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- सौंफ के उपयोग, जाने...
सौंफ एक तरह का बीज है जिसकी सुगंध और स्वाद दोनों ही अनोखे हैं. इसके कई स्वास्थ सम्बंधित लाभ हैं. इसमें कई तरह के विटामिन और मिनिरल मौजूद हैं. इसके प्रयोग से अपच, डायरिया और विभिन्न तरह के स्वांस सम्बंधित रोगों में लाभ पाया जा सकता है. इसके अलावा यह आँख की परेशानी और स्त्रियों के मासिक चक्र के संतुलन में भी बहुत सहायक है. ऐसा देखा जाता है कि भारत में लोग खाना खाने के बाद ज़रा सा सौंफ ज़रूर खाते हैं. इसकी वजह ये है कि ये एक माउथफ्रेशनर का काम करता है और वहीँ दूसरी तरफ ये पाचन में सहायक होता है. कई बार इसके प्रयोग से मसूढ़े सम्बंधित समस्याओं का भी निदान हो जाता है
स्वास की दुर्गन्ध से छुटकारा :
सौंफ चबाने से अक्सर मुंह की दुर्गन्ध दूर हो जाती है. इससे साँसों में ताजगी आती है. किसी भी तरह का खाना खाने के बाद थोडा सा सौंफ चबा लेने से मुंह का जायका भी बदल जाता है और साँसों से दुर्गन्ध भी चली जाती है.
पाचन क्रिया में सहायक :
सौंफ खाने से कई तरह के पाचन सम्बंधित समस्याओं से निदान प्राप्त हो सकता है. अपच, पेट फूलना, कब्ज़, पेट दर्द, गैस, गला जलना आदि में सौंफ से लाभ प्राप्त होता है.
मोटापा घटाने में सहायक :
सौंफ के नियमित सेवन से मोटापे में कमी आ सकती है. ये एक तरह से ‘नेचुरल फैट बूस्टर’ का काम करता है. इसकी सहायता से शरीर में मेटाबोलिक रेट में वृद्धि होती है और फैट कम होता जाता है. ये शरीर में ‘वाटर रिटेंशन’ को कम करता है. वाटर रिटेंशन की वजह से वजन में अधिक वृद्धी होती है. अतः इसे कम करके ये वजन घटाने में सहायता करता है. इस तरह से यह मोटापा कम करने का उपाय अच्छा है.
कैंसर की रोकथाम :
सौंफ कैंसर के रोकथाम में भी बहुत सहायक है. इसके नियमित सेवन से कोलोन कैंसर से रोकथाम में सहायता प्राप्त होती है. इसमें मैंगनीज भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. यह शरीर में एंटीओक्सीडेंट बनाने में सहायता करता है. अतः ये कैंसर के रोकथाम में सहायता करता है. साथ ही इसमें मौजूद तत्व कार्सिनोगेनिक जैसे विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं, जिसकी सहायता से कैंसर की रोकथाम आराम से हो जाती है. इसके अलावा इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी फाईटोन्यूट्रीएंट भी पाया जाता है, यह तत्व स्तन कैंसर के रोकथाम में मदद करता है.
मासिक समस्याओं से निदान :
कई बार महिलाओं में नियमित रूप से भोजन न करने और विभिन्न तरह की चिंता से मासिक समस्याएँ शुरू हो जाती हैं. इस तरह के समय में इसका सेवन मासिक धर्म में मेंसुरल फ्लो को नियंत्रित करता है. साथ ही इसमें पाया जाने वाला फाईटोएस्ट्रोजेन प्रेमेंसुरल सिंड्रोम, मेनोपौसल डिसऑर्डर आदि के रोकथाम में मदद करता है.
अनेमिया का रोकथाम :
सौंफ में आयरन, कॉपर आदि माइक्रो एलीमेंट पाए जाते हैं. ये तत्व शरीर में लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में सहायक है. इसके लगातार सेवन से शरीर में आयरन की वृद्धि होती है जिससे बदन में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढती है और अनीमिया का रोकथाम हो पाता है. यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी बहुत कारगर सिद्ध होता है.
