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जानिए एंजाइटी अटैक और पैनिक अटैक में अंतर

Ritisha Jaiswal
29 Aug 2022 12:28 PM GMT
जानिए एंजाइटी अटैक और पैनिक अटैक में अंतर
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स्ट्रेस और एंजाइटी कुछ ऐसे शब्द हैं, जिनके बारे में आप अक्सर कुछ न कुछ सुनते होंगे.

स्ट्रेस और एंजाइटी कुछ ऐसे शब्द हैं, जिनके बारे में आप अक्सर कुछ न कुछ सुनते होंगे. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस यानी तनाव होना आम बात है. अधिकतर लोग इसे नजरअंदाज करते हैं. धीरे-धीरे स्ट्रेस बढ़कर एंजाइटी में तब्दील हो जाता है. एंजाइटी को कंट्रोल न किया जाए तो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो सकता है. इन सभी मामलों में मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है. तमाम लोग एंजाइटी के बारे में नहीं जानते. आज आपको बताएंगे कि एंजाइटी अटैक को किन लक्षणों से पहचाना जा सकता है. इसे कैसे कंट्रोल कर डिप्रेशन का खतरा कम किया जा सकता है.

एंजाइटी अटैक और इसके लक्षण
मेडिकल न्यूज़ टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक एंजाइटी तनाव की प्रतिक्रिया (Reaction) हो सकती है. डर और चिंता की भावनाओं के साथ एंजाइटी का असर हमारे शरीर पर भी नजर आता है. एंजाइटी अटैक की कोई सटीक परिभाषा नहीं है. अत्यधिक स्ट्रेस की वजह से एंजाइटी अटैक की कंडीशन हो सकती है. एंजाइटी अटैक आने पर चक्कर आना, पेट में परेशानी, बेचैनी, तेजी से सांस लेना, सीने में दर्द, डायरिया, पसीना आना, गर्मी लगना, जी मिचलाना, सिरदर्द, पीठ दर्द, दिल की धड़कन तेज हो जाने जैसी समस्याएं हो जाती हैं. इस कंडीशन में लोगों को शांत रहने की जरूरत होती है.
एंजाइटी अटैक और पैनिक अटैक में अंतर
एंजाइटी अटैक एग्जाम, वर्कप्लेस की समस्याओं, हेल्थ इश्यू, रिलेशनशिप प्रॉब्लम, लगातार स्ट्रेस की वजह से ट्रिगर हो सकता है. आमतौर पर यह धीरे-धीरे विकसित होता है. खासतौर से जब कोई व्यक्ति चिंतित महसूस करता है. दूसरी तरह पैनिक अटैक के लक्षण भी एंजाइटी अटैक जैसे होते हैं, लेकिन यह अचानक हो सकता है. पैनिक अटैक अनकंट्रोल हो सकता है और सोने के दौरान भी ऐसी कंडीशन हो सकती है. पैनिक अटैक के दौरान नेगेटिव फीलिंग आती है. पैनिक अटैक 5 से 20 मिनट के बाद ठीक हो जाता है. जबकि एंजाइटी अटैक को ठीक होने में ज्यादा वक्त लग सकता है.
एंजाइटी को इन टिप्स से करें मैनेज
सबसे पहले स्ट्रेस और एंजाइटी के संकेतों को समझना जरूरी है. सिर दर्द, सोने में परेशानी, ओवरईटिंग इसके कुछ लक्षण होते हैं, जिसे पर शुरू से ध्यान देना चाहिए.
अगर आपको किसी वजह से स्ट्रेस या एंजाइटी हो रही है तो उसे लेकर गंभीरता से विचार करें. कोशिश करें कि उस बारे में न सोचें और ज्यादा परेशानी होने पर एक्सपर्ट की सलाह लें.
हेल्दी डाइट लेने से मेंटल हेल्थ बेहतर होती है और एंजाइटी का खतरा कम होता है. आप घर का बना खाना खाएं. जंक फूड के सेवन से बचें. डाइट में फल और सब्जियों को जरूर शामिल करें.
स्ट्रेस और एंजाइटी को मैनेज करने के लिए आप मेडिटेशन, योग, एक्सरसाइज और अन्य फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं. इसके अलावा कुछ थैरेपी भी इससे राहत दिला सकती हैं.
दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं. लोगों को अन्य लोग मिल सकते हैं जो भावनात्मक और व्यावहारिक सहायता प्रदान कर सकते हैं. अगर फाइनेंशियली दिक्कत आ रही है तो एक्सपर्ट से मिलकर सही स्ट्रेटेजी बनाएं.


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