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महिलाएं जब भी घर से बाहर निकलती हैं तो सनस्क्रीन लोशन लगाना नहीं भूलती
महिलाएं जब भी घर से बाहर निकलती हैं तो सनस्क्रीन लोशन लगाना नहीं भूलती। सनस्क्रीन से त्वचा धूप की हानिकारक यूपी किरणों से बची रहती है। इससे सनबर्न की समस्या नहीं होती लेकिन इसके अलावा सनस्क्रीन से त्वचा को और भी कई फायदे मिलते हैं, जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे। चलिए आज बात करते हैं कि कैसे सनस्क्रीन यह त्वचा के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है..
प्री-मैच्योर स्किन से बचाए
आजकल त्वचा समय से पहले ही झुर्रियां, पिगमेंटेशन , फाइन लाइन्स, झाइयां जैसी समस्याएं होने लगती है, जिससे आप समय से पहले ही बूढ़ी दिखने लगती हैं। मगर, सनस्क्रीन का नियमित इस्तेमाल करने से त्वचा एंटी-एजिंग समस्याओं से बची रहती है।
स्किन कैंसर के रिस्क को करे कम
स्किन कैंसर फाउंडेशन का दावा है कि 15k एसपीएफ़ वाला सनस्क्रीन लगाने से स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा विकसित होने की संभावना 40% कम हो जाती है। वहीं, इससे मेलेनोमा जोखिम (एक तरह का स्किन कैंसर) 50% तक कम हो जाता है।
त्वचा में जलन
धूप में बहुत अधिक समय रहने से सनबर्न, त्वचा का गंभीर लाल होना और त्वचा में सूजन आ जाएगी। मगर, सनस्क्रीन त्वचा में हो रही जलन जैसी समस्याओं से बचाने में भी मदद करती है।
झुर्रियों और महीन रेखाओं से बचाव
यूवीए किरणों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से आपकी त्वचा समय से पहले बूढ़ा हो जाती है क्योंकि इससे कोलेजन और त्वचा की लोच का नुकसान होता है। शोध के अनुसार, उम्र बढ़ने के लगभग 90% लक्षण सूर्य की क्षति के कारण होते हैं। मगर, अच्छी क्वालिटी की सनस्क्रीन त्वचा को इन नुकसान से बचाने में मदद करती है।
हाइपरपिग्मेंटेशन से बचें
हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण चेहरे पर काले धब्बे पड़ जाते हैं, जो देखने में काफी भद्दे लगते हैं। इससे बचने का आसान उपाय है कि आप सिर्फ गर्मियों में ही नहीं बल्कि बारिश व सर्दियों में भी सनस्क्रीन लगाएं
डीएनए क्षति बंद करो
अध्ययनों के अनुसार, सूरज की रोशनी डीएनए को नुकसान पहुंचाती है और त्वचा कार्सिनोजेनेसिस व फोटोएजिंग को ट्रिगर कर सकती है। इससे ट्यूमर का खतरा भी रहता है लेकिन सनस्क्रीन के नियमित इस्तेमाल से DNA को नुकसान नहीं पहुंचता।
Tagsसनस्क्रीन
Ritisha Jaiswal
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