लाइफ स्टाइल

जानें केले के फल से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

Kajal Dubey
7 April 2022 4:39 AM GMT
जानें केले के फल से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
x
भारतीय धर्म, संस्कृति और खानपान में केले और उसके वृक्ष का बहुत महत्व है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय धर्म, संस्कृति और खानपान में केले और उसके वृक्ष का बहुत महत्व है. संस्कृत में इसे कदलीफलम् कहा जाता है. हिंदू धर्म का कोई भी कार्य केले और उसके पत्तों के बिना पूर्ण नहीं होता. विशेष बात यह भी है कि शरीर के लिए केला बेहद लाभदायक फल है. केला ही एक ऐसा फल है, जिसे खाकर पेट भरा जा सकता है और वह किसी प्रकार के दोष से रहित होता है.

धार्मिक ग्रंथों सहित पुराणों में भी केले का वर्णन किया गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार तुलसी के पौधे के बाद केले के पेड़ का सबसे अधिक महत्व है. धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए केले का पौधा लगाना चाहिए. ग्रहों में यह बृहस्पति का प्रतिनिधि वृक्ष है. इससे घर में सुख और समृद्धि आती है. वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि घर में या घर के सामने केले का पेड़ हो तो इससे घर के कई वास्तुदोष दूर हो सकते हैं.
धार्मिक मान्यताओं में केले और उसके वृक्ष को प्रमुखता दी गई है, उसके बावजूद यह पेड़ और इसका फल भारतीय नहीं है. केले को लेकर कई दंतकथाएं हैं लेकिन प्रामाणिक रूप से यह माना जाता है कि करीब 4000 वर्ष पूर्व मलेशिया में केला पैदा हुआ और विश्वभर में इसका प्रसार हुआ. कहा यह भी जाता है कि संभवतः पपुआ न्यू गिनी में इन्हें सबसे पहले उपजाया गया था. वैसे 2000 वर्ष पूर्व लिेखे गए ग्रंथ 'चरकसंहिता' के 'फलवर्ग:' में केले का वर्णन है और इसकी तासीर को मधुर, स्निग्ध और भारी बताया गया है.
हैरानी की बात यह है कि केला विदेशी है, लेकिन भारत में इसका उत्पादन सबसे अधिक होता है. नई जानकारी के अनुसार इसकी विश्वभर में भारत की हिस्सेदारी करीब 25 प्रतिशत है. उसके बाद चीन, फीलीपींस, इंडोनेशिया और ब्राजील केले के उत्पादक देश हैं. केला एक ऐसा फल है, जिसके अंदर अन्य फलों की तरह बीज नहीं होता है. केले का बीज इसके पेड़ की जड़ में पाया जाता है. केले में कैलोरी की मात्रा बहुत अधिक होती है.
डॉ. पीके जैन का कहना है कि केले में अन्य फलों की अपेक्षा कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं. यह दिमाग की ताकत बढ़ाता है. डिप्रेशन में भी केला खाना फायदेमंद है इसमें अमीनो एसिड होने से हार्मोन का लेवल सही रहता है. इसमें मौजूद फाइबर वजन घटाने और पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं.
आयुर्वेदाचार्य डॉ. वीना शर्मा के अनुसार ज्यादा केले खाने से पेट में गैस हो सकती है, साथ ही सिरदर्द की आशंका भी हो सकती है. कब्ज होने पर पका केला खाने से आराम होता है, लेकिन कच्चा केला खा लिया तो कब्ज हो सकती है. केले को हिंदी में केला, बंगाली में कौला या` ढक्कई, मलयालम में वला, तमिल में वलाई, तेलुगु में आसी, असमिया में कोल, गुजराती में केला, कन्नड़ में बालेगिड़ा, मराठी में केल, उड़िया में कोडोली, अंग्रेजी में बनाना (Banana) कहा जाता है.


Next Story