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जानिए बीमारी से पहले दिल देता है ये संकेत

Tara Tandi
5 Sep 2022 9:34 AM GMT
जानिए बीमारी से पहले दिल देता है ये संकेत
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आज के दौर में दिल की बीमारी होना आम बात हो गई है। आए दिन इस बीमारी से लोगों के मरने की खबर सामने आती रहती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज के दौर में दिल की बीमारी होना आम बात हो गई है। आए दिन इस बीमारी से लोगों के मरने की खबर सामने आती रहती है। हालांकि, एक्सपर्ट इन वीमारियों से बचने क लिए कई सलाह देते हैं। रिपोर्टस के मुताबिक, दुनियाभर में दिल की बीमारियों से हर साल लाखों महिलाओं और पुरुषों की मौत होती है और ये यहां होने वाली मौतों की एक प्रमुख वजह है। भारत में भी ये आंकड़ा काफी बड़ा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में हर साल कार्डियोवैस्कुलर डिसीज (CVD) के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और मौतों के आंकड़ों में भी तेज इजाफा हुआ है। डराने वाली बात ये है कि हाल के कुछ सालों में भारत में 18 से 30 साल के युवाओं को हार्ट डिसीस ने घेरा है, जिसकी वजह से उन्हें अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।
दिल की बीमारियों के अधिकांश मामले खराब जीवनशैली से जुड़े होते हैं। धूम्रपान, शराब और नियमित रूप से व्यायाम नहीं करने से इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, '80 फीसदी दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके लिए आपको बस उन संकेतों को जानना होगा जो आपके दिल को परेशानी में डाल सकते हैं। इसके बाद आप अपने बाकी शरीर की तरह ही अपने दिल की भी देखभाल कर पाएंगे।
बीमारी से पहले दिल देता है ये संकेत
डॉक्टरों के मुताबिक, आमतौर पर आपके दिल की सेहत को इजेक्शन फ्रैक्शन के जरिए मापा जाता है। एक सामान्य इजेक्शन फ्रैक्शन 55 या 60 फीसदी होता है, जिसका मतलब ये है कि दिल में जितना ब्लड फ्लो हो रहा है उसका साठ फीसदी आसानी से बाहर पंप हो रहा है। इसे एक सामान्य तौर पर काम करने वाला स्वस्थ दिल माना जाएगा।
वहीं, अगर आपका दिल कमजोर होने लगता है। आपको दिल का दौरा पड़ता है या आपको कोई वॉलवुलर डिसीज होती है तो आपके दिल का इजेक्शन फ्रैक्शन कम हो जाता है। उदाहरण के लिए अगर किसी मरीज का 30 प्रतिशत इजेक्शन फ्रैक्शन हो रहा है तो इसका मतलब है कि मरीज का दिल ठीक तरह से रक्त प्रवाह नहीं कर पा रहा। ये परेशानी आगे चलकर हार्ट फेल होने की वजह बनती है। किसी भी व्यक्ति के दिल का इजेक्शन फ्रैक्शन जितना कम होगा, उसे उतना ही हार्ट फेल्योर और कार्डियर अरेस्ट का खतरा होगा।


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