लाइफ स्टाइल

जानिए अधिक सोचने और बोलने से होने वाले नुकसान

Ritisha Jaiswal
26 April 2022 2:03 PM GMT
जानिए अधिक सोचने और बोलने से होने वाले नुकसान
x
जब कोई व्यक्ति ज्यादा सोचता है तो इसका सीधा असर उसके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।

जब कोई व्यक्ति ज्यादा सोचता है तो इसका सीधा असर उसके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। इससे व्यक्ति के अंदर नकरात्मक विचार आ सकते हैं। यह विचार आपके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालते हैं। शोध के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति के लंबे समय तक कुछ सोचता है तो इसका सीधा असर उसके स्वास्थ्य पर पड़ता है। आप जब भी कोई बात सोचते हैं तो दिमाग एक तरह का चक्रव्यूह रचना शुरु कर देता है। जिसके कारण आपके मन में नकरात्मक विचार आने लगते हैं। आपका मानसिक स्वास्थ्य भी इसके कारण प्रभावित होने लगता है। तो चलिए आपको बताते हैं गेटवे ऑफ हीलिंग की साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी के इस बारे में क्या विचार हैं...

अधिक सोचने से व्यक्ति के अंदर गंभीर समस्याएं पैदा हो जाती हैं। उन समस्याओं में से एक है पीटीएसडी मतलब कि- Post-traumatic स्ट्रेस डिसॉर्डर। इस समस्या की वजह से व्यक्ति किसी मानसिक बीमारी से ग्रस्त हो जाता है।

अधिक सोचने या फिर बोलने से होने वाले नुकसान

. जब कोई व्यक्ति जरुरत से ज्यादा सोचना या फिर बोलना शुरु कर देता है तो ऐसा करना उसकी आदत बन जाती है। वह हर समय वर्तमान में हो रही घटनाओं या भविष्य की चिंता करना शुरु कर देता है। ज्यादातर व्यक्ति इस चिंता में नकरात्मक विचारों के बारे में सोचते हैं जिससे वो उदास और निराश रहने शुरु हो जाते हैं।
. इससे व्यक्ति के अंदर सामाजिक समस्याएं पैदा होना शुरु हो जाती हैं। आप लोगों से दूरियां बनानी शुरु कर देते हैं। आप उन चीजों के बारे में भी सोचना शुरु कर देते हैं जो असल में हुई न हो। ऐसी चीजें आपका दायरा बांध देती हैं।
. इससे आपके रोज के कार्यों पर भी गहरा असर पड़ सकता है। यदि आप जॉब करते हैं तो आप अपने काम पर भी बिलकुल फोकस नहीं कर पाते। यह आदत आपको आलसी बना सकती है।
.इस समस्या से आपकी नींद और भूख भी प्रभावित होती है। ज्यादा समय तक इस परिस्थिति में रहने से आपके शरीर में भूख की कमी हो सकती है। आपको नींद भी कम आ सकती है। हांलाकि कुछ परिस्थितियों में बहुत ही नींद आती है।
कैसे निकले इस परेशानी से
. आप सबसे पहला अपना एक पैटर्न तैयार कर लें। पैटर्न के अनुसार, आप धीरे-धीरे बोलने की आदत को कम करते जाएं। इस पैटर्न को स्ट्रिक्ली फोलो करें।
. आप मेडिटेशन और योग के जरिए भी इस परिस्थिति से बाहर निकल सकते हैं। पांचों इंद्रियों में ध्यान लगाने से भी आप वर्तमान में वापिस आ सकते हैं।
. सुबह उठकर लंबी और गहरी सांस लें। इससे भी आप नकरात्मक विचारों से छुटकारा पा सकते हैं।
. आप अपना ज्यादा से ज्यादा समय दोस्तों और परिवार वालों के साथ बिताएं। इससे भी आपके विचार सकरात्मक हो सकते हैं। आप चाहें तो मोटिवेशनल वीडियो भी देख सकते हैं।
. यदि आपको मानसिक बीमारी की समस्या है तो आप तुरंत एक्सपर्ट्स से संपर्क करें।


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

    Next Story