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पैरों में आने वाले बदलाव से जानिए कोलेस्‍ट्रॉल का हाल

Apurva Srivastav
20 May 2023 5:03 PM GMT
पैरों में आने वाले बदलाव से जानिए कोलेस्‍ट्रॉल का हाल
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हाई कोलेस्‍ट्रॉल एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्‍लड में बहुत अधिक कोलेस्‍ट्रॉल सर्कुलेट होता है. कोलेस्‍ट्रॉल एक तरह का फैट होता है, जो आर्टरीज में प्‍लाक जमा देता है. इससे आर्टरीज सिकुड़ जाती हैं जिससे हार्ट से ब्‍लड फ्लो में रुकावट पैदा हो सकती है. इससे हार्ट डिजीज, हार्ट अटैक या स्‍ट्रोक की समस्‍या हो सकती है. हाई कोलेस्‍ट्रॉल के आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होते हैं. इस वजह से इसका पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है. बॉडी में दो तरह के कोलेस्‍ट्रॉल होते हैं गुड और बैड कोलेस्‍ट्रॉल. बैड कोलेस्‍ट्रॉल का लेवल बढ़ने का संकेत सबसे पहले पैरों पर दिखाई देता है.
चलिए जानते हैं पैरों में आने वाले कौन-कौन से बदलाव देते हैं कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने का संकेत. स्किन कलर में बदलाव हेल्‍थलाइन के मुताबिक त्वचा का पीला पड़ना, आंखों के चारों ओर पैच दिखाई देना और तलवे की स्किन पर्पल या ब्‍लू दिखाई दे तो सावधान हो जाइए. ये हाई कोलेस्‍ट्रॉल का संकेत हो सकता है. हाई कोलेस्‍ट्रॉल की वजह से शरीर में ब्‍लड फ्लो कम हो जाता है जिससे स्किन का कलर बदलने लगता है. पैरो के बाल की ग्रोथ रुकना पैरों के बाल की ग्रोथ अचानक से रुक जाना भी हाई कोलेस्‍ट्रॉल का एक संकेत हो सकता है.
कोलेस्‍ट्रॉल के कारण पैर और तलवों में होने वाले घाव आसानी से ठीक नहीं होते. पैरों में क्रैम्‍प या ऐंठन होना रात में सोते वक्‍त पैर में अचानक ऐंठन या क्रैम्‍प उठना हाई कोलेस्‍ट्रॉल लेवल का एक लक्षण हो सकता है. ऐंठन या क्रैम्‍प एड़ी, पैर की उंगलियों में होता है. अगर ऐसा बार-बार और जल्‍दी-जल्‍दी हो रहा है तब सावधान हो जाने की जरूरत है. पैरों में हमेशा दर्द रहना यदि पैरों में हमेशा दर्द बना रहता है. चलने और एक्‍सरसाइज करते वक्‍त दर्द बढ़ जाता है तो इसे बिल्‍कुल भी नजरअंदाज न करें. ये हाई कोलेस्‍ट्रॉल का एक संकेत हो सकता है. ब्‍लड आर्टिलरी में प्‍लाक जमने से ब्‍लड सर्कुलेशन कम जो जाता है, जिससे पैरों तक पर्याप्‍त मात्रा में ब्‍लड नहीं पहुंचता. ऐसे में पैरों में भारीपन और थकान का एहसास हो सकता है.
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