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जानिए खट्टे फूड्स बढ़ा सकते हैं मुहांसे की समस्या

Tara Tandi
28 Aug 2022 10:45 AM GMT
जानिए खट्टे फूड्स बढ़ा सकते हैं मुहांसे की समस्या
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खट्टे, चटपटे स्वाद वाला भोजन कौन नहीं खाना चाहता। खासकर टीन एज में तो ऐसे फूड को देखते ही मुंह में पानी आने लगता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। खट्टे, चटपटे स्वाद वाला भोजन कौन नहीं खाना चाहता। खासकर टीन एज में तो ऐसे फूड को देखते ही मुंह में पानी आने लगता है। यदि आपको भी खट्टे भोजन को देखकर खाने का मन करने लगता है, तो जान लें कि इससे आपको मुंहासे या एक्ने की समस्या हो सकती है। मां कहती हैं कि पुराने समय में भी खट्टे खाद्य पदार्थों को खाने से मना किया जाता था। खट्टे भोजन से कुछ लोगों में त्वचा संबंधी समस्याएं (sour food effect on skin) हो सकती हैं। आइए जानते हैं इस बारे में क्या कहता है आयुर्वेद।

अग्नि और जल हमारे शरीर में बनने वाले हार्मोन और एंजाइम को नियंत्रित करता है। पेट और छोटी आंत में पित्त पाया जाता है। यह पित्त शरीर का तापमान और पाचक अग्नि नियंत्रित करता है। पित्त यदि संतुलित अवस्था में रहता है, तो व्यक्ति का स्वास्थ्य बढ़िया होता है।
पित्त के असंतुलन से पाचक अग्नि कमजोर पड़ने लगती है और अपच, कब्ज, एसिडिटी की समस्या होने लगती है। खट्टा, चटपटा, नमकीन, मसालेदार भोजन से पित्त की समस्या बढ़ने लगती है।
डॉ. नीतू के अनुसार, खट्टे खाद्य पदार्थ में अम्ल रस अधिक होता है, जो पित्त दोष को बढ़ाता है। पित्त दोष के कारण डायजेस्टिव सिस्टम की समस्या होती है। इसकी वजह से ही एक्ने या पिंपल होते हैं।
पाचन तंत्र को प्रभावित कर देता है अम्ल रस
एसिड यानी अम्ल रस बनाने वाले खाद्य पदार्थों का यदि ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाता है, तो यह आपके शरीर को एक्ने और पिंपल्स सहित कई स्किन डिजीज के प्रति अधिक संवेदनशील बना देता है।
इसका कारण यह है कि एसिड के बचे-खुचे अंश गट हेल्थ को प्रभावित कर देते हैं। इसकी वजह से आपके द्वारा खाए जा रहे न्यूट्रीएंट्स का पाचन सही तरीके से नहीं हो पाता है।
दही में भी खट्टापन हो सकता है और यह पित्त दोष को बढ़ा सकता है। दही के अलावा, वसा युक्त दूध, पनीर और आइसक्रीम जैसे डेयरी प्रोडक्ट भी एक्ने को ट्रिगर करने का काम कर सकते हैं।
डेयरी प्रोडक्ट में मौजूद केसइन सीबम ग्लैंड्स को सक्रिय करने का काम कर सकता है, जिससे एक्ने और पिंपल्स की समस्या बढ़ सकती है।
संतुलित मात्रा में करें खट्टे फलों का सेवन
वेदास क्योर के आयुर्वेद एक्सपर्ट विकास चावला कहते हैं, "खट्टे फलों का सेवन से कील-मुंहासों की समस्या नहीं होती है। खट्टे फल में विटामिन सी मौजूद होता है, जो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाता है।
यदि हम खट्टे फलों का अधिक सेवन करते हैं, तो इससे स्किन इन्फ्लेमेशन बढ़ने की संभावना रहती है। इससे स्किन इरिटेशन, पिंपल्स या एक्ने जैसी समस्या हो सकती है। डॉ. विकास आगे बताते हैं, खट्टे फल फायदेमंद होते हैं, लेकिन पिंपल्स से बचने के लिए इनका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। इन फलों में संतरा, अंगूर और नींबू एक अच्छा विकल्प है। इन सभी फलों में विटामिन सी और जिंक जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो आपकी स्किन को अंदर से स्वस्थ करते हैं।
इनके अलावा, विटामिन ई सीरम का भी प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन सीरम के प्रयोग से पहले चिकित्सक की सलाह लेनी जरूरी है।"
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