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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लहसुन के बारे में तो आपने सुना ही होगा. भारतीय भोजन में तो इसका जलवा है ही, चाइनीज़ और थाई व्यंजनों का स्वाद भी इसके बिना पूरा नहीं होता. लहसुन को सब्जी कहा जाए या मसाला, इस मसले पर भी चर्चाएं चलती रहती हैं. लहसुन एक ऐसा फूड आइटम है कि आप खा लेंगे तो इसकी गंध आपके पसीने तक से आने लगेगी. शायद तीखी गंध के कारण ही एक समय में इसका इस्तेमाल बुरी आत्माओं को भगाने के लिए किया जाता था. भारत में लहसुन की उत्पत्ति धर्म के साथ जुड़ी हुई है. गुण तो इसमें इतने अधिक और प्रभावी हैं कि शायद ही किसी सब्जी या मसाले में होंगे.
क्षेत्र और उत्पादन के अनुसार देखें तो विश्वभर में लहसुन का उत्पादन चीन के बाद भारत में दूसरे नंबर पर है. लहसुन की उत्पत्ति को लेकर दो धाराएं चल रही हैं. एक तो यह कि पौराणिक आख्यानों के अनुसार लहसुन के साथ प्याज का अवतरण समुद्र मंथन से जुड़ा है. मंथन में निकले अमृत को जब सुरों को वितरित किया जा रहा था तो उसे चुपके से एक राक्षस ने भी पी लिया. पता चलने पर भगवान विष्णु ने अपने चक्र से उसके सिर को धड़ से अलग कर दिया. उस राक्षस के रक्त व अमृत से लहसुन व प्याज की उत्पत्ति हुई. इस उत्पत्ति के कारण ही इन दोनों को तामसिक भोजन की श्रेणी में शामिल किया गया है. वैसे 700-800 ईसा पूर्व लिखे गए भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ 'चरकसंहिता' में लहसुन का वर्णन है. इसे कृमि व कुष्ठ को नष्ट करने वाला, वातनाशक और तासीर में गरम बताया गया है.
दूसरी विचारधारा के अनुसार लहसुन मध्य एशिया व पूर्वोत्तर ईरान की फसल है. तो यह भी कहा जाता है कि यह मिस्र में 5000 वर्ष पहले आया था. इतिहास में ऐसा उल्लेख मिलता है कि प्राचीन मिस्र में लोग किसी की मृत्यु पर उसकी कब्र में लहसुन भी रखते थे. लहसुन अब सब्जी का एक अभिन्न अंग बन चुका है. भारत में तो माना जाता है कि यह सब्जियों का बादीपन खत्म करता है तो चीन और थाई व्यंजनों में इसका प्रयोग इसलिए होता है ताकि सब्जियों या नॉनवेज के निगेटिव तत्वों पर यह हावी हो जाता है. साथ ही फैट को भी रोकता है.
लहसुन खाने के बाद यह मुंह में तो गंध देता ही है, साथ ही इसकी गंध मनुष्य के रक्त से होती हुई उसके पसीने तक में पहुंच जाती है. यह गंध खुद मनुष्य को तो महसूस होती ही है, जो उसके संपर्क में आएगा, उसे भी लहसुन की गंध महसूस होगी. ऐसी खासियत दुनिया के किसी भी फल या सब्जी में नहीं है. इसके अलावा लहसुन में शायद और भी विशेषता होगी कि रोमानिया के लोग बुरी आत्माओं को अपने घरों से दूर रखने के लिए लहसुन का प्रयोग करते हैं. वे अपने घरों के दरवाजों और खिड़कियों पर लहसुन की माला लटका देते हैं ताकि बुरी आत्माएं उनके घरों में प्रवेश न कर पाएं.
लहसुन सब्जी है या मसाला, इस पर भी बहस होती रहती है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) के डॉ. नवेद सबिर के अनुसार तकनीकी तौर पर लहसुन एक सब्जी है लेकिन इसका प्रयोग मसाले के तौर पर भी किया जाता है. उसका कारण यह है कि अकेले लहसुन की सब्जी नहीं बनाई जा सकती. इसके चलते प्रोसेस कर मसाले के तौर पर ज्यादा इस्तेमाल होता है. उन्होंने कहा कि लहसुन में गंध इसलिए अधिक होती है क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में सल्फर होता है, जिसका असर शरीर में देर तक रहता है. सरकारी अधिकारी व आयुर्वेदाचार्य डॉ. आरपी सिंह के अनुसार लहसुन में लहसुन में एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं. इसलिए आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है. लहसुन एक प्राकृतिक रूप से रक्त को पतला रखता है, इसलिए कोलोस्ट्रोल में यह लाभदायी है. उन्होंने कहा कि लहसुन की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मी के मौसम में इसका सीमित प्रयोग करना चाहिए. इसके अधिक मात्रा में सेवन से एसिडिटी की समस्या व पेट में दर्द भी हो सकता है..
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