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जानिए मंगला गौरी व्रत की तिथि और महत्व

Tara Tandi
27 Jun 2022 8:45 AM GMT
जानिए मंगला गौरी व्रत की तिथि और महत्व
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को बेहद प्रिय है। इस माह शिव जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को बेहद प्रिय है। इस माह शिव जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। सावन के पावन माह में भगवान शिव के साथ-साथ मां गौरा पार्वती की भी आराधना की जाती है। एक तरफ जहां सावन का प्रत्येक सोमवार महादेव को समर्पित है, वहीं इस माह में पड़ने वाले मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। मां मंगला गौरी आदि शक्ति माता पार्वती का ही मंगल रूप हैं। इन्हें मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी के नाम से भी जाना जाता है। मुख्य रूप से मंगला गौरी व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है। इसलिए विवाहित महिलाएं सावन में इस व्रत को विधि-विधान के साथ रखती हैं और मां मंगला गौरी की पूजा करती हैं। आइए जानते हैं इस व्रत की तिथि और महत्व के बारे में....

मंगला गौरी व्रत की तिथि
इस बार सावन माह का आरंभ 14 जुलाई से हो रहा है, जो कि 12 अगस्त तक रहेगा। वहीं इस सावन में चार मंगलवार पड़ रहे हैं।
प्रथम मंगला गौरी व्रत - 19 जुलाई 2022, दिन मंगलवार
दूसरा मंगला गौरी व्रत - 26 जुलाई 2022, दिन मंगलवार
तीसरा मंगला गौरी व्रत - 2 अगस्त 2022, दिन मंगलवार
चतुर्थी मंगला गौरी व्रत - 9 अगस्त 2022, दिन मंगलवार
मंगला गौरी व्रत विधि
मंगला गौरी व्रत के दिन व्रती को सूर्योदय से पहले जाग कर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब एक साफ लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और उसपर मां गौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और मां के समक्ष व्रत का संकल्प करें व आटे से बना हुआ दीपक प्रज्वलित करें।
इसके बाद धूप, नैवेद्य फल-फूल आदि से मां गौरी की पूजा करें। मंगला गौरी व्रत में इस बात का ध्यान रखें कि आप पूजा में जो भी सामाग्री जैसै सुहाग का सामान, फल, फूल, माला, मिठाई आदि जितनी भी चीजें अर्पित कर रही हैं, उनकी संख्या 16 होनी चाहिए। इसके बाद मां गौरी की आरती करें और उनसे प्रार्थना करें।
मंगला गौरी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत में विधि पूर्वक मां गौरी की पूजा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है और दांपत्य जीवन में अथाह प्रेम बना रहता है।
इसके अलावा संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली स्त्रियों के लिए भी ये व्रत बहुत शुभफलदायी रहता है। यदि किसी के दांपत्य जीवन में समस्याएं बनी हुई हैं तो उन्हें मंगला गौरी व्रत करना चाहिए। इससे दांपत्य जीवन का कलह-कष्ट व अन्य सभी समस्याएं दूर होती हैं।
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