लाइफ स्टाइल

जानिए लाजवाब छोले और मक्खन में कुलचे बनाने की विधि

Ritisha Jaiswal
9 July 2022 10:51 AM GMT
जानिए लाजवाब छोले और मक्खन में कुलचे बनाने की विधि
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छोले-कुलचे तो आपने कई बार खाए ही होंगे. यह देश की राजधानी दिल्ली व एनसीआर का राजकीय भोजन है.

छोले-कुलचे तो आपने कई बार खाए ही होंगे. यह देश की राजधानी दिल्ली व एनसीआर का राजकीय भोजन है. खाने के लिए किसी डिश को तलाश करने के लिए आपको मशक्कत करनी पड़ सकती है, लेकिन छोले-कुलचे ऐसा आइटम है जो हर जगह आसानी से मिल जाएगा. छोलों में विशेष मसाले और सलाद उन्हें स्वादिष्ट और शानदार तो बनाता ही है, साथ ही मक्खन में सिके कुलचे भी भूख को बढ़ा देते हैं. आज हम एक ऐसे छोले-कुलचे वाले के पास लिए चल रहे हैं, जिसके 25 मसालों का मिश्रण व अन्य चटपटे सामान छोलों का स्वाद अलग ही सेट करते हैं, साथ ही अमूल मक्खन में सिके कुलचे, विशेष चटनी व सलाद इनका स्वाद बढ़ा देता है.

खाने वालों की लगती है भीड़
नॉर्थ दिल्ली की रिहायशी कॉलोनी शालीमार बाग को दिल्ली की पॉश कॉलोनियों में गिना जाता है. यहां के लोगों को बेहतरीन खान-पान खिलाने और रिझाने के लिए यहां एक से एक आउटलेट खुले हुए हैं. इनमें से एक है 'दाताराम छोले-कुलचे' वाला. रिंग रोड पर आजादपुर फ्लाईओवर से चलकर आगे दायीं और शालीमार बाग कॉलोनी में मुड़ेंगे तो कुछ ही मीटर बाद दायीं ओर ही एसी ब्लॉक की डीडीए मार्केट है. इसी के मुहाने पर एक युवा की यह आउटलेट है, जो अपने भतीजों के साथ मिलकर लोगों को दिल से छोले-कुलचे खिलाने में जुटा हुआ है. साफ-सुथरा ठिया, खाने वालों का मजमा बता देता है कि स्वाद का ही मसला है जो लोगों को यहां तक लिए आ रहा है.खाने-वाले कहते भी हैं कि जिस तरह के स्वाद वाले छोले-कुलचे उन्हें चाहिए, वह इस ठिए पर मौजूद है. तभी यहां खाने वालों के साथ-साथ पैकिंग के लिए भी लोग खड़े दिखाई देते हैं.
विशेष मसाला बढ़ा देता है स्वाद
यहां लोगों की आवाजाही को देखते हुए कई प्लेट छोले एक साथ तैयार किए जाते हैं. आप ऑर्डर दीजिए. स्टील के एक छोटे भगोने में कटी प्याज, टमाटर, हरा धनिया, अदरक, हरी मिर्च, बारीक चुकंदर डाला जाएगा. उसके बाद इसमें पीतल के बड़े देग में भरे उबले छोले उडेंले जाएंगे. इसके ऊपर दो तरह का नमक सामान्य व काला नमक, बेहतरीन स्वाद बनाने के 25 मसालों के मिश्रण से बना विशेष मसाला, पिसी हुई मिर्च के बाद कई नींबू काटकर उनका छिड़काव होगा. आखिर में इन सबके ऊपर अदरक, धनिया, पुदीने आदि का विशेष पानी डाला जाएगा.
इस मिश्रण को खूब देर तक मिलाया जाएगा. जो आसपास लोग खड़े हैं, उन्हें लकड़ी के चम्मच से इन छोलों का स्वाद चखवाया जाएगा. उनके ओके करते ही इस डिश को फाइनल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
किफायती है यहां का खान-पान
इन छोलों को दोने में डालकर इनके ऊपर एक बार फिर से अदरक व चुकंदर के लच्छे, कटे टमाटर बिछाए जाएंगे. फिर थर्माकोल की बड़ी प्लेट में अलग तरीके से हरी चटनी के साथ प्याज व खीरे का सलाद, दूसरी ओर हरी मिर्च, गाजर का चटपटा अचार के साथ अमचूर, काजू, किशमिश, ख्ररबूजों के मगज़, केले, अंगूर की स्पेशल मीठी चटनी परोसी जाएगी. इस सबके बाद मक्खन में सिके हुए कुलचे, जिनके ऊपर हरा धनिया, अजवाइन वगैरह भी चिपकी होगी, रखे जाएंगे. साथ में मीठी सौंफ का एक छोटा पैकेट भी. आप चाहे तो साथ में बूंदी का रायता भी ले सकते हैं, जो बेहतरीन तरीके से सजा होगा.
इन्हें खाइए, पीजिए, आपको लगेगा कि वाकई में असली छोले-कुलचे का स्वाद जुबान तक पहुंच रहा है. दो कुलचों के साथ यह सारा आइटम 60 रुपये का है. रायते का छोटा गिलास 25 रुपये में पूरा मजा देगा.
20 साल से ज्यादा का है तजुर्बा
इस ठिए को साल 2018 में युवा दाताराम ने शुरू किया था. लेकिन उनके पास छोले-कुलचे बेचने का तर्जुबा पुराना है. वह 2001 से अपने भाई के इसी तरह के ठिए को अशोक विहार में चला रहे थे और अब अपना ठिया खोल लिया. उनका कहना है कि मसालों की लिस्ट उनके दादा की बनाई हुई है, जो पहले हलवाई का काम करते थे. यही लिस्ट आज भी चल रही है. सब कुछ ताजा बनाया जाता है. ग्राहक को अगर छोलों में स्वाद नहीं आता तो उसे दोबारा बनाकर दिया जाता है. संतुष्टि ही हमारा ध्येय है. इसी का सुखद परिणाम है कि सुबह 10 बजे शुरू हुआ ठिया 4 बजे तक निपट जाता है. कोई अवकाश नहीं है..


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

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