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गर्भपात रोकने वाली दवा से संतान में कैंसर का खतरा अधिक जानिए

Teja
19 Nov 2021 5:43 AM GMT
गर्भपात रोकने वाली दवा से संतान में कैंसर का खतरा अधिक जानिए
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गर्भपात रोकने वाली दवा से संतान में कैंसर का खतरा अधिक जानिए 

गर्भपात रोकने के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं के प्रयोग से संतान में कैंसर का खतरा अधिक है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्कगर्भपात रोकने के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं के प्रयोग से संतान में कैंसर का खतरा अधिक है। एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकल कर सामने आए हैं। ह्यूस्टन में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास हेल्थ साइंस सेंटर के शोधकर्ताओं की तरफ से किए गए अध्ययन के निष्कर्ष 'अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गॉयनोकोलॉजी' में प्रकाशित हुए हैं।

दवा, 17-ओएचपीसी जिम्मेदार, प्रयोग पर कैंसर का दोगुना तक खतरा
शोधकर्ताओं के मुताबकि दवा 17-ओएचपीसी, एक सिंथेटिक प्रोजेस्टोजन है, जिसका उपयोग अक्सर महिलाओं द्वारा 1950 और 1960 के दशक में किया जाता था और आज भी समय से पहले जन्म को रोकने में मदद करने के लिए यह दवा महिलाओं को दी जाती है। प्रोजेस्टेरोन गर्भावस्था के दौरान गर्भ को बढ़ने में मदद करता है और एक महिला को जल्दी संकुचन होने से रोकता है। अध्ययन की लेखक पीएचडी एमपीएच कैटलिन सी मर्फी के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान दवा लेने वाली महिलाओं से पैदा हुए बच्चों में इस दवा को न लेने वाली महिलाओं से पैदा हुए बच्चों की तुलना में उनके जीवनकाल में कैंसर की दर दोगुनी होती है।
1960 के दशक में जन्मे बच्चों पर अध्ययन
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 1960 के दशक में जन्मे बच्चों पर अध्ययन किया है। मर्फी ने कहा, हमने 1960 के दशक में और उसके बाद पैदा हुए लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर, अग्नाशय कैंसर, थायरॉयड कैंसर और कई अन्य जैसे कैंसर देखे हैं, लेकिन वास्तव में कोई नहीं जानता कि इसका कारण क्या है। अध्ययन के तहत शोधकर्ताओं ने जून 1959 और जून 1967 के बीच प्रसव पूर्व देखभाल प्राप्त करने वाली महिलाओं पर कैसर फाउंडेशन स्वास्थ्य योजना और कैलिफोर्निया कैंसर रजिस्ट्री के डेटा की समीक्षा की, जिसने शोधकर्ताओं ने 18,751 से लोगों के आंकड़ों का अध्ययन किया, इसमें से 1,008 लोगों को कैंसर हुआ था और इन लोगों में से 234 लोग गर्भावस्था के दौरान दवा 17-ओएचपीसी के संपर्क में आए थे।



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