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लाइफ स्टाइल
जानें खाने से पहले भोजन के चारों तरफ पानी छिड़कने का महत्व
Rani Sahu
13 Sep 2022 5:07 PM GMT

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आज हमारी पीढ़ी को पुराने रिवाज़ों को मानने की कोई ज़रूरत महसूस नहीं होती। लेकिन इसमें हमारा ही नुकसान है क्योंकि हर रिवाज़ और मान्यता के पीछे एक विशेष कारण होता है और हम समझ नहीं पाते कि वे परम्पराएं जिन्हें हम बेवकूफी मानते हैं उनका हमारी सेहत के लिहाज से भी काफी महत्व है।
आपने भी अक्सर अपने बड़े बुजुर्गों को खाना खाने से पहले थाली के चारों तरफ तीन बार पानी छिड़कते हुए देखा होगा। इस परम्परा को तमिलनाडु में परिसेशनम और उत्तर भारत में चित्र आहुति के नाम से जानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार इसे तरह वे देवताओं के प्रति आदर प्रकट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। कुछ लोग चित्र आहुति के समय मंत्रोचार भी करते हैं। योग और आयुर्वेद विशेषज्ञ रमन मिश्र बताते हैं कि लोग इसे एक धार्मिक क्रिया मानते हैं लेकिन यह उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
महत्व ः पुराने समय में फर्श कच्ची होती थी और लोग ज़मीन पर बैठकर केले के पत्तों पर खाना खाते थे। अगर ज़मीन सूखी हो और कोई व्यक्ति वहां से गुज़रे तो उनके चलने से उठी धूल पत्ते पर आ जाती थी और भोजन गंदा हो जाता था। जबकि थाली के आसपास पानी छिड़कने से वहां की धूल बैठ जाती थी और उड़ती नहीं थी। इस तरह भोजन सुरक्षित रहता था। इसी तरह पानी की वजह से कीड़े और ज़मीन पर चलनेवाले जीव थाली में प्रवेश नहीं कर पाते थे। विशेषकर यह तकनीक रात में काफी काम आती थी क्योंकि तब लोगों को कम रोशनी की वजह से ज़मीन पर चलनेवाले कीड़े-मकोड़े दिखायी नहीं पड़ते थे।
ज़मीन पर बैठकर खाने की परम्परा का भी बहुत महत्व है। ज़मीन पर बैठकर खाने से पीठ कई बार मुड़ती है जिससे रक्त का प्रवाह और पाचनतंत्र सुचारू होता है। तो अगली बार जब जब आप किसी को खाना खाने से पहले चित्र आहुति या थाली के चारों तरफ पानी छिड़कते देखें तो उनका उपहास करने की बजाय उनकी चतुराई की तारीफ करें।

Rani Sahu
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