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छोटे बच्चे को संभालना बेहद मुश्किल होता है। वहीं नए पेरेंट्स बने लोगों के लिए तो यह किसी चुनौती से कम नहीं होता है। ऐसे में वे बच्चे के रोने से लेकर सोने तक हर छोटी-छोटी हरकत पर खास ध्यान देते हैं। मगर क्या आपने कभी बच्चे को कान खुजलाने देखा या इसकी वजह सोची हैं? जी हां, अक्सर छोटे बच्चे भी कान में उंगली डालकर खुजली करने की कोशिश करते हैं। वैसे तो शिशु को कान में खुजली होना एक आम बात हैं। मगर उसका बार-बार कान खींचना या उंगली डालना संक्रमण की चपेट में आने की ओर इशारा करता है। ऐसे में इसे नजरअंदाज करने की जगह तुरंत डॉक्टर की सलाह लेने में ही भलाई है। चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में शिशु का कान में खुजली करने के कारण व इससे बचने के उपाय बताते हैं...
चलिए जानते हैं बच्चों के कान में खुजली होने के कारण
कान के आसपास रैशेज होना
शिशु की स्किन ड्राई होने से उसके कान के आसपास रैशेज होने का खतरा रहता है। ऐसे में हो सकता हैं कि वह इस कारण बार-बार कान में उंगली डाल रहा हो।
कान में इंफेक्शन होने की समस्या
कान में इंफेक्शन होने की समस्या में भी बच्चे को खुजली महसूस होती है। इसलिए वे बार-बार हाथ को कान के पास लेकर जाता हैं। इसके साथ ही इंफेक्शन की स्थिति पर शिशु में नाक बहना, अधिक रोना, बुखार जैसे लक्षण आदि दिखाएं देते हैं।
थकान के कारण नींद आना
अक्सर बच्चे की नींद पूरी ना होने पर उसे थकान महसूस होती है। इसके कारण भी वे कई बार कान में खुजली करते रहते हैं। ऐसे में अगर आपका बच्चा बार-बार कान में उंगली डाल रहा हैं तो समझ जाएं कि उसे थकावट हैं। ऐसे में उसे सुलाने की कोशिश करें। इसके साथ ही उसकी डेली रुटीन को समझें कि वह कम थकान महसूस कर रहा या उसे सोने की जरूरत है।
एक्जिमा भी एक कारण
आमतौर पर एक्जिमा के कारण भी शिशु को कान में खुजली की समस्या हो सकती है। ऐसे में अगर आपको बच्चे के कान के आसपास रेडनेस, सूजन, पस जैसे लक्षण दिखे तो इसे नजरअंदाज किए बिना तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नहीं तो एक्जिमा धीरे-धीरे बढ़ सकता है।
कान में पानी रह जाना
अक्सर नहलाते समय शिशु के कान में पानी भर जाता है। इसके कारण भी वह चिड़चिड़ापन महसूस करने के साथ कान में खुजली कर सकता है। ऐसे में आप उसे नहलाते समय उसके कान में कॉटन डाल दें। इसके साथ ही नहाने के बाद सूखे कपड़े से उसके कान के आसपास की सफाई जरूर करें।
कान में मैल जमा होना
शिशु के बार-बार कान में उंगली डालने की एक वजह मैल जमा होना भी हो सकता है। ऐसे में कॉटन स्वैब या किसी भी चीज से बच्चे के कान से मैल खुद निकालने की गलती ना करें। इससे ईयरवैक्स उसके कान के अंदर जा सकती हैं। ऐसे में उसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए तुरंत शिशु को डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
साबुन और शैंपू कान में जाना
पानी की तरह साबुन व शैंपू भी बच्चे के कान में जा सकता है। इसके कारण भी शिशु को कान में खुजली की शिकायत हो सकती हैं। इससे बचने के लिए शिशु के कान में कॉटन डालकर ही उसे नहलाएं। इसके साथ ही नहाने के बाद सूखे कपड़े से उसका कान पोंछ लें।
बच्चों को कान में खुलजी से ऐसे करें बचाव
. बच्चे की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
. शिशु को कान में हाथ या उंगली ना डालने दें। नहीं तो उन्हें इंफेक्शन हो सकती है।
. शिशु को नहाने के दौरान उसके कान में कॉटन डाल दें। ताकि साबुन या पानी उसके कान में ना जा सके।
. बच्चों के कान में जमा मैल खुद से निकालने से बचें। ऐसा करने से वैक्स उसके कान के काफी अंदर जा सकता है। इसके कारण कान में पस, रेडनेस जैसी समस्याएं होने का खतरा हो सकता है।
. हल्के हाथों व गीले कपड़े से उसके कान के आसपास की सफाई करें। इसके साथ ही कान के अंदर दबाव डालने से बचें।
. शिशु के कान को कवर करके ही रखें।
. अगर आप बच्चे के कान में तेल डालना चाहते हैं तो एक बार पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। असल में, इससे बच्चे के कान में संक्रमण होने का खतरा रहता है।
शिशु के कान में खुजली होने पर इस समय लें डॉक्टर की सलाह
. अगर बच्चे लगातार 3 दिनों से कान में खुजली करें तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें। इस तरह शिशु का बार-बार कान में खुजली करने से कोई संक्रमण या अन्य समस्या हो सकती है। ऐसे में इसका तुरंत इलाज करवाने में ही भलाई है।
Ritisha Jaiswal
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