रक्त चाप संतुलित करने में सहायक :
इसमें नाइट्रेट और नाइट्राट इन दोनों के भी अवयव पाए जाते हैं. ये अवयव शरीर के रक्त चाप को संतुलित रखने में सहायता करते हैं. इसके अलावा इसमें पोटेशियम की भी भरपूर मात्रा मौजूद होती है. यह तत्व शरीर में रक्त तथा अन्य द्रव्यों का सञ्चालन करने में सहायता करता है, साथ ही यह धड़कन और रक्तचाप के नियन्त्रण और नियमन में सहायता करती है.
सौंफ के त्वचा सम्बंधित लाभ (Fennel seeds benefits for skin)
सौंफ का त्वचा सम्बंधित लाभ भी मौजूद है. इसके प्रयोग से कील मुँहासे से छुटकारा मिलता है और त्वचा स्वस्थ भी रहती है. इससे बने पेस्ट को कील मुहांसों पर लगाने से कील मुंहासे कम हो जाते हैं. यह मुंहासें हटाने का घरेलू उपाय है. इसके नियमित सेवन से ओक्सीडेटिव स्ट्रेस से होने वाले विभिन्न तरह के रोगों से छुटकारा मिलता है साथ ही यह त्वचा का स्वस्थ और झुर्री मुक्त बना कर सौंदर्य बढाता है. यह चेहरे पर पड़े डार्क स्पॉट्स और फाइनलाइन से भी मुक्ति देता है.
इसके लिए पेस्ट को निम्न तरीके से बनाया जा सकता है.
सबसे पहले सौंफ के कुछ दानों को एक बर्तन में पानी डाल कर उबालें. जब देखें कि सौंफ की वजह से पानी का रंग बदल गया है तब उसे उतार कर ठंडा कर लें. आप इसे स्किन टोनर के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे अपने चेहरे पर 15 से 20 मिनट तक लगाए रखें. फिर साफ पानी से धो लें.
सौंफ के बाल सम्बंधित लाभ (Fennel seeds benefits for hair)
यह बालों के लिए भी बहुत लाभदायक है. यह बालों को मजबूत करता है और बाल टूटने से बचाता है. सौंफ की चाय से रूसी और बालों की खुजली से आराम मिलता है. यह रूसी हटाने का घरेलू उपाय है. इसके चाय को तैयार करने के लिए तीन चम्मच सौंफ को पीस कर उसे पानी में मिलाये. इस पानी को 10 से 15 मिनट तक उबाल लें. इसे अपने बालों के स्कैल्प पर मलें और कुछ समय के बाद शैम्पू से बाल धो लें. आपके बाल साफ और मजबूत हो जायेंगे.
सौंफ का पानी व उसके लाभ (Fennel water benefits)
एक बर्तन में रात भर सौंफ और पानी को मिला कर छोड़ दें. रात भर में पानी का रंग बदल जाएगा और उसमे सौंफ का प्रभाव साफ़ दिखाई देगा. यही है सौंफ का पानी. ये हलके सुनहरे रंग का होता है जिसमे से भीनी सुगंध आती है.
इसका लगातार खाली पेट में सेवन करने से शरीर में जमी ग़ैरज़रूरी चर्बी से छुटकारा प्राप्त होता है. इसके साथ ही ये पेट को ठंडा रखने में सहायक है.
स्माल पॉक्स के दौरान रोगी को सौंफ का पानी पिलाना फायदेमंद होता है. इससे उसके शरीर का तापमान संतुलित रहता है.
इसके नियमित सेवन करने वालों को आँखों की समस्या से भी राहत मिलती है और दृष्टि दोष दूर होते हैं.
यदि आपको कब्ज़ है तो सौंफ का पानी इसमें बहुत बेहतर काम कर सकता है. नियमित रूप से सौंफ का पानी पीते रहने से कब्ज़ से छुटकारा प्राप्त होता है और पाचन तंत्र स्वस्थ हो जाता है.
