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उपयोग करने से पहले जानिए मुलेठी के फायदे और नुकसान के बारे में

Ritisha Jaiswal
3 Nov 2020 8:13 AM GMT
उपयोग करने से पहले जानिए मुलेठी के फायदे और नुकसान के बारे में
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मुलेठी यानी एक झाड़ीदार पेड़ होता है, जो अंदर से पीला, रेशेदार और हल्की सुगंध वाला होता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मुलेठी यानी एक झाड़ीदार पेड़ होता है, जो अंदर से पीला, रेशेदार और हल्की सुगंध वाला होता है। इसे एक ऐसे औषधीय घरेलू नुस्खे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, जो कई बीमारियों में फायदा पहुंचाती है। मुलेठी का इस्तेमाल सदियों से आंखों के रोग, मुख रोग, कंठ रोग, उदर रोग, सांस विकार, हृदय रोग, घाव के उपचार के लिए किया जाता आ रहा है। आपने मुलेठी के फायदों के बारे में ज़रूर सुना होगा, लेकिन क्या आप इसके नुकसान के बारे में जानते हैं?

मुलेठी में कैल्शियम, ग्लीसिर्रहिजिक एसिड, एंटी ऑक्सिडेंट, एंटीबायोटिक और प्रोटीन के तत्व पाए जाते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। मुलेठी खानें में मीठी होती है। मुलेठी के छोटे टुकड़े चूसने से खांसी, गले में खराश या कंठ रोगों की तमाम समस्यों से राहत मिल सकती है। लेकिन आप हम आपको बता रहे हैं, मुलेठी से जुड़े नुकसान के बारे में।

मुलेठी के नुकसान

1. इसका उपयोग उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह, एस्ट्रोजेन-संवेदनशील विकार, गुर्दा, हृदय या यकृत और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं जैसी मेडिकल कंडीशन वाले लोगों द्वारा नहीं किया जाना चाहिए।

2. मुलेठी का ज़रूरत से ज़्यादा उपयोग भी मांसपेशियों, क्रोनिक थकान, सिरदर्द, सूजन, एडिमा, सांस की तकलीफ, जोड़ों में अकड़न और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन स्तर को कम और कमज़ोर कर सकती है।

3. सीमित मात्रा से ज़्यादा मुलेठी खाने से शरीर में पोटेशियम की कमी, हाई ब्लड प्रेशर और मांसपेशियां कमज़ोर हो सकती हैं। किडनी, डायबीटिक और गर्भवती महिलाएं डॉक्टरी सलाह से ही इसे लें।

4. जो लोग मूत्रवर्धक पर हैं या हाइपोथायरायडिज़्म से पीड़ित हैं, उन्हें मुलेठी का उपयोग नहीं करना चाहिए।

मुलेठी के फायदे

1. अर्थराइटिस: जिन लोगों को अर्थराइटिस है, मुलेठी उनकी इस समस्या में राहत पहुंचाने का काम कर सकती है। मुलेठी में एंटी ऑक्सिडेंट और एंटीबायोटिक के गुण पाए जाते हैं जो अर्थराइटिस, दर्द सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।

2. अवसाद से लड़ती है: यह जड़ी बूटी अवसाद यानी Depression के इलाज में भी मदद करती है। मुलेठी अधिवृक्क ग्रंथि (adrenal glands) के कामकाज में सुधार लाती है, जो घबराहट और अवसाद से लड़ने में मदद करती है। इसके अलावा, इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम और बीटा कैराटीन जैसे आवश्यक खनिज और फ्लेवोनॉइड्स हैं, जो अवसाद को दर करने में मदद करते हैं।

3. आंखों: आंखों की जलन और आंखें के लाल होने पर मुलेठी को लाभदायक उपचार की तरह इस्तेमाल किया जाता है।

4. खांसीः सर्दी के मौसम में गले में खराश या खांसी की समस्या अक्सर होती है। ऐसे में मुलेठी के छोटे-छोटे टुकड़े करके चुसते रहने से खांसी की समस्या में राहत मिल सकती है।

5. पाचनः मुलेठी में फ्लेवोनॉइड जैसे तत्व पाए जाते हैं। जो पाचन को तो अच्छा रखने का काम करता ही है, साथ ही ये वजन को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।

6. त्वचा: मुलेठी को एंटॉऑक्सीडेंट का पॉवरहाउस भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस कारण मुलेठी आपकी त्वचा संबंधी कई समस्याओं को दूर करती है और स्किन को फिर से जवां बनाने वाली जड़ी-बूटी के तौर पर भी देखा जाता है।

7. मुंह की दुर्गंधः मुंह से बदबू आने की समस्या में मुलेठी काफी असरदार साबित होती है। मुलेठी के टुकड़ों को सौंफ के साथ या सिर्फ मुलेठी को इस्तेमाल करने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है।



Ritisha Jaiswal

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