navyugsandesh
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