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क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो हरी मिर्च के बिना खाना ही नहीं खाते?
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो हरी मिर्च के बिना खाना ही नहीं खाते? तीखे गोल गप्पे, मसालेदार राजमा और छोले का नाम सुनते ही आपके मुंह में पानी आ जाता है? क्या आपको भी एक्सट्रा स्पाइसी खाना ज्यादा पसंद है? अगर इन सभी सवालों का जवाब हां है तो ये सोचकर परेशान न हों कि तीखा और मसालेदार भोजन (Spicy Food) सेहत के लिए सिर्फ नुकसानदेह ही होता है क्योंकि साइंस आपके फेवर में है. जी हां आप मसालेदार भोजन खा सकते हैं लेकिन जमकर नहीं सीमित मात्रा में. दालचीनी, हल्दी, लहसुन, अदरक और मिर्च- ये कुछ ऐसे मसाले हैं जो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद हैं.
कई फायदों वाला है मसालेदार खाना
1. वेट लॉस के लिए फायदेमंद- एक नहीं बल्कि ढेरों स्टडीज के आंकड़े इसी बात की ओर इशारा करते हैं कि हरी और लाल मिर्च (Chillies), काली मिर्च, हल्दी, दालचीनी आदि मसाले शरीर में मेटाबॉलिक रेट (Metabolic Rate) को बढ़ाते हैं और भूख को कम करने में मदद करते हैं जिससे वजन घटाने (Weight Loss) में मदद मिलती है. हल्दी को लेकर हुई एक स्टडी में तो यह बात भी सामने आयी थी कि हल्दी फैट टीशू के ग्रोथ को दबा देती है. कुछ मसाले ऐसे भी हैं जिन्हें खाने के बाद काफी देर तक भूख नहीं लगती. साथ ही इन मसालों में वसा और कैलोरी की मात्रा भी बेहद कम होती है. लिहाजा ये वजन घटाने में मदद करते हैं.
2. कैंसर से बचने में मददगार- चिली पेपर यानी मिर्च में कैप्सेसिन (Capsaesin) नाम का ऐक्टिव कॉम्पोनेंट पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं (Cancer Cells) को धीमा करने और उन्हें क्षतिग्रस्त करने में भी मदद करता है. ऐसा होने पर कैंसर को बढ़ने और फैलने से रोका जा सकता है. यूसीएलए की एक स्टडी में भी यह बात सामने आयी थी कि कैप्सेसिन ने चूहों पर की गई स्टडी में प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं की ग्रोथ को रोक दिया था जबकी स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं हुआ था.
3. इंफेक्शन से बचाते हैं मसाले- जीरा और हल्दी जैसे मसालों में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज पायी जाती है जो शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया (Bacteria) से लड़कर उन्हें बाहर निकालने में मदद करते हैं. ऐसा होने पर इंफेक्शन और बीमारियों से दूर रहने में मदद मिलती है.
4. इन्फ्लेमेशन से लड़ते हैं मसाले- हल्दी, अदरक और लहसुन जैसे मसालों में एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं जिनका इस्तेमाल आज से नहीं बल्कि कई सदियों से आयुर्वेद में आर्थराइटिस (Arthritis), सिरदर्द, जी मिचलाना और ऑटोइम्यून बीमारियों (Auto immune disease) के इलाज में होता आ रहा है.
5. डिप्रेशन रहता है कंट्रोल में- तीखा और मसालेदार भोजन खाने पर शरीर में सेरोटोनिन (Serotonin) यानी फील गुड हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है जिससे स्ट्रेस और डिप्रेशन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. इसके अलावा ब्लड शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखने में भी मदद करता है स्पाइसी फूड. लेकिन सीमित मात्रा में करें इसका सेवन.
मसालेदार भोजन के नुकसान
- बहुत अधिक मसालेदार भोजन खाने से भूख खत्म हो जाती है, बुखार हो सकता है, मसूड़ों में सूजन और नाक से खून भी निकल सकता है.
- मिर्च और मसाले वाला भोजन गर्भवती महिलाओं और पाइल्स के रोगियों को बिलकुल नहीं खाना चाहिए.
- ज्यादा तीखा भोजन हमारे टेस्ट बड को नुकसान पहुंचाता है और इससे सांस की बदबू की समस्या भी हो सकती है.
- अधिक मसालेदार और तीखा खाने से पेट की कईं समस्याएं हो सकती हैं जैसे- एसिडिटी और अल्सर.
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