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जानिए कटहल की सब्जी के बारे में रोचक बातें

Tara Tandi
16 Jun 2022 11:05 AM GMT
जानिए कटहल की सब्जी के बारे में रोचक बातें
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अगर आपसे पूछा जाए कि दुनिया का सबसे बड़ा और वजनी फल कौन सा है? आप चकरा सकते हैं क्योंकि फल को तो अमूमन खूबसूरत सा और सामान्य साइज का माना जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आपसे पूछा जाए कि दुनिया का सबसे बड़ा और वजनी फल कौन सा है? आप चकरा सकते हैं क्योंकि फल को तो अमूमन खूबसूरत सा और सामान्य साइज का माना जाता है. अगर बहुत सोचा तो हमारे दिमाग में तरबूज का नाम आ सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है. तरबूज, खरबूजा या सफेदा आम न तो विश्व का सबसे बड़ा फल है और न ही सबसे भारी. असल में सबसे बड़ा फल कटहल है, जिसका अमूमन साइज 10 से 25 किलो तक हो सकता है. यह खूबसूरत भी नहीं है, क्योंकि इसका छिलका कांटों से सजा होता है और इसे कच्चा भी बहुत कम खाया जाता है. आमतौर पर कटहल को सब्जी ही माना जाता है, लेकिन वनस्पति शास्त्र में इसे फल कहा गया है.

विशेष बात यह है कि कटहल की उत्पत्ति भारत में ही मानी जाती है और हजारों सालों से भारत में इसे खाया जा रहा है. भारत से ही यह अन्य देशों में गया और वहां भी इसने नाम कमाया.
भारत में पैदा होकर पूरी दुनिया में फैला
दक्षिण भारत सहित उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में हजारों सालों से कटहल के पेड़ पाए जाते हैं और इसकी उत्पत्ति मोटे तने से निकले फूलों से होती है. भारत के आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसकी जानकारी दी गई है और कहा जाता है कि देश में इसकी उत्पत्ति 3000 ईसा पूर्व से हो रही है. भारत के अलावा कटहल का पेड़ बांग्लादेश, मलेशिया, बर्मा, श्रीलंका, इंडोनेशिया, फिलीपींस, कैरीबियाई द्वीपों में, पश्चिम अफ्रीका में भी पाया जाता है.
इसके अलावा उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील आदि देशों में यह उगाया और खाया जाता है. भारत में ही उत्पत्ति के बाद कटहल पड़ोसी देशों तक पहुंचा, फिर इसने आगे की रफ्तार पकड़ी.
मसालेदार सब्जी मटन जैसा देती है स्वाद
कटहल की एक बड़ी विशेषता यह है कि जो लोग शाकाहारी हैं और वे नॉनवेज को खाए बिना उसका स्वाद पाना चाहते हैं तो मसाले में अच्छी तरह से बनी हुई कटहल की सब्जी को खाकर देखें, उन्हें पता चल जाएगा कि मटन मसाले का स्वाद कैसा होता है. यह साइज में बड़ा होता है, बहुत महंगा भी नहीं बिकता, इसलिए लोग इसे खूब खाते हैं. बांग्लादेश और श्रीलंका ने तो कटहल को राष्ट्रीय फल घोषित कर रखा है तो भारत में केरल व तमिलनाडु में इसे राजकीय फल का दर्जा हासिल है.
यह सब्जी के बजाय फल इसलिए है कि इसकी उत्पत्ति फूलों से होती है. विशेष बात यह है कि कटहल के पेड़ पर नर और मादा फूल लगते हैं, लेकिन मादा फूल से ही कटहल बनता है. नर फूल खिलने के बाद सूखकरबिखर जाता है.
'चरकसंहिता' में पका कटहल ही खाने की सलाह
कटहल शरीर के लिए तो लाभकारी है ही, इसके सेवन से चिकित्सीय लाभ भी मिलते हैं. प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ 'चरकसंहिता' में इसे 'पनसम्' कहा गया है. वहां पका कटहल खाने की सलाह दी गई और कहा गया है कि यह खाने में मधुर, हलका सा कसैला, स्निग्ध के अलावा भारी होता है. आधुनिक युग में इस फल के और गुण उभरकर आए हैं, जैसे कटहल विटामिन और फाइबर से भरपूर है. इसमें विटामिन ए, बी-कॉम्प्लेक्स, विटामिन विटामिन सी और विटामिन ई भी उपलब्ध है. इस फल में आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और मैंगनीज जैसे खनिज प्रदान भी पाए जाते हैं.
अनेक गुण और उससे शरीर को अनेक लाभ
आहार विशेषज्ञ व योगाचार्य रमा गुप्ता के अनुसार इन्हीं गुणों के चलते कटहल बालों की जड़ों को मजबूत करता है, आंखों के लिए गुणकारी है. यह शरीर में खून को बढ़ाता है, जिससे एनीमिया की समस्या नहीं होती. कटहल शरीर की सूजन रोकने में कारगर है और हार्ट को फिट रखता है. यह झुर्रियों को रोकता है. इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों को पुष्ट करता है. यह लूज मोशन को भी रोकता है. इसके नुकसान यह हैं कि अधिक खाने से पाचन संबंधी समस्या पैदा हो सकती है. कभी-कभी यह मुंह व गले में खराश भी पैदा कर देता है. जिनको शुगर है, उन्हें भी इसका ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए.
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