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अजवाइन यानि कैरेमल सीड्स हमारे भारतीय व्यंजनों में एक ऐसा मसाला है जिसे हम सभी बचपन से खाते हैं और जिसका स्वाद भी हम जानते हैं। बचपन में हमारे घर में अजवाइन की पूरी, पराठा और ताजी मठरी बनाना आम बात थी। इसी तरह, तारो, केला आदि जैसी सब्जियाँ भी। कारमेल बीज के बिना पकाया नहीं जा सकता। इसके अलावा, हर साल कारमेल के बीज के साथ एक नींबू ककड़ी घर में आती थी, जो भोजन के अलावा, एक यात्रा साथी भी थी। अजवाइन पाउडर और माउथवॉश का भी उत्पादन किया जाता है। सर्दियों में, मैं इसे खाना पकाने के लिए अधिक उपयोग करता हूं क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। इसकी कुरकुरी बनावट और विशिष्ट स्वाद के कारण इसका उपयोग सभी प्रांतों में लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। आइए जानें इसे खाना पकाने में कैसे इस्तेमाल करें ताकि स्वाद के साथ-साथ सेहत भी बनी रहे।
तड़के में अजवायन का उपयोग
आमतौर पर लोग जीरा, राई हींग आदि का ही इस्तेमाल घी या तेल के साथ तड़का लगाने में करते हैं, पर मैं आलू ,अरबी, केले आदि की सूखी सब्जी में लाल मिर्च के साथ अजवायन डालकर तड़का लगाती हूं। मूली की भुजिया बनानी हो या उसके कोफ्ते, तड़के में अजवायन जरूर डालती हूं। साबुत मूंग,मसूर, उड़द की दाल बनाते समय जीरे के साथ-साथ थोड़ा अजवाइन डालकर तड़का लगाइए, सब कुछ जल्दी से हजम हो जाएगा। छोले बनाने हो या मटरा, इसमें भी अजवाइन का तड़का लगाइए। स्वाद और सेहत दोनों ही सही रहेंगे। ऐसी सब्जियां जो गैस बनाती हैं,उसके तड़के में अजवायन का प्रयोग अवश्य करें।
सूप और सलाद में संगत
अजवायन को सूखा भूनकर क्रश करके एक एयरटाइट डिब्बे में रख लें। सूप सर्व करते समय उसे ऊपर से थोड़ा बुरका दें। इसके अलावा सलाद में ड्र्रेंसग करते समय काले नमक में थोड़ी-सी क्रश की हुई अजवाइन मिलाकर ऊपर से बुरक दें। एक अच्छा और बढ़िया स्वाद मिलेगा।
मोयन के साथ
जब भी समोसा, कचौड़ी, खस्ता,पकौड़े,चीले आदि बनाएं, उसमें भी थोड़ी-सी अजवायन क्रश करके डालें। इससे सब जल्दी हजम हो जाता है। इसके अलावा पूरी व पराठा का आटा गूंदते वक्त मोयन के साथ थोड़ा-सा अजवायन डालना ना भूलें।
चाय में भी अजवायन
मानसून में अकसर कोई न कोई इंफेक्शन लग ही जाता है। साथ ही बारिश में भीगने पर खांसी, जुकाम व छींक जैसी समस्या हो ही जाती है। ऐसे में चाय बनाते समय उसमें थोड़ी- सी अजवाइन डाल दें। झटपट आराम मिलेगा।
ऐसे बनाएं अजवायन पाचक
एक कप साफ की हुई अजवायन को आधा कप नीबू के रस व आधा छोटा चम्मच काले नमक में रात भर के लिए भिगोएं। सुबह इसे कड़ाही में डालकर धीमी आंच पर भूनें। अब इसमें नमक, चाट मसाला और पुदीने का चूर्ण आदि मिलाकर पीस लें। स्वादिष्ट अजवायन पाचक चूर्ण तैयार है। नीबू के रस में भीगी अजवायन में भुने तिल,भुनी सौंफ और थोड़े से इलायची के बीज मिला दें, बढ़िया मुखवास तैयार है।
सेहत का रक्षक
1 अजवायन में मौजूद एक्टिव एंजाइम पेट में एसिड के फ्लो में सुधार लाते हैं। तभी तो कहते हैं तला-भुना खा लिया हो तो गर्म पानी के साथ-साथ अजवायन खा लो।
2 गले में खराश हो या खांसी अथवा छाती में कफ इकट्ठा हो गया हो, तो अजवायन का काढ़ा पिएं। राहत मिलेगी।
3 गठिया के दर्द से छुटकारा पाने के लिए गर्म पानी में अजवायन डालें, फिर उससे सिंकाई करें।
4 बच्चे के जन्म के बाद अजवायन वाला पानी पीने और अजवायन युक्त लड्डू खाने से नव प्रसूता को बहुत स्वास्थ्य लाभ होता है।