इस तरह से सौंफ विभिन्न रोगों के उपचार में सहायक है.
सौंफ का प्रयोग (Fennel uses)
सौंफ का प्रयोग विभिन्न तरह के रोगों के उपचार में होता है. इसका प्रयोग रक्तचाप को नियंत्रित करने, शरीर में वाटर रिटेंशन कम करने, अपच अथवा अन्य पेट सम्बंधित बीमारियाँ, अस्थमा, रक्त शुद्ध करने के लिए, दृष्टि दोष दूर करने आदि में होता है. इसके नियमित इस्तेमाल से कैंसर से रोकथाम में मदद प्राप्त होती है. इसके प्रयोग करने के तरीके नीचे दर्शाये गये हैं.
आप सौंफ का इस्तेमाल सौंफ की चाय बनाकर कर सकते हैं. इसे बनाने के लिए एक चम्मच सौंफ लेकर इसे एक कप गर्म पानी में डाल दीजिये और कम से कम 30 मिनट के लिए छोड़ दीजिये. इसी पानी में इसके बाद थोडा और सौंफ पीस कर डालें. इस पानी को कुछ समय के लिए उबालें और इसे छान कर सौंफ की चाय के रूप में ग्रहण करें. उबालते समय ध्यान रखें कि पानी अधिक गर्म न हो वरना इसमें मौजूद आवश्यक तत्व जल जाते हैं और इसका ख़ास फायदा नहीं मिल पाता है. इसका जायका बदलने के लिए इसमें थोडा सा शहद अथवा किसी तरह का फ्रूट जूस भी बना सकते है. इसके सेवन से डायबिटीज, मोटापा आदि से राहत प्राप्त होती है.
इसके अलावा आप सौंफ को रात भर पानी में भिगो कर सुबह उस पानी को पी कर भी सौंफ का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए सौंफ की आवश्यक मात्रा को रात ही में साफ पानी में भिगो कर रख दें. सुबह उठ कर इसे खाली पेट में पी लें. इस तरह से आपको सौंफ का लाभ प्राप्त हो सकेगा.
सौंफ में मौजूद न्यूट्रीशन (Fennel nutrition facts)
सौंफ का इस्तेमाल एक लम्बे समय से आयुर्वेदिक रूप में पेट फूलने और अपच के लिए औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. नवजात शिशुओं को पेट दर्द से राहत और पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए भी सौंफ का पानी पिलाया जाता है. कफ, ब्रोंकाइटिस तथा अन्य मसाज तेल में भी इसका प्रयोग किया जाता है, जिसकी सहायता से जॉइंट पैन में खूब राहत प्राप्त होती है.
सौंफ के साइड इफ़ेक्ट (Fennel side effects)
कई तरह के लाभ के साथ कुछ पार्श्व प्रक्रियाएं भी है. इसके कई बड़े नुकसान हैं जिसका वर्णन नीचे किया जा रहा है.
इसके सेवन से कई लोगों में हाइपरसेंसेटिव स्किन की परेशानी हो जाती है. इस वजह से कई लोगों में स्किन रेश की परेशानी दिखाई देती है,
इसके अधिक सेवन से तंत्रिका तंत्र में भी परेशानी आने लगती है. साथ ही सूर्य के प्रकाश में स्किन सेंसिटीविटी बढ़ जाती है.
यदि आपको किसी तरह की हर्मोने सेंसिटिविटी संबधित परेशानी जैसे ब्रैस्ट कैंसर आदि है, तो सौंफ का सेवन बिना किसी डॉक्टर की राय लिए न करें.
इसके अधिक सेवन से कम उम्र की बच्चियों में भी अनियमित रूप से स्तन की वृद्धि हो जाती है.
यदि आप शुगर के मरीज़ हैं, तो सौंफ का इस्तेमाल कम से कम करें क्योंकि कई बार ये शरीर में शुगर स्तर को बाधा देता